मां महागौरी की पूजा के लाभ और मां महागौरी से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर,Benefits of worshiping Maa Mahagauri and answers to frequently asked questions related to Maa Mahagauri
मां महागौरी की पूजा के लाभ और मां महागौरी से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर
मां महागौरी, मां दुर्गा के नवदुर्गा स्वरूपों में आठवां रूप हैं। उन्हें श्वेत वस्त्र धारण करने वाली, शुद्धता और पवित्रता की प्रतीक माना जाता है। उनका वर्ण अत्यंत उज्ज्वल है, और वे जीवन में शांति, पवित्रता, और समृद्धि लाती हैं। मां महागौरी की पूजा से भक्तों को सुख, शांति, सौभाग्य और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
मां महागौरी की पूजा के लाभ
मां महागौरी की पूजा से कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं, जो भक्तों के जीवन में शांति और सुख-समृद्धि लेकर आते हैं। मां महागौरी की आराधना करने से:
- जीवन के कष्टों और दुखों से मुक्ति मिलती है।
- मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं।
- पापों से मुक्ति और आत्मिक शुद्धि प्राप्त होती है।
- सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
- अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
- असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं।
- धन-संपदा और दीर्घायु का वरदान मिलता है।
- मां की पूजा से सभी नौ देवियों की कृपा प्राप्त होती है।
मां महागौरी को "श्वेतांबरधरा" कहा जाता है, क्योंकि वे सफ़ेद वस्त्र धारण करती हैं। उनकी पूजा में सफेद रंग के पुष्प और रात की रानी का फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है। साथ ही, मां को नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।
मां महागौरी से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर
मां महागौरी कौन थीं?
माता पार्वती की आठवीं शक्ति मां महागौरी मानी जाती है। कथाओं के अनुसार पर्वतराज हिमालय की पुत्री के यहां जन्म के बाद जब शैलपुत्री सोलह वर्ष की हुईं तो इस समय अत्यन्त रूपवती थीं। इस समय इनका वर्ण गोरा था। इसी कारण इन्हें महागौरी कहा जाता है।
महागौरी माता को क्या पसंद है?
मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी को मोगरे का फूल अति प्रिय है। ऐसे में साधक को इस दिन मां के चरणों में इस फूल को अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही मां को नारियल की बर्फी और लड्डू अवश्य चढ़ाएं। क्योंकि मां का प्रिय भोग नारियल माना गया है।
महागौरी किसका प्रतीक है?
एक कथा अनुसार भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी जिससे इनका शरीर काला पड़ जाता है। देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान इन्हें स्वीकार करते हैं और शिव जी इनके शरीर को गंगा-जल से धोते हैं तब देवी विद्युत के समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो जाती हैं तथा तभी से इनका नाम गौरी पड़ा।
महागौरी का दूसरा नाम क्या है?
नवरात्र के आठवें दिन यानी दुर्गा अष्टमी के दिन महागौरी की पूजा की जाती है। महागौरी ने तप कर गौर वर्ण प्राप्त किया था। मां महागौरी को अन्नपूर्णा देवी भी कहा जाता है।महागौरी मंत्र क्या है?
मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ वन्दे वांछित कामार्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्। सिंहारूढाचतुर्भुजामहागौरीयशस्वीनीम्॥महागौरी का भोग क्या है?
माता महागौरी को नारियल से बनी मिठाईयों का भोग लगाया जाता है। इसके अलावा माता को हलवे और काले चने का भोग भी लगाना चाहिए।ये भी पढ़ें:-
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महागौरी को कैसे प्रसन्न करें?
देवी दुर्गा की आठवीं शक्ति माता महागौरी को प्रसन्न करने के लिए आपको नवरात्रि के आठवें दिन प्रात:काल जल्दी उठकर स्नान ध्यान कर लेना चाहिए। संभव हो तो इस दिन श्वेत वस्त्र धारण करें और माता को भी सफेद रंग के कपड़े अर्पित करें। पूजा की शुरुआत आपको 'या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
महागौरी का वाहन क्या है?
महागौरी का वाहन बैल है। देवी के दाहिने ओर के ऊपर वाले हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है। बाएं ओर के ऊपर वाले हाथ में डमरू और नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा है।महागौरी ने किसका वध किया था?
माता के रूप की इस कांति को शिवजी ने पुनर्स्थापित किया इसी कारण उनका नाम महागौरी पड़ा. पुराणों के अनुसार माता दुर्गा ने महिषासुर से नौ दिन तक युद्ध कर उसे हराया था. इसलिए नवरात्रि के नौ दिनों तक उनकी पूजा की जाती है.
महागौरी का बीज मंत्र क्या है?
श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः. महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥ या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥महागौरी की पूजा कैसे करें?
अब मां महागौरी को कुमकुम और अक्षत से तिलक लगाएं । उन्हें भोग लगाकर विधिवत पूजा करें। मां महागौरी को सफेद रंग बहुत पसंद है, इसलिए उन्हें सफेद फूल और नैवेद्य अर्पित करें। पूजा समाप्त करने से पहले माता महागौरी के पूजा मंत्रों का जाप करें
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