ऋण मोचक मंगल स्तोत्र - Rnamochak Mangal Stotra

ऋण मोचक मंगल स्तोत्र - Rnamochak  Mangal Stotra

श्री ऋण मोचक मंगल स्तोत्र मंगल देव को समर्पित है। इस स्तोत्र के पाठ से कर्ज से मुक्ति मिलती है। इस स्तोत्र में मंगल देव जी के सभी इक्कीस नामों का वर्णन मिलता है। मंगल देव का संबंध हनुमान जी से है और हनुमान जी सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा दिलाने वाले देवता माने गए हैं।
ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ जो भी मनुष्य करता है, उस पर मंगल भगवान खुश होकर उसे धन-धान्य प्रदान कराते हैं !
ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करने से पूर्व आपको एक लाल आसन पर विराजमान हो जाएं, फिर हनुमान जी की पूजा करें. उसके बाद ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करें. यह पाठ आप प्रत्येक मंगलवार को या फिर प्रत्येक दिन भी कर सकते हैं. इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मंगलवार के दिन शुभ मुहूर्त में इसका प्रारंभ करें !

Rnamochak  Mangal Stotra 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति माना जाता है और उनका प्रिय रंग लाल है। इसलिए मंगलवार के दिन लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन ऐसा करने से कुंडली में मौजूद मंगल ग्रह मज़बूत होता है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष या फिर ऋण संबंधी दिक़्क़तें हों, उन्हें इन परेशानियों को दूर करने के लिए मंगलवार के दिन मंगल स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। स्कंदपुराण में दिए गए इस मंगल स्तोत्र को ‘ऋणमोचक अचूक मंत्र’ माना गया है। मान्यता है कि मंगलवार के दिन इस स्तोत्र का पाठ करने से धन संबंधी सभी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।

ऋण मोचक मंगल स्तोत्र - Rnamochak  Mangal Stotra 

स्कन्द उवाच ।

ऋणग्रस्त नराणान्तु ऋणमुक्तिः कथं भवेत् ।

ब्रह्मोवाच ।

वक्ष्येहं सर्वलोकानां हितार्थं हितकामदम् ।
अस्य श्री अङ्गारक स्तोत्र महामन्त्रस्य गौतम ऋषिः अनुष्टुप् छन्दः अङ्गारको देवता मम ऋण विमोचनार्थे जपे विनियोगः ।

ध्यानम् ।

रक्तमाल्याम्बरधरः शूलशक्तिगदाधरः ।
चतुर्भुजो मेषगतो वरदश्च धरासुतः ॥ 1 ॥

मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः ।
स्थिरासनो महाकायो सर्वकामफलप्रदः ॥ 2 ॥

लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः ।
धरात्मजः कुजो भौमो भूमिजो भूमिनन्दनः ॥ 3 ॥

अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः ।
सृष्टेः कर्ता च हर्ता च सर्वदेवैश्चपूजितः ॥ 4 ॥

एतानि कुज नामानि नित्यं यः प्रयतः पठेत् ।
ऋणं न जायते तस्य धनं प्राप्नोत्यसंशयः ॥ 5 ॥

अङ्गारक महीपुत्र भगवन् भक्तवत्सलः ।
नमोऽस्तु ते ममाऽशेष ऋणमाशु विनाशय ॥ 6 ॥

रक्तगन्धैश्च पुष्पैश्च धूपदीपैर्गुडोदकैः ।
मङ्गलं पूजयित्वा तु मङ्गलाहनि सर्वदा ॥ 7 ॥

एकविंशति नामानि पठित्वा तु तदन्तिके ।
ऋणरेखाः प्रकर्तव्याः अङ्गारेण तदग्रतः ॥ 8 ॥

ताश्च प्रमार्जयेत्पश्चात् वामपादेन संस्पृशत् ।

मूलमन्त्रः ।

अङ्गारक महीपुत्र भगवन् भक्तवत्सल ।
नमोऽस्तुते ममाशेषऋणमाशु विमोचय ॥

एवं कृते न सन्देहो ऋणं हित्वा धनी भवेत् ।
महतीं श्रियमाप्नोति ह्यपरो धनदो यथा ॥

अर्घ्यम् ।

अङ्गारक महीपुत्र भगवन् भक्तवत्सल ।
नमोऽस्तुते ममाशेषऋणमाशु विमोचय ॥

भूमिपुत्र महातेजः स्वेदोद्भव पिनाकिनः ।
ऋणार्तस्त्वां प्रपन्नोऽस्मि गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तु ते ॥

ऋण मोचक मंगल स्तोत्र से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर - Rnamochak  Mangal Stotra Se Sambandhit Mahatvapoorn Prashn Uttar

ऋणमोचक मंगल स्तोत्र पाठ की विधि

  • ऋणमोचक मंगल स्तोत्र पाठ करने के लिए शुक्ल पक्ष की कोई शुभ तिथि का चयन करें। शुभ तिथि मंगलवार होनी चाहिए। ऋणमोचक मंगल स्तोत्र पाठ करने के दिन में प्रातः काल जल्दी उठकर स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र को धारण कर लें।

मंगल ग्रह को खुश करने के लिए क्या करना चाहिए?

  • मंगल ग्रह को मजबूत करने का सबसे आसान उपाय है बजरंगबली की पूजा करना. जिन लोगों का मंगल कमजोर हो उन लोगों को मंगलवार के दिन कम से कम दो बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. जिन लोगों का मंगल कमजोर होता है उनको कम से कम 12 या 21 मंगलवार का व्रत रखना चाहिए और हनुमान मंदिर में जाकर देसी घी दीपक जलाना चाहिए !

मंगल दोष हटाने के लिए क्या करें?

  • आप लाल मिर्च, गुड़, लाल रंग के कपड़े, शहद, लाल रंग की मिठाई, मसूर की दाल आदि चीजों का दान करें। लाल मिर्च का दान करने से मंगल दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता है। - मंगलवार के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद लाल वस्त्र धारण कर विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा-उपासना करें। इस समय हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करें।

मंगल दोष के लिए कौन सी पूजा अच्छी है?

  • भात पूजन: मांगलिक दोष दूर करने के लिए भात पूजन कराया जाता है. उज्जैन का मंगलनाथ स्थान ऐसा एकमात्र स्थान है जहां भात पूजन होता है. भात पूजन कराने के बाद यह दोष समाप्त हो जाता है !

कौन सा मंगल दोष हानिकारक है?

  • चतुर्थ भाव का मंगल घर में कलह कराता है। सप्तम भाव का मंगल स्वयं जातक और जीवनसाथी दोनों को मृत्युतुल्य कष्ट देता है। बारहवां मंगल जीवनसाथी की मृत्यु या दांपत्य जीवन का सुख स्थायी रूप से छीन लेता है। मंगल के बारहवें घर में होने से जातक कंगाल होकर राजदंड भोग सकता है।

मांगलिक दोष कितने साल में खत्म हो जाता है

  • कुंडली में जब मंगल ग्रह पहले घर, चौथे घर, छठे घर, सातवें घर, आठवें घर और बारहवें घर में बैठें हो तो वह व्यक्ति मांगलिक होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मांगलिक दोष जीवन के 28 वर्षों तक व्यक्ति के जीवन में कई सारी समस्याएं ला खड़ा करता है।

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