नवरात्रि आठवां दिन - मां महागौरी की पूजा विधि, सामग्री और संस्कृत मंत्र,Navratri Eighth Din - Maa Mahagauri Pooja Vidhi, Saamagree Aur Sanskrt Mantr

नवरात्रि आठवां दिन - मां महागौरी की पूजा विधि, सामग्री और संस्कृत मंत्र

नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. मान्यता के मुताबिक, कठिन तपस्या से मां ने गौर वर्ण प्राप्त किया था. देवीभागवत पुराण के मुताबिक, मां महागौरी सफ़ेद वस्त्र और आभूषण पहनती हैं. इसलिए इन्हें श्वेतांबरधरा के नाम से भी जाना जाता है.देवी के हाथ में त्रिशूल और डमरू है. तीसरा हाथ अभय मुद्रा में है और चौथा हाथ वर मुद्रा में है. मां महागौरी का वाहन वृषभ है मां महागौरी की पूजा से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं, समस्त पापों का नाश होता है, सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और हर मनोकामना पूर्ण होती है

Navratri Eighth Din - Maa Mahagauri Pooja Vidhi, Saamagree Aur Sanskrt Mantr

माँ महागौरी की पूजा विधि

महागौरी की पूजा का विधान भी पूर्ववत है। इस दिन भी मां दुर्गा को पंचोपचार सहित पूजा की जाती है। पूजा में मां को शुद्ध सफेद वस्त्र, फूल, अक्षत, धूप, दीप, फल, मिठाई, आदि अर्पित किए जाते हैं। महागौरी की पूजा के दौरान देवी को श्वेत वस्त्र, श्वेत पुष्प, श्वेत चंदन, श्वेत फल, आदि अर्पित किए जाते हैं। इस दिन माता महागौरी के मंत्र ‘ओम देवी महागौर्यै नम:’ का जप करना चाहिए और मां को लाल चुनरी चढ़ानी चाहिए। सबसे पहले काठ (लकड़ी) की चौकी को गंगाजल से पवित्र करके उसके उपर लाल कपड़ा बिछाकर महागौरी माता तस्वीर या मूर्ति को स्थापित करने के बाद महागौरी यंत्र को की स्थापना करनी चाहिए।नवरात्रि की महाष्टमी के दिन प्रातः काल मे भक्त को स्नान आदि कर के पूरे विधि विधान से माँ महागौरी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

मां महागौरी की पूजा विधि इस प्रकार है:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ़ वस्त्र पहनें.
  • मां की मूर्ति को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं.
  • मां को सफ़ेद वस्त्र पहनाएं.
  • मां को सफ़ेद फूल अर्पित करें.
  • मां को रोली और कुमकुम लगाएं.
  • मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें.
  • मां को काला चना और हलवा का भोग लगाएं.
  • अंत में माता की आरती उतारें

मां महागौरी की पूजा के लिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ़-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए.
  • पूजा घर या साफ़ जगह पर चौकी रखकर सफ़ेद कपड़ा बिछाना चाहिए.
  • मां की प्रतिमा या तस्वीर रखनी चाहिए.
  • मां को नारियल का भोग लगाने की परंपरा है.
  • मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करने चाहिए.
  • भगवान को सिर्फ़ सात्विक चीज़ों का भोग लगाया जाता है.
  • मां का ध्यान लगाते हुए शुद्धिकरण करना चाहिए.
  • मां को फूल, माला, सिंदूर, अक्षत चढ़ाना चाहिए.
  • मां को मोगरे का फूल अर्पित करना चाहिए.
  • मां को नारियल की बर्फ़ी और लड्डू अवश्य चढ़ाना चाहिए.
  • दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती के साथ मां महागौरी के बीज मंत्र का जाप करें.
  • मां को भोग लगाने के लिए आप नारियल की बर्फ़ी भी बना सकते हैं.
  • मां को भोग लगाने के बाद जल अर्पित करें और घी का दीपक प्रज्वलित करें.
  • महागौरी यंत्र है तो उसे भी रख देना चाहिए.
  • कन्या पूजन कर रहे हैं तो मां को हलवा-पूड़ी, सब्ज़ी, काले चने, खीर का भी भोग लगाना चाहिए.
  • मां को लाल चुनरी अर्पित करनी चाहिए.
  • मां को रोली-कुमकुम लगाना चाहिए.
  • आखिर में आरती कर माता से गलती की क्षमा मांगे

मां महागौरी की पूजा षोडशोपचार विधि

  • मां महागौरी की षोडशोपचार पूजा करने के लिए, इन चरणों का पालन करें
  • चौकी पर माता महागौरी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें.
  • गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें.
  • व्रत और पूजा का संकल्प लें.
  • वैदिक और सप्तशती मंत्रों से माता महागौरी और अन्य स्थापित देवताओं की पूजा करें
आवाहन, आसन, पाद्य, अध्र्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें.

मां महागौरी की पूजा सामग्री:

नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. इस दिन मां को प्रसन्न करने के लिए कुछ चीज़ों की ज़रूरत होती है:
  • लाल या सफ़ेद फूलों की माला
  • रोली-कुमकुम
  • सिंदूर
  • अक्षत
  • धूप, दीप, अगरबत्ती
  • नारियल और इससे बनी चीज़ें
  • हलवा-पूड़ी, सब्ज़ी, खीर
  • काले चने
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ
  • मां महागौरी के बीज मंत्र का जाप
  • माता के कल्याणकारी मंत्र ओम देवी महागौर्यै नम: मंत्र का जाप
  • कपूर या दीपक से आरती
  • मिठाइयां, सूखे मेवे, और फल

मां महागौरी के कुछ संस्कृत मंत्र

  • श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बर धरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
  • वन्दे वांछित कामार्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्। सिंहारूढाचतुर्भुजामहागौरीयशस्वीनीम्॥
  • ओंकारः पातु शीर्षो मां, हीं बीजं मां, ह्रदयो। क्लीं बीजं सदापातु नभो गृहो च पादयो॥ 

मां महागौरी का मंत्र और मंत्र का अर्थ

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। 
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
अर्थ:-
"हे माँ! सर्वत्र विराजमान और माँ गौरी के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। हे माँ, मुझे सुख-समृद्धि प्रदान करो"

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