Shyam Baba : श्याम बाबा शायरी हिंदी 4 लाइन,Shyam Baba Shayari Hindi 4 Line

Shyam Baba : श्याम बाबा शायरी हिंदी 4 लाइन,

श्रीकृष्ण ने ब्राह्मण का रूप बदलकर बर्बरीक को रोकने की कोशिश की. ब्राह्मण रूप धारण कर कृष्ण ने बर्बरीक से दान में उसका शीश मांग लिया. ऐसा दान मांगते ही बर्बरीक समझ गए कि, यह कोई साधारण ब्राह्मण नहीं है. बर्बरीक ने उनसे अपने वास्तविक रूप में आने को कहा. इसके बाद श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को दर्शन दिए. श्रीकृष्ण के दर्शन होते ही बर्बरीक ने खुशी-खुशी अपना शीश दान कर दिया. बर्बरीक की भक्ति और बलिदान से श्रीकृष्ण बहुत प्रसन्न हुए और वरदान दिया कि, तुम कलयुग में मेरे श्याम नाम से पूजे जाओगे. जो लोग तुम्हारी भक्ति और पूजा करेंगे उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी !
Shyam Baba Shayari Hindi 4 Line

Shyam Baba : श्याम बाबा शायरी हिंदी 4 लाइन !

कई देवता इस दुनिया में हैं, 
सब के रूप सुहाने हैं
खाटू में जो सजकर बैठे हैं, 
हम बस उनके दीवाने हैं।
।। जय श्री श्याम।।
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काबिल न थे तुम्हारे हम फिर भी तुमसे प्यार करते चले गये
श्याम तेरे आने की उम्मीद में हम इंतजार करते चले गये।
जुदाई के आंसुओं ने जब आवाज दी हमको
तो हर आंसू में श्यामसुन्दर हम तुम्हारा दीदार करते चले गये।
।। जय श्री श्याम।।
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ख्वाबों की सजी थी महफिल, 
पर हसरत नीलाम हो गई।
तूने क्या एक नजर देखा सांवरे, 
मेरी रूह तक गुलाम हो गई।।
।। जय श्री श्याम।।
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जिन्दगी है दाव पर,
और दाव है तेरे हाथ में
क्यूं करूं चिंता श्याम, 
जब तू मेरे साथ में
।। जय श्री श्याम।।
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जुबां के हर शब्द पा नाम है तेरा
तेरे नाम से ही तो होता है मेरा सवेरा
मेरे मन के हर कोने पर श्याम तेरा बसेरा
मेरा जीवन सुखी है देख श्याम आपका चेहरा
।। जय श्री श्याम।।
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सच्चा साथी श्याम,
हमारा बाकी भूल भूलैया है ।
भवसागर का एक ही,
 माँझी अपना श्याम कन्हैया है ।।
।। जय श्री श्याम ।।
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तू चाहे तो मेरा हर काम साकार हो जाये,
तेरी कृपा से खुशियों की बहार हो जाये,
यूं तो कर्म मेरे भी कुछ खास अच्छे नहीं,
मगर तेरी नजर पड़े तो मेरा उद्धार हो जाये।
।। जय श्री श्याम।।
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तेरे दरबार में आकर, ख़ुशी से फूल जाता हूँ।
गम चाहे कैसा भी हो, मै आकर भूल जाता हूँ।।
बताने जो बात आऊ, वही मै भूल जाता हूँ।
ख़ुशी इतनी मिलती है कि, मांगना भूल जाता हूँ।।
।। जय श्री श्याम ।।
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जब जब हूँ मैं बाबा हारा,
श्याम तूने दिया सहारा,
जब जब ना मिला किनारा,
श्याम तूने पार उतारा।
।। जय श्री श्याम।।
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किस्मत में जिसके श्याम हो उसे जिन्दगी से क्या चाहिये
धड़कन में जिसके श्याम हो उसे दुनिया से क्या चाहिये
हम तो जीते हैं श्याम के गुणगान के लिये
वरना इन सांसो से हमें क्या चाहिये।
।। जय श्री श्याम।।
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सपनों की मंजिल पास नहीं होती
जिन्दगी हर पल उदास नहीं होती
सांवरे पर यकीन रखना मेरे दोस्त,
कभी-कभी वो भी मिल जाता है जिसकी आस नहीं होती
।। जय श्री श्याम।।
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आओ बसाये मन मंन्दिर में, 
झांकी राधे श्याम की !
जिसके मन में श्याम नही, 
वो काया किस काम की !!
।। जय श्री श्याम।।
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तमन्ना हो श्याम से मिलने की,
तो बंद आंखों में भी नजर आयेगें,
महसूस करने की कोशिश तो कीजिये
दूर होते हुये भी पास नजर आयेगें।
।। जय श्री श्याम।।
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विपदा में साथ निभाता,
हारे को देते सहारा
आये हैं सुनकर दर पे ,
सुन कर नाम तुम्हारा !!
।। जय श्री श्याम।।
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जब मुझे यकीन है कि 
,कान्हा हमेशा मेरे साथ है,
तो इस से कोई फर्क नहीं पढ़ता ,
कि कौन-कौन मेरे खिलाफ है।
।। जय श्री श्याम।।
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है आरजू मेरी इतनी, मेरे साथ साथ रहना।
डोले जब जब मेरी किश्ती, मेरी बाहें थाम लेना।
तेरा साथ जिसने पकड़ा, वो रहा न बेसहारा।
दरिया में डूब कर भी, मिल गया तेरा सहारा।।
।। जय श्री श्याम।।
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श्याम नाम अनमोल खजाना, 
जो बोले सो पायेगा,
बाकी सारा इस धरा का, 
यहीं धरा रह जायेगा।।
।। जय श्री श्याम।।
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श्याम तेरे इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया,
हर खुशी से हमे अंजान कर दिया,
हमने तो कभी नही चाहा की, हमे भी मोहब्बत हो,
लेकिन आप की एक नज़र ने हमे, नीलाम कर दिया
।। जय श्री श्याम।।
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बड़े बड़े संकट टल जाते है, 
जब साथ हो श्याम हमारा।
हर विपदा पर भारी पड़ता, 
श्री श्याम का एक जयकारा।।
।। जय श्री श्याम।।
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हर कोई मुझे श्याम,
दीवाना कहने लगा है
आखिर ये उनकी,
कृपा जो है मुझपर !
।। जय श्री श्याम।।
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शब्दों को होठों पर रखकर
,दिल के भेद ना खोलो
मैं आंखों से ही सुन लेता हूँ , 
तुम आंखों से ही बोलों
।। जय श्री श्याम।।
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हर रोज सुबह तुम्हारा दर्शन किया करते हैं,
हर रोज ख्वाबों में तुम्हारा दीदार किये करते हैं।
दीवाने ही तो हैं हम बाबा श्याम तुम्हारे,
इसलिये हर वक्त तुम्हारे खाटूधाम आकर
तुमसे मिलने का इंतजार किया करते हैं।
।। जय श्री श्याम।।
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खुशियाँ नहीं मिलती मांग ने से, 
मंजिल नही मिलती रूक जाने से
भरोसा रखना खुद पर और श्याम पर, 
सब कुछ देता है वह, वक्त आने पर।
।। जय श्री श्याम।।
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केसर तिलक लगाकर बाबा..
मोर छङी लहराता है..
लीले चढकर दौङा आए.
जब दिल से कोई बुलाता है
।। जय श्री श्याम।।
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कली को रंग मिला, 
फूलों को निखार मिला
बहुत खुश नसीब हूँ मैं, 
जो मुझे श्याम का दरबार मिला
।। जय श्री श्याम।।
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दया तू इतनी कर दे,
श्याम कभी भरोसा टूटे ना.!
हाथ रहे तेरा सर पे.
सदा तू कभी मुझसे रूठे ना.!!
।। जय श्री श्याम।।
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मत घबराना विपदा से, 
श्याम दीवानों घड़ी घड़ी।
तुझ पर आने से पहले, 
विपदा को हरले मोर छड़ी।।
।। जय श्री श्याम।।
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सबसे बड़ी सरकार जगत की,
 हम उसके कर्मचारी है..!
श्री चरणों की मिली नौकरी, 
श्याम के हम आभारी है..!!
।। जय श्री श्याम।।
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बर्बरीक कैसे बने भगवान खाटू श्याम

बर्बरीक घटोत्कच का पुत्र था और बहुत शक्तिशाली व मायावी था. वह देवी दुर्गा का परम भक्त था और देवी से ही उसे 3 दिव्य बाण मिले थे. महाभारत युद्ध के दौरान बर्बरीक ने प्रण लिया कि इस युद्ध में जो हारेगा वह उन्हीं की तरफ से लड़ेंगे. लेकिन श्रीकृष्ण यह भली-भांति जानते थे कि, यदि बर्बरीक युद्ध स्थल पर आ गए तो पांडवों की हार तय है.
ऐसे में श्रीकृष्ण ने ब्राह्मण का रूप बदलकर बर्बरीक को रोकने की कोशिश की. ब्राह्मण रूप धारण कर कृष्ण ने बर्बरीक से दान में उसका शीश मांग लिया. ऐसा दान मांगते ही बर्बरीक समझ गए कि, यह कोई साधारण ब्राह्मण नहीं है. बर्बरीक ने उनसे अपने वास्तविक रूप में आने को कहा. इसके बाद श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को दर्शन दिए. श्रीकृष्ण के दर्शन होते ही बर्बरीक ने खुशी-खुशी अपना शीश दान कर दिया. बर्बरीक की भक्ति और बलिदान से श्रीकृष्ण बहुत प्रसन्न हुए और वरदान दिया कि, तुम कलयुग में मेरे श्याम नाम से पूजे जाओगे. जो लोग तुम्हारी भक्ति और पूजा करेंगे उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

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