Rnamochak Stotr : ऋणमोचन मंगल स्तोत्र ,मंगल के 21 नाम,Rnamochak Mangal Stotr ,Mangal Ke 21 Naam

Rnamochak Stotr : ऋणमोचन मंगल स्तोत्र ,मंगल के 21 नाम

Rnamochak Mangal Stotra धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करने से कर्ज़ से मुक्ति मिलती है और आर्थिक संकट दूर होता है. इस स्तोत्र का पाठ करने से इंसान के दुख खत्म होते हैं और दरिद्रता नष्ट हो जाती है. इसके अलावा, मानसिक और शारीरिक पीड़ा से भी राहत मिलती है. ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और बीमारियों जैसे कि तनाव आदि से भी निजात मिलती है. इस स्तोत्र का पाठ करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और मां लक्ष्मी की कृपा बरसनी शुरू हो जाती है. ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करने से मंगल भगवान खुश होकर धन-धान्य प्रदान कराते हैं
Rnamochak Mangal Stotr ,Mangal Ke 21 Naam

ऋणमोचन मंगल स्तोत्र(Rnamochak Mangal Stotr)

मङ्गलो भूमिपुत्रश्य ऋणहर्ता धनप्रदः । 
स्थिरासनो महाकाय: सर्वकर्मावरोधकः ॥१॥
लोहितो लोहिताङ्गश्च सामगानां कृपाकरः।
धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः ॥२ ॥
अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः ।
वृष्टे कर्ता हर्ता च सर्वकामफलप्रद ॥ ३ ॥ 
एतानि कुजनामानि नित्यं यः श्रद्धया पठेत् । 
ऋणं न जायते तस्य धनं शीघ्रमवाप्नुयात् ॥४॥
धरणीगर्भसम्भूतं विद्युत्कान्ति - समप्रभम । 
कुमार शक्तिहरतं च मङ्गलं प्रणमाम्यहम 114 11 
स्तौत्रमङ्गारकस्यैतत् पठनीयं सदा नृभिः। 
न तेषां भौमजा पीडा स्वल्पाऽपि भवति क्वचित् ॥ ६ ॥
अङ्गारक ! महाभान ! भगवन्! भक्तवत्सल ! 
त्वां नमामि माशेषमृणमाशु विनाशय ॥७॥ 
ऋणरोगादि-दारिद्रयं ये चाऽन्ये ह्यपमृत्यवः । 
भय-क्लेश-मनस्तापा नश्यन्तु  मम सर्वदा ॥८ ॥ 
अतिवक्र ! दुराराध्य ! भोगमुक्तजितात्मनः । 
तुष्टो ददासि साम्राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात् ॥९॥ 
 विरिञ्च शक्र - विष्णूनां मनुष्याणां तुक्रा कथा। 
तेन त्वं सर्वसत्त्वेन ग्रहराजो महाबलः ॥१० ॥
 पुत्रान् देहि धनं देहि त्वामस्मि शरणं गताः ।
 ऋणदारिद्र्यदुः खेन शणूणां च भयात्ततः ॥ ११ ॥ 
एभिर्द्वादशभिः श्लौकैर्यः स्तौति च धरासुतम्। 
महतीं श्रियमाप्नोति ह्यपरो धनदो युवा ॥ १२ ॥

ऋणमोचक मंगल स्तोत्र में मंगल के 21 नाम हैं

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ पूरे मन से करने पर कर्ज़ से धीरे-धीरे मुक्ति मिलती है और आर्थिक संकट दूर होता है-

 ऋणमोचक मंगल 21 नाम

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श्री ऋणमोचक मंगल स्तोत्र पाठ की विधि

  • ऋणमोचक मंगल स्तोत्र पाठ करने के लिए शुक्ल पक्ष की कोई शुभ तिथि का चयन करें।
  • शुभ तिथि मंगलवार होनी चाहिए।
  • ऋणमोचक मंगल स्तोत्र पाठ करने के दिन में प्रातः काल जल्दी उठकर स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र को धारण कर लें।
  • इसके बाद घर के पूजा स्थान पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमानजी की प्रतिमा को स्थापित करें।
  • प्रतिमा की विधि-विधान से पूजा कर ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ शुरू करें।

ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करने के लिए ये नियम हैं

  • शुक्ल पक्ष की शुभ तिथि का चुनाव करें. शुभ तिथि मंगलवार होनी चाहिए.
  • पाठ करने के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़ कपड़े पहन लें.
  • लाल आसन पर बैठकर ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करें.
  • पाठ करने से पहले भौम प्रदोष व्रत और सर्वार्थ सिद्धि योग का होना अच्छा माना जाता है.
  • साथ ही, हनुमान जी के मंदिर भी जाएं.
  • कम से कम 11 मंगलवार तक ये नियम अपनाएं
  • पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें.
  • विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा करें.
  • कर्ज से छुटकारा पाने के लिए इस स्तोत्र का पाठ रोज़ाना या हर मंगलवार को करें.

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