श्री काल भैरव आरती
श्री काल भैरव आरती | Shri Kaal Bhairav Aarti
जय भैरव देवा प्रभुजय भैरव देवा,
सुर नर मुनि सबकरते प्रभु तुम्हरी सेवा॥
ऊँ जय भैरव देवा…॥
तुम पाप उद्धारकदु:ख सिन्धु तारक,
भक्तों के सुखकारकभीषण वपु धारक॥
ऊँ जय भैरव देवा…॥
वाहन श्वान विराजतकर त्रिशूल धारी,
महिमा अमित तुम्हारीजय जय भयहारी॥
ऊँ जय भैरव देवा…॥
तुम बिन शिव सेवासफल नहीं होवे,
चतुर्वतिका दीपकदर्शन दुःख खोवे॥
ऊँ जय भैरव देवा…॥
तेल चटकि दधि मिश्रितभाषावलि तेरी,
कृपा कीजिये भैरवकरिये नहिं देरी॥
ऊँ जय भैरव देवा…॥
पाँवों घूंघरू बाजतडमरू डमकावत,
बटुकनाथ बन बालकजन मन हरषावत॥
ऊँ जय भैरव देवा…॥
बटुकनाथ की आरतीजो कोई जन गावे,
कहे धरणीधर वह नरमन वांछित फल पावे॥
ऊँ जय भैरव देवा…॥
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