मातंगी जयंती - पूजा विधि,महत्व,मातंगी मंत्र,मातंगी स्तोत्र के फ़ायदे,Matangi Jayanti - Worship Method, Importance, Benefits of Matangi Mantra, Matangi Stotra

मातंगी जयंती - पूजा विधि,महत्व,मातंगी मंत्र,मातंगी स्तोत्र के फ़ायदे

मातंगी जयंती, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार, श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। मातंगी जयंती शुक्रवार 10 मई 2024 को मनाई जाएगी । इस वर्ष मातंगी जयंती अक्षय तृतीया के साथ पड़ रही है। तृतीया तिथि 9 मई को शाम 6:47 बजे शुरू होगी और 10 मई को सुबह 5:20 बजे समाप्त होगी। कहा जाता है कि देवी मातंगी, हनुमाजी और शबरी के गुरु मतंग ऋषि की पुत्री थीं. यह देवी भारत के आदिवासियों की देवी है. दस महाविद्याओं में से एक तारा और मातंग देवी की आराधना बौद्ध धर्म में भी की जाती है
देवी मातंगी नौवीं महाविद्या हैं और इन्हें देवी सरस्वती का तांत्रिक रूप भी कहा जाता है।  वह सीखने, बुद्धि, ज्ञान और रचनात्मकता से जुड़ी है। भक्त वाणी, संगीत, कला और ज्ञान में निपुणता हासिल करने के लिए उनसे आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं।
Worship Method, Importance, Benefits of Matangi Mantra, Matangi Stotra

मातंगी की पूजा विधि:

  • सुबह उठकर मां का ध्यान करें
  • नित्य कर्मों से निवृत होकर नए वस्त्र पहनें
  • आचमन करें और सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें
  • पूजा घर को गंगाजल से शुद्ध करें
  • एक चौकी पर मां की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें
  • मां को वस्त्र, श्रृंगार, और सामान भेंट करें
  • मां को फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, कुमकुम आदि चीज़ें चढ़ाएं
  • मां मातंगी की आरती करें
  • अपनी मनोकामना लिखकर चौकी पर रख दें 
मान्यता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से मां मातंगी की पूजा और मंत्र साधना करता है, माता उस पर प्रसन्न होती हैं और सभी प्रकार के दुख और दरिद्रता से मुक्ति देती हैं. मातंगी की साधना करने से मनुष्य को जीवन में ज्ञान, धन-सम्मान, प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है. 

मातंगी जयंती का क्या महत्व है

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि जो भक्त देवी मातंगी की पूजा करते हैं, उन्हें जीवन के सभी सुख मिलते हैं। व्यक्ति सभी भय से मुक्त हो जाते हैं और देवता उनकी सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं। देवी मातंगी की पूजा ललित कला, नृत्य और संगीत में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए की जाती है। भक्त भी शत्रुओं पर मनोगत शक्तियों के साथ-साथ विजय प्राप्त करते हैं। देवी भक्तों को सद्भाव और शांति से भरे आनंदमय और खुशहाल जीवन के आशीर्वाद के साथ साथ शुभकामनाएं भी देती हैं। सूर्य के विभिन्न अशुभ प्रभावों से छुटकारा पाने के लिए, भक्त मातंगी माता की पूजा करते हैं और मातंगी पूजा का अनुष्ठान करते हैं।
  • मातंगी मंत्र

ॐ ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा !

मातंगी मंत्र का प्रयोग मुख्यत: शारीरिक सुंदरता बढ़ाने, शीघ्र विवाह तथा गृहस्थ जीवन को पूर्णत: सुखमय बनाने के लिए किया जाता है। जीवन में पूर्ण गृहस्थ सुख और पत्नी सुख के लिए इस मंत्र का विधान बताया गया है।

मातंगी स्तोत्र के कई फ़ायदे बताए गए हैं-

  • मातंगी मंत्र का जाप करने से आध्यात्मिक पथ पर आने वाली बाधाएं और चुनौतियां दूर होती हैं.
  • यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जाओं को शुद्ध करता है और मानसिक और भावनात्मक रुकावटों को दूर करता है.
  • मातंगी मंत्र के कंपन एक सुरक्षा कवच बनाते हैं, जो नकारात्मक प्रभावों से बचाते हैं.
  • मातंगी मंत्र का जाप करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
  • मातंगी माता की साधना से बुद्धि, विवेक, वैभवशाली जीवन, सुयश मिलता है.
  • मातंगी भगवती की उपासना से आराधक के सारे विघ्न, उपद्रव, बाधाएं नष्ट हो जाती हैं.
  • मातंगी भगवती अपने भक्त को सुंदर आकर्षक वाणी, विद्या, और प्रचुर धन प्रदान करती हैं.
  • मातंगी मंत्र का प्रयोग मुख्य रूप से शारीरिक सुंदरता बढ़ाने, शीघ्र विवाह, और गृहस्थ जीवन को सुखमय बनाने के लिए किया जाता है.
  • मातंगी माता साधक को वो विवेक प्रदान करती है कि फिर साधक पर कुबुद्धि हावी नहीं होती.
  • मातंगी माता की कृपा होने पर साधक को स्वतः ही सम्पूर्ण वेदों, पुरानों, उपनिषदों आदि का ज्ञान हो जाता है.
  • मातंगी महाविद्या की सिद्धि प्राप्त करने वाला व्यक्ति अपने क्रीड़ा कौशल से या कला संगीत से दुनिया को अपने वश में कर लेता है

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