कुबेर के शक्तिशाली मंत्र और भगवान कुबेर की पूजा से धन-संपत्ति की प्राप्ति,Kuber Ke Shaktishaalee Mantr Aur Bhagavaan Kuber Kee Pooja Se Dhan-Sampatti Kee Praapti

कुबेर मंत्र और भगवान कुबेर की पूजा से धन-संपत्ति की प्राप्ति

कुबेर किसका अवतार है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धन के देवता कुबेर कुबेर ऋषि विश्रवा के पुत्र और लंकापति रावण के सौतेले भाई हैं. विश्रवा का पुत्र होने के नाते कुबेर को वैश्रवण भी कहा जाता है. मान्यता हैं कि घर की उत्तर दिशा में कुबेर देव का वास होता है और ये भगवान शिव के परम भक्त और नौ निधियों के देवता माने जाते हैं


कुबेर देवता के शक्तिशाली मंत्रों का जाप आर्थिक समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। यहां कुछ विशेष मंत्र और उनकी पूजा विधि दी गई है:

कुबेर देवता के शक्तिशाली मंत्र:

ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः
  • इस मंत्र का जाप करने से घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती। यह अष्ट लक्ष्मी को प्रसन्न कर समृद्धि लाने वाला माना गया है।
ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः
  • यह मंत्र संपत्ति, ऐश्वर्य और धन की वृद्धि के लिए अत्यधिक प्रभावशाली है।
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धनधान्या समृद्धिं मे देहि दापय दापय स्वाहा
  • यह मंत्र यक्षराज कुबेर को समर्पित है और धन, समृद्धि और धान्य की वृद्धि के लिए किया जाता है।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः
  • इस मंत्र से कुबेर देव की कृपा से धन, वैभव और सुख की प्राप्ति होती है।

भगवान कुबेर की पूजा से धन-संपत्ति की प्राप्ति

भगवान कुबेर को धनपति और देवताओं का कोषाध्यक्ष माना जाता है। उनकी पूजा करने से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है और यह धन स्थायी होता है।

कुबेर पूजा के बारे में ज़रूरी बातें:

  • विशेष दिन: कुबेर पूजा के लिए शुक्रवार का दिन विशेष माना जाता है।
  • त्रयोदशी तिथि: त्रयोदशी तिथि भी कुबेर पूजा के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है।
  • स्नान: पूजा के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए।
  • पूजा सामग्री: कुबेर पूजा में चंदन, धूप, फूल, दीप, नैवेद्य, और भोग लगाना चाहिए।
  • आरती: पूजा के बाद आरती करनी चाहिए और प्रसाद बांटना चाहिए।
  • यंत्र की स्थापना: कुबेर यंत्र की स्थापना उत्तर दिशा में करनी चाहिए।
  • अभिषेक: कुबेर यंत्र की स्थापना से पहले पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए।
  • स्थापना स्थान: कुबेर यंत्र को पूजा स्थल, धन स्थान, तिजोरी, कार्यस्थल, या दुकान में स्थापित किया जा सकता है।
  • मूर्ति का मुख: कुबेर देव की मूर्ति का मुख उत्तर दिशा में रखना शुभ माना जाता है।
  • अन्य पूजा: कुबेर पूजा के बाद माता काली की पूजा करनी चाहिए।

इन सभी विधियों का पालन करने से भगवान कुबेर की कृपा प्राप्त होती है और आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है।

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