नवरात्रि सातवां दिन - मां कालरात्रि की पूजा विधि, सामग्री और संस्कृत मंत्र,Navratri Seventh Din - Maa Kalratri Pooja Vidhi, Saamagree Aur Sanskrt Mantr

नवरात्रि सातवां दिन - मां कालरात्रि की पूजा विधि, सामग्री और संस्कृत मंत्र

नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा की सातवीं शक्ति मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. मां कालरात्रि को महायोगीश्वरी, महायोगिनी, और शुभंकरी कहा जाता है. मां कालरात्रि की पूजा से सभी नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है

Maa Kalratri Pooja Vidhi, Saamagree Aur Sanskrt Mantr

मां कालरात्रि की पूजा विधि

नवरात्रि के सातवें दिन की पूजा अन्य दिनों की तरह ही की जाती है। मां कालरात्रि की पूजा सुबह और रात्रि के समय में भी की जाती है। माता कालरात्रि की पूजा लाल कंबल के आसान पर करें। स्थापित तस्वीर या प्रतिमा के साथ आसपास की जगहों पर गंगाजल से छिड़काव करें। इसके बाद घी का दीपक जलाकर पूरे परिवार के साथ माता के जयकारे लगाएं। इसके बाद रोली, अक्षत, चंदन आदि चीजें अर्पित करें। साथ ही अगर आप अग्यारी करते हैं तो लौंग, बताशा, हवन सामग्री अर्पित करें। मां कालरात्रि को रातरानी के फूल चढ़ाएं जाते हैं और गुड़ का भोग लगाया जाता है। 

मां कालरात्रि की पूजा विधि के कुछ प्रकार

  • सुबह स्नान करके साफ़ वस्त्र पहनें.
  • माता की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं.
  • मां को लाल वस्त्र अर्पित करें.
  • मां को पुष्प अर्पित करें, रोली कुमकुम लगाएं.
  • मिष्ठान, पंचमेवा, पांच प्रकार के फल माता को भोग में लगाएं.
  • माता कालरात्रि को शहद का भोग अवश्य लगाना चाहिए.
  • इसके बाद माता कालरात्रि की आरती करें.
  • माता कालरात्रि को रातरानी पुष्प अति प्रिय है.
  • पूजन के बाद माता रानी के मंत्रों का जाप करना शुभ होता है
  • मां कालरात्रि की पूजा सुबह और शाम दोनों समय की जाती है. पूजा की कुछ विधियां इस प्रकार हैं:
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़-सुथरे कपड़े पहन लें.
  • मां की मूर्ति को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं.
  • मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें.
  • मां को रोली, अक्षत, चंदन, लौंग, बताशा, और हवन सामग्री अर्पित करें.
  • मां को फूल चढ़ाएं और कपूर या दीपक से आरती उतारें.
  • मां कालरात्रि को शहद का भोग लगाएं.
  • मां कालरात्रि का अधिक से अधिक ध्यान करें.
  • मां की पूजा के बाद शिव और ब्रह्मा जी की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए.
  • नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है.

मां कालरात्रि की पूजा के लिए, इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़-सुथरे कपड़े पहन लें.
  • मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं.
  • मां कालरात्रि को गुड़ से बने मालपुए का भोग लगाएं.
  • मां कालरात्रि को अपराजिता के फूल चढ़ाएं.
  • मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें.
  • मां कालरात्रि की कृपा पाने के लिए उनके सामने तिल या सरसों के तेल का दीया जलाएं.
  • मां कालरात्रि को काली उड़द की दाल दान करें.
  • मां को रोली-कुमकुम लगाएं.
  • मां को मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल अर्पित करें.
  • मां की पूजा के बाद उनकी आरती करें और प्रसाद बांटें.
  • मां कालरात्रि को शहद का भोग अवश्य लगाएं.
  • मां कालरात्रि की पूजा में उनके दिव्य मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ॐ कालरात्रि दैव्ये नम:' का जप अवश्य करें
  • अगर परिवार में हमेशा लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं, तो इससे निपटने के लिए मां कालरात्रि को गुड़ और काले तिल के लड्डूओं का भोग लगाएं.
  • शत्रुओं से बचने के लिए ॐ कालरात्र्यै देव्यै: नमः मंत्र का 108 बार जाप करें.
  • अगर आप नकारात्मकताओं से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो कालरात्रि जी को एक नींबू चढ़ाएं

मां कालरात्रि की पूजा षोडशोपचार विधि

इसमें आवाहन, आसन, पाद्य, अध्र्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें। तत्पश्चात प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्न करें।

मां कालरात्रि की पूजा सामग्री: 

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. इस दिन मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए कुछ सामग्री की ज़रूरत होती है:
  • गुड़
  • गुड़ से बनी मिठाई
  • गुड़ का मालपुआ
  • रातरानी का फूल
  • नींबू से बनी माला
  • शहद
  • पंचमेवा
  • पांच तरह के फल 

मां कालरात्रि के संस्कृत मंत्र

  • 'ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।'
  • 'एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी। वामपादोल्ल सल्लोहलता कण्टक भूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥'
  • 'या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।'

कालरात्रि मंत्र का मंत्र और मंत्र का अर्थ

ॐ भूर्भुव स्वः कालरात्रि इहा गच्छ इहतिशा कालरात्रियै नमः 
कालरात्रिवाहयामि स्थापयामि नमः पध्यादिभिः पूजनाम्बिधाय !
अर्थ : 
मैं माँ कालरात्रि के स्थूल, सूक्ष्म और कारण शरीरों को मिलाकर अद्भुत रूप देखता हूँ। मैं उस दिव्य माँ की उपस्थिति का आह्वान करता हूँ जिसे अंधेरी रात के नाम से पुकारा जाता है। कृपया मेरी भेंटों से प्रसन्न हों और मुझे अपनी प्रचुर कृपा से आशीर्वाद दें।

ॐ चंदविराम चंदमयम् रक्तबीजा प्रबंजनिम् तम नमामि च देवेसिं गायत्रीं पूजयाम्यहम् !
अर्थ :
ॐ, आप क्रोध और माया के सबसे बड़े विजेता हैं। आप मेरे क्रोध को जड़ से मिटा दें और मेरे अहंकार को सीमित कर दें। मैं रक्तबीज राक्षस का नाश करने वाली आपको नमन करता हूं और ज्ञान के तीन रूपों की देवी गायत्री के रूप में आपकी पूजा करता हूं ताकि आप मुझे अपनी दिव्य सुरक्षा प्रदान करें।

नवरात्रि के सातवें दिन के लिए उपाय:

  • नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि के बीज मंत्र 'ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः' का सवा लाख जप करना चाहिए.
  • इसके बाद रात्रि जागरण करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.
  • ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं.
  • इनकी पूजा से शनि के दुष्प्रभाव दूर होते हैं

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