पद्मपुराणे नारदसंवादे सङ्कष्टनाशनं नाम विष्णुस्तोत्रं ! Padmapurane Naradasamvade Sankashtanashanam Naam Vishnustotram
पद्मपुराणे नारदसंवादे सङ्कष्टनाशनं नाम विष्णुस्तोत्रं !
Padmapurane Naradasamvade Sankashtanashanam Naam Vishnustotram |
॥ संकष्टनाशन विष्णुस्तोत्रम् ॥
श्रीगणेशाय नमः ॥
नारद उवाच।
पुनर्दैत्यं समायान्तं दृष्ट्वा देवाः सवासवाः ।
भयप्रकंपिताः सर्वे विष्णुं स्तोतुं प्रचक्रमुः ॥ १॥
देवा उवाच।
नमो मत्स्यकूर्मादिनानास्वरूपैः सदा भक्तकार्योद्यतायार्तिहन्त्रे ।
विधात्रादि सर्गस्थितिध्वंसकर्त्रे गदाशंखपद्मारिहस्ताय तेऽस्तु ॥ २॥
रमावल्लभायाऽसुराणां निहन्त्रे भुजंगारियानाय पीताम्बराय ।
मखादिक्रियापाककर्त्रे विकर्त्रे शरण्याय तस्मै नताः स्मो नताः स्मः ॥ ३॥
नमो दैत्यसन्तापितामर्त्यदुःखाचलध्वंसदंभोलये विष्णवे ते ।
भुजंगेशतल्पेशयानायाऽर्कचन्द्रद्विनेत्राय तस्मै नताः स्मो नताः स्मः ॥ ४॥
संकष्टनाशनं नाम स्तोत्रमेतत्पठेन्नरः ।
स कदाचिन्न संकष्टैः पीड्यते कृपया हरेः ॥ ५॥
॥ इति पद्मपुराणे नारदसंवादे सङ्कष्टनाशनं नाम विष्णुस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
मान्यता है कि संकटनाशन विष्णु स्तोत्र का पाठ करने से कष्ट से मुक्ति मिलती है, मनोकामनाएं पूरी होती हैं, और पुरुषार्थ की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करने से भी कई फ़ायदे मिलते हैं:-
- घर में धन-धान्य, सुख-संपदा बनी रहती है
- संतान पक्ष से सुख मिलता है
- बृहस्पति की पीड़ा दूर होती है
- भाग्योदय होता है
- प्रगति में बाधा उत्पन्न नहीं होती
click to read 👇
[ श्री विष्णु सहस्रनाम ! श्री विष्णु के1000 नाम ] [ विष्णु पञ्जर स्तोत्रम् ] [ एकादशी जानिए सम्पुन तिथि ]
[ पद्मपुराणे नारदसंवादे सङ्कष्टनाशनं नाम विष्णुस्तोत्रं ] [ समस्त पाप नाशक श्री विष्णु स्तोत्र ]
[ श्री विष्णु नारायण हृदय स्तोत्र ] [ श्री हरि ( श्री विष्णु ) स्तोत्र अर्थ सहित ]
[ श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र ] [ श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनामावली श्री विष्णु के 108 नाम ]
टिप्पणियाँ