Sharadiya Navratri : नवदुर्गा का पांचवें रूप मां स्कंदमाता की पूजा विधि
मां स्कंदमाता, देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक, नवरात्रि के पांचवें दिन पूजी जाती हैं। उनका नाम उनके पुत्र 'स्कंद' (कार्तिकेय) से लिया गया है, जो युद्ध के देवता माने जाते हैं। मां स्कंदमाता को मातृत्व और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। मां स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं, और उनकी पूजा से संतान सुख और परिवार में शांति की प्राप्ति होती है। यहां मां स्कंदमाता की पूजा विधि दी गई है:
Navdurga Ka Pancham Roop Maa Skandamata Kee Pooja Vidhi |
- स्नान और साफ़-सुथरे कपड़े: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले या लाल रंग के कपड़े पहनें, क्योंकि ये रंग मां स्कंदमाता को प्रिय हैं।
- चौकी सजाना: एक चौकी पर पीले या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और मां स्कंदमाता की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें।
- गंगाजल से स्नान: मां की मूर्ति या तस्वीर को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
- चुनरी चढ़ाना: मां को पीले या लाल रंग की चुनरी अर्पित करें।
- पूजन सामग्री: मां को रोली, कुमकुम, अक्षत (चावल), बताशा, पान, सुपारी, लौंग, धूप और लाल फूल अर्पित करें।
- भोग अर्पित करना: मां को केले या केले से बनी मिठाइयां जैसे केले का हलवा अर्पित करें।
- दीपक और आरती: मां के सामने दीपक जलाएं और विधिपूर्वक आरती करें।
- मंत्र जाप: मां स्कंदमाता के मंत्रों का जाप करें और दुर्गा सप्तशती तथा दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- शाम की आरती: शाम को भी मां दुर्गा की आरती करें और पुनः उनका स्मरण करें।
मां स्कंदमाता की पूजा से विशेष रूप से संतान प्राप्ति में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और घर में सुख-शांति आती है। पीला रंग सुख, शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, इसलिए पूजा में इस रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
मां स्कंदमाता की विशेषताएँ:
- मातृत्व का प्रतीक: मां स्कंदमाता को अपनी गोद में स्कंद के साथ दिखाया जाता है, जो उनकी मातृत्व भावना को प्रकट करता है।
- कमल पर विराजमान: उन्हें 'पद्मासना देवी' भी कहा जाता है क्योंकि वे कमल के आसन पर बैठी होती हैं। कमल शुद्धता और दिव्यता का प्रतीक है।
- चार भुजाओं वाली देवी: उनकी चार भुजाओं में से दो में कमल होता है, एक में स्कंद और एक हाथ से वे भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।
- सिंह वाहन: मां स्कंदमाता का वाहन सिंह है, जो उनकी शक्ति और साहस का प्रतीक है।
- सूर्य के समान तेज: उनके चेहरे पर सूर्य के समान तेज और कांति है, जो उनके दिव्य स्वरूप को दर्शाता है।
आशीर्वाद:
मां स्कंदमाता की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। उनकी कथा का श्रवण करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। उनके आशीर्वाद से भक्तों को कठिनाईयों से मुक्ति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
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