मोहिनी एकादशी का महत्व, व्रत के अनेक लाभ,Mohini Ekadashi Ka Mahatv, Vrat Ke Anek Laabh

मोहिनी एकादशी का महत्व, व्रत के अनेक लाभ

ऐसा कहा जाता है कि मोहिनी एकादशी का व्रत रखने वाला व्यक्ति मोह माया के जंजाल से मुक्त हो जाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस एकादशी का व्रत करने वालों के कई जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं। इस साल मोहिनी एकादशी का व्रत 19 मई को रखा जाएगा। इस व्रत भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
Mohini Ekadashi  Ka Mahatv, Vrat Ke Anek Laabh

मोहिनी एकादशी का महत्व

विष्णु भगवान का मोहिनी रूप शक्ति और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है. इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सभी पापों का नाश होता है. इस एकादशी का व्रत करने से मोह-माया के बंधन खत्म हो जाते हैं !
इस दिन भगवान विष्णु के अवतार प्रभु श्री राम एवं विष्णुजी के मोहिनी स्वरूप का पूजन-अर्चन किया जाता है। पदम् पुराण के अनुसार भगवान श्री कृष्ण,युधिष्ठिर को मोहिनी एकादशी का महत्व समझाते हुए कहते हैं कि महाराज !त्रेता युग में महर्षि वशिष्ठ के कहने से परम प्रतापी श्री राम ने इस व्रत को किया। यह व्रत सब प्रकार के दुखों का निवारण करने वाला,सब पापों को हरने वाला व्रतों में उत्तम व्रत है। इस व्रत के प्रभाव से प्राणी भगवान विष्णु की कृपा से सभी प्रकार के मोह बंधनों एवं पापों से छूट कर अंत में वैकुण्ठ धाम को जाते हैं।

मोहिनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे करने से कई फ़ायदे मिलते हैं:

मोहिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप और दुख दूर हो जाते हैं. वह मोह और माया के बंधन से मुक्त हो जाता है. इसकी कथा कुछ इस प्रकार से है- भद्रावती नगर सरस्वती नदी के किनारे बसा था, जिस पर चंद्रवंशी राजा द्युतिमान शासन करता था. उसके राज्य में धनपाल नाम का एक वैश्य रहता था, जो धर्मात्मा था.
इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और सभी पापों का नाश होता है !
  • मोह-माया के बंधन खत्म हो जाते हैं !
  • मन शुद्ध होता है !
  • व्यक्ति को मोक्ष (आत्मा की मुक्ति) की प्राप्ति हो सकती है !
  • भगवान विष्णु व्रत रखने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं !
  • व्यक्ति को सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है !
  • जीवन में चल रही सभी परेशानियों से भी छुटकारा मिल सकता है !
  • साधक के संचित पुण्यों में वृद्धि होती है !
  • पिछले जन्म सहित इस जन्म के पापों का नाश हो जाता है !
  • हज़ार गायों के दान, यज्ञों और तीर्थों की यात्रा का फल प्राप्त होता है !
  • साधक जन्म और मृत्यु चक्र से मुक्त हो जाते हैं !

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