श्री कृष्ण जन्माष्टमी कैसे मनाएं और जन्माष्टमी का क्या महत्व है,Shri Krishna Janmashtami Kaise Manaen Aur Janmaashtamee Ka Kya Mahatv Hai
श्री कृष्ण जन्माष्टमी कैसे मनाएं और जन्माष्टमी का क्या महत्व है
कृष्ण जन्माष्टमी का क्या महत्व है?
ऐसा माना जाता है कि कृष्ण का जन्म अत्याचारी शासक कंस और उसके दुष्ट सहयोगियों को हराकर ब्रह्मांडीय व्यवस्था को बहाल करने के लिए हुआ था। इसलिए, जन्माष्टमी बुराई पर अच्छाई की जीत और धर्म की बहाली का प्रतीक है। कृष्ण की शिक्षाएँ और कार्य आध्यात्मिक मार्गदर्शन और दार्शनिक अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।
कैसे मनाएं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर अन्न दान, वस्त्र दान, माखन का दान, मोरपंख का दान, कामधेनु गाय की प्रतिमा का दान, मुरली आदि का दान बेहद शुभ माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन इन चीजों का दान करने से घर में खुशहाली आती है, क्योंकि यह सभी चीजें भगवान कृष्ण को अति प्रिय हैं। ऐसे में इन चीजों का दान अवश्य करें।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को हर जगहों पर अलग – अलग तरीके से मनाकर भगवान श्री कृष्ण को खुश करने का प्रयास किया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण के सभी मंदिरों को फूलो और उनकी झांकियों से सजाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल्य रूप को पूजा जाता है। इस दिन महिलाएं और पुरुष दोनों ही उपवास रखते है और आधी रात्रि में यानी भगवान श्री कृष्ण के जन्म के पश्चात अपना उपवास खोला जाता है। इस दिन बाल गोपाल को प्रसन्न करने के लिए उनके लिए अनेक प्रकार के पकवान बनाए जाते है और बाल गोपाल को झूला झुलाया जाता है।
- जन्माष्टमी वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए।
- स्नान आदि करने के पश्चात विशेष तौर पर पूजा स्थल की साफ़ सफाई कीजिये।
- इसके पश्चात भगवान को अर्पण करने फूल और दीपक की तैयारी करें।
- पूजा स्थल के साथ ही भगवान की प्रतिमा को भी अच्छे से साफ़ करे।
- भगवान को पुष्प चढ़ा करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करे।
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- कृष्ण जन्माष्टमी पर व्रत क्यों रखा जाता है?
उद्देश्य जो व्यक्ति जन्माष्टमी के व्रत को करता है, वह ऐश्वर्य और मुक्ति को प्राप्त करता है। आयु, कीर्ति, यश, लाभ, पुत्र व पौत्र को प्राप्त कर इसी जन्म में सभी प्रकार के सुखों को भोग कर अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है। जो मनुष्य भक्तिभाव से श्रीकृष्ण की कथा को सुनते हैं, उनके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।
- श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाते हैं?
भगवान कृष्ण के जन्म को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं कृष्ण के भक्तभगवान कृष्ण के भक्त इस दिन को बहुत भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। इस त्योहार को देवत्व, प्रेम और धार्मिकता के प्रतीक के रूप में भी जाना है।
- जन्माष्टमी मनाने का उद्देश्य क्या है?
जन्माष्टमी का त्यौहार भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है और कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
- कृष्ण जन्माष्टमी का प्रसाद क्या है?
जन्माष्टमी पर विशेष रूप से पंजीरी बनाई जाती है। कान्हा को भोग लगाने के बाद इसी प्रसाद से व्रत खोला जाता हैं और इसे अन्य लोगों में बांटा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आटे की पंजीरी भी लड्डू गोपाल को बहुत पसंद है, इसलिए धनिया और आटे दोनों की पंजीरी का भोग कान्हा को जरूर लगाना चाहिए।
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