श्री श्याम बाबा शायरी ! खाटू श्याम बाबा !,Shri Shyam Baba Shayari! Khatu Shyam Baba!

श्री श्याम बाबा शायरी ! खाटू श्याम बाबा !

राजस्थान के सीकर ज़िले के खाटू श्याम जी का मंदिर भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण स्थल है. यह मंदिर हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान को धारण करता है और आज जन-जन की आस्था का प्रतीक है. खाटू श्याम जी को भगवान श्री कृष्ण के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे भाव से खाटूश्याम का नाम उच्चारण करता है, तो उसका उद्धार संभव है. अगर भक्त सच्ची आस्था, प्रेम-भाव से खाटूश्याम की पूजा-अर्चना करता है, तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं
Shri Shyam Baba Shayari! Khatu Shyam Baba!

श्री श्याम बाबा शायरी ! खाटू श्याम बाबा !(Shri Shyam Baba)

जब से तेरी नजर हम पर हो गई है
सारे जमाने को ये खबर हो गयी है।
आये थे तेरे दर पर हम दीन बन कर 
आज शंहनशाहों जैसी कदर हो गयी है।
।। जय श्री श्याम।।
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 मन मंदिर मे तुझे बैठाकर, 
श्याम नित भाव की गंगा बहा दूं । 
कुछ ओर देने को नही है श्याम, 
बस भावों का भोग लगा दूं ।।
।।जय श्री श्याम।।
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सूरत ऐसी सब गुलामी करें
कदम ऐसे की फरिश्ते चूमा करें
और जिसने एक नजर देखा तुझे
वो होके दीवाना  खाटू की गलियों में घूमा करें
।। जय श्री श्याम।।
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तेरी मोहनी सूरत को श्याम, 
इस दिल मे मैं बसा लूं । 
और इस जीवन को मैं, 
तेरे नाम के फूलो से सजा दूं ।। 
।।जय श्री श्याम।।
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नयनों में छुपे रहना, सांसो में बसे रहना
अरदास मेरी कान्हा, तुम साथ सदा रहना
।। जय श्री श्याम।।
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 नजर पड़ी जब श्याम की मुझ पर, 
तब जाके ये संसार मिला। 
बड़े ही भाग्यशाली है हर श्यामप्रेमी, 
जो उनको श्याम का प्यार मिला।।
।।जय श्री श्याम।।
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कैसे कह दूँ इस पागल की, हर दुआ बेअसर हो गई।
मैं जब जब भी रोया, मेरे  खाटू वाले को खबर हो गई।।
 ।। जय श्री श्याम।।
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बाबा तू ही वंदन, 
तू ही पूजा तेरे सिवा ना जानू दूजा, 
तेरे सहारे सफर ये जारी, 
तू ही संग रहना बस मुरारी…
।।जय श्री श्याम।।
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पलके झुका के नमन करे मस्तक झुका के वंदना करे। 
ऐसी नज़र दे दे मेरे कान्हा जो बंद होते ही आपके दीदार करे।
।।जय श्री श्याम।।
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किस्मत में जिसके श्याम हो उसे जिन्दगी से क्या चाहिए
धड़कन में जिसके श्याम हो उसे दुनिया से क्या चाहिए
हम तो जीते है श्याम के गुणगान के लिये
वरना इन सांसो से हमे क्या चाहिए।
।। जय श्री श्याम।।
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दरबार तेरा दरबारो मे एक खास अहमियत रखता है। 
उसको वैसा मिलता है जो जैसी नियत रखता है।
।।जय श्री श्याम।।
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जाना है मुझे वहाँ पे जहाँ, मेरे श्याम की खुशबू आये,
चलना है उस राह पे, जो मेरे श्याम से मिलाए
नहीं मेरा कोई अस्तित्व, मेरे श्याम ही मुझसे समाए
तो उन्ही का दीवाना हूँ, एक वही नाम सुहाए
।। जय श्री श्याम।।
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दिल की धड़कनों को थाम लो, 
ज़रा सब्र से तो काम लो, 
आ जाएगी आप के चेहरे पर मुस्कुराहट, 
ज़रा हौले से तो जय श्री श्याम बोल लो।
।।जय श्री श्याम।।
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मेरे हाथ में कुछ भी नहीं 
सब है श्याम तेरे हाथों में
याद किया है हर पल तुझे
क्या दिन क्या रातों में 
।।जय श्री श्याम।।
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हाथ में हाथ लिए साथ चलना  बाबा, 
आस बस तुमसे है लाज रखना बाबा, 
दुनिया वाली गलियों से मुह ही मोड़ लिया, 
इस जग की मायानगरी से रिश्ता तोड़ लिया, 
नाता जोड़ लिया तुमसे नाता जोड़ लिया।।
।।जय श्री श्याम।।
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करता हूँ यह नम्र निवेदन 
 खाटू धाम जाने वालों से
जय श्याम की कहते जाना 
हाथ मिलाने वालों से
।।जय श्री श्याम।।
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 फाल्गुन में श्याम से मुलाकात होगी। 
जितनी मन में दबी है वो हर बात होगी। 
भक्तों पर श्याम कृपा की बरसात होगी। 
किस्मत से जो मिलेगी, वो ग्यारस की रात होगी।
।।जय श्री श्याम।।
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जहाँ तेरे चरण पड़े मेरे  बाबा श्याम
वहाँ वहाँ मुझे दिखे उजाला
मैं क्यों डर जाऊँ इन अंधेरों से
मेरा तो रक्षक है सावरिया खाटूवाला
।।जय श्री श्याम।।
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सच्चा है बस नाम तुम्हारा, 
भाव का भूखा श्याम हमारा, 
सच्चा हो गर भाव तुम्हारा, 
पुष्प से भी रीझे श्याम हमारा।
।।जय श्री श्याम।।
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बारिश की हर बूँद में ओ साँवरिये
मुझे तेरा ही अक्स नजर आता है 
तपती हुई मरूभूमि पर पड़ती बारिश जैसे
तू मेरी रूह में उतर जाता है
।।जय श्री श्याम।।
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श्री श्याम श्याम तो मैं रटुँ,
 श्याम है ज़ीवन प्राण श्याम भक्त जग में बड़े, 
उनको करू प्रणाम  खाटु नगर के बीच में, 
बण्यो आपको धाम फाल्गुन शुक्ला मेला भरे, 
जय जय  बाबा श्याम
।। जय श्री श्याम।।
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तेरे नाम की धारा में श्याम खाटूवाले
मेरा रोम रोम बहता जाऐ
यश कीर्ति तेरा गुणगान करूँ
ह्रदय बस श्याम श्याम कहता जाऐ
।।जय श्री श्याम।।
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पूरी नहीं होती उनकी मुरादें जो साथ आया अंहकार के। 
लौटा नहीं वो दर से खाली जो आया है सब हार के। 
।। जय श्री श्याम।।
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मेरी तकदीर के मालिक,मेरी तकदीर तो तुम हो।
जो उभरी है सितारो पे, मेरी तस्वीर तुम हो।
यह दौलत, यह शोहरत, सफर श्मशान तक का है।
जो आखिर साथ जाना है, असल जागीर तो तुम हो।
।। जय श्री श्याम।।
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तू है तो मैं हूँ, तेरे बिन मैं कुछ भी नहीं
मेरा तो अस्तित्व तेरे हाथ में
मैं तो बस बाबा यह जानू कि मेरा 
कोई क्या बिगाड़े जब तू है मेरे साथ में
।।जय श्री श्याम।।
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अर्जियाँ कबुल करता है श्याम तुम थोडा सा धीरज धरना, 
धीरज का मिलता मीठा फल ये है मेरे श्याम का कहना।
।।जय श्री श्याम।।
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मेरे दिन मेरी रात मेरे सवेरे मेरी शाम
मेरे पल पल मेरे क्षण क्षण 
यूँ ही रहना मेरे साथ मेरे  खाटू वाले बाबा
मैं जीत जाऊँगा जीवन का हर रण
।।जय श्री श्याम।।
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