नवरात्रि नौवां दिन - मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि, सामग्री और संस्कृत मंत्र,Navratri Ninth Din - Maa Siddhidatri Pooja Vidhi, Saamagree Aur Sanskrt Mantr

नवरात्रि नौवां दिन - मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि, सामग्री और संस्कृत मंत्र

नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. मां दुर्गा के नौवें स्वरूप को सिद्धिदात्री कहते हैं. सिद्धिदात्री का मतलब है, अलौकिक शक्तियां देने वाली. मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं और घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती.

Maa Siddhidatri Pooja Vidhi, Saamagree Aur Sanskrt Mantr

मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि

नवरात्रि की नवमी पर स्नान के बाद हरा मोर रंग वाले वस्त्र पहनें, ये देवी सिद्धिदात्री का प्रिय रंग है. पंचोपोचार विधि से देवी की उपासना करें. कमल या गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें. कन्या भोजन के लिए बनाए प्रसाद हलवा, चना, पूड़ी का प्रसाद चढ़ाएं. "ॐ ह्रीं दुर्गाय नमः  मंत्र का एक 108 बार जाप करें. कन्या पूजन करें. दान-दक्षिणा दें और कन्याओं से आशीर्वाद लेकर उन्हें विदा करें. पूरे विधि विधान से देवी के सहस्त्रनामों का जाप करते हुए हवन करें. नवमी तिथि समाप्त होने के बाद ही व्रत खोलें

मां सिद्धिदात्री की पूजा की विधि के कुछ प्रकार

  • सुबह स्नान के बाद मां सिद्धिदात्री की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें.
  • मां को सफ़ेद रंग के वस्त्र अर्पित करें.
  • मां को स्नान कराएं और रोली-कुमकुम लगाएं.
  • मां को सिंदूर, अक्षत, फूल, माला, फल, मिठाई आदि चढ़ाएं.
  • मां को प्रसाद में नौ प्रकार के फल, नौ प्रकार के फूल, नवरस युक्त भोजन, और नौ प्रकार के पकवान अर्पित करें.
  • मां को प्रसन्न करने के लिए तिल का भोग लगाएं और कमल का फूल अर्पित करें.
  • मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए इन चीज़ों का भोग लगाएं:
  • पूड़ी
  • हलवा
  • चना
  • खीर
  • नारियल
  • मां का ध्यान करें.
  • मां की आरती करें.
  • कन्या पूजन करें. इस दिन 2 से 10 साल की कन्याओं का पूजन और भोजन कराया जाता है.
  • प्रसाद ग्रहण करके व्रत का पारण करें

मां सिद्धिदात्री की पूजा के लिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • मां को सफ़ेद रंग के वस्त्र अर्पित करें.
  • मां को स्नान कराएं.
  • मां को रोली और कुमकुम लगाएं.
  • मां को मिठाई, पंचमेवा, और फल अर्पित करें.
  • मां को नौ प्रकार के फल, नौ प्रकार के फूल अर्पित करें.
  • मां को हलवा, पूरी, चने, और नारियल का भोग लगाएं.
  • मां को भोग लगाने के बाद उनका ध्यान करें.
  • पूजन के अंत में मां सिद्धिदात्री की आरती करें.
  • इस दिन 2 से 10 साल की कन्याओं का पूजन और भोजन कराएं.
  • पूजा के अंत में देवी दुर्गा के लिए 9 दिनों तक रखे गए व्रत एवं पूजन में भूलचूक के लिए मन ही मन में क्षमा प्रार्थना करें.
  • मां सिद्धिदात्री की पूजा संपन्न हो जाने के बाद सभी को प्रसाद बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें. 

मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि षोडशोपचार

नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के लिए षोडशोपचार विधि का पालन किया जाता है. षोडशोपचार पूजा में ये चीज़ें शामिल हैं:-
इसमें आवाहन, आसन, पाद्य, अध्र्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें। इसके बाद प्रसाद वितरण कर कन्या पूजन करें।

मां सिद्धिदात्री की पूजा सामग्री

  • मां सिद्धिदात्री की पूजा के लिए कुछ खास चीज़ें चाहिए होती हैं:
  • लाल चुनरी
  • लाल वस्त्र
  • साफ़ चावल
  • सफ़ेद रंग के वस्त्र
  • शंख, सिंदूर, रोली, मौली
  • कपूर, धूप
  • सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ
  • पटरा, आसन, चौकी
  • पंचमेवा, जायफल, जावित्री, कमलगट्टा
  • नैवेद्य, बताशा, मधु, शक्कर, नारियल
  • कुमकुम
  • रोली
  • मिठाई, पंच मेवा, फल

मां सिद्धिदात्री के कुछ संस्कृत मंत्र

मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए तिल का भोग लगाएं और कमल का फूल अर्पित करें. इस दौरान आपको ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः मंत्र का उच्चारण करना चाहिए
  • ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः, 
  • ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नमः, 
  • ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नमः

मां सिद्धिदात्री का मंत्र और मंत्र का अर्थ

या देवी सर्वभू‍तेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
अर्थ:
हे मां! सर्वत्र विराजमान और मां सिद्धिदात्री के रूप में प्रसिद्ध, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है.

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