श्री गजानन स्तोत्र (पीडीएफ) शंकरादि कृत | Sri Gajanana Stotra (PDF) by Shankaradhi

श्री गजानन स्तोत्रम्: शङ्करादिकृत

गजानन स्तोत्रम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है, जिसे भगवान शिव और अन्य देवताओं ने रचित माना जाता है। यह स्तोत्र भगवान गणेश के महान रूप की महिमा का वर्णन करता है और भक्तों को उनके आशीर्वाद से सभी तरह की सिद्धि प्राप्त करने का मार्ग दिखाता है।

श्री गजानन स्तोत्र की विधि (प्रणाली)

श्री गजानन स्तोत्र का पाठ नियमित रूप से करना बहुत लाभकारी है। यह स्तोत्र भगवान गणेश के विभिन्न रूपों और उनके दिव्य गुणों का स्तुतिपाठ है, जिसे शांति, समृद्धि, और सुख-समाधान की प्राप्ति के लिए किया जाता है। नीचे दी गई विधि से इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिए:

1. तैयारी:

  • स्थान का चयन:
    • सबसे पहले, एक साफ-सुथरी जगह पर ध्यान और पूजा के लिए स्थान तैयार करें। पूजा स्थल पर भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र रखें।
  • पूजा सामग्री:
    • भगवान गणेश को सिंदूर, दीपक, अक्षत (चावल), फूल, दूर्वा (घास), और नैवेद्य (प्रसाद) अर्पित करें।
    • एक जल पात्र, ताम्बूल (पान, सुपारी), और घी का दीपक रखें।

2. स्नान और शुद्धता:

  • स्वच्छता:
    • सबसे पहले स्नान करके शुद्ध होकर पूजा स्थल पर जाएं। यह मानसिक और शारीरिक शुद्धता को सुनिश्चित करता है।

3. गणेश वंदना:

  • विनायक वंदना:
    • पूजा शुरू करने से पहले, भगवान गणेश का ध्यान करके उनका आह्वान करें। उनका नाम लेकर गणेश वंदना करें, जैसे:
      • "ॐ श्री गणेशाय नमः"

4. गजानन स्तोत्र का पाठ:

  • 21 बार जाप:
    • गजानन स्तोत्र का पाठ 21 बार करें। इसे 21 दिन तक नियमित रूप से पाठ करना बहुत लाभकारी माना जाता है।
    • यदि 21 दिन लगातार पाठ करना संभव नहीं हो, तो कम से कम हर बुधवार को 21 बार गजानन स्तोत्र का जाप करें।

5. ध्यान और मंत्र जाप:

  • मन को एकाग्र करें:
    • स्तोत्र का जाप करते समय, भगवान गणेश की ध्यान मुद्रा में कल्पना करें और उन्हें अपने हृदय से पूजें।
    • हर श्लोक को ध्यान से और सही उच्चारण के साथ पढ़ें, ताकि मंत्र का प्रभाव सही रूप से व्यक्त हो।

6. आरती और संकल्प:

  • आरती और संकल्प:
    • पाठ के बाद भगवान गणेश की आरती करें। फिर अपनी इच्छाओं और मनोकामनाओं के बारे में संकल्प लें।
    • भगवान गणेश को प्रणाम करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।

7. प्रसाद वितरण:

  • प्रसाद अर्पण:
    • पूजा के अंत में भगवान गणेश को अर्पित किए गए प्रसाद को अपने परिवार और मित्रों में वितरित करें। यह पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

8. समापन:

  • समाप्ति:
    • पूजा के समापन पर भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करें और जीवन में समृद्धि और सुख की कामना करें।
    • यह सुनिश्चित करें कि आपने पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ स्तोत्र का पाठ किया हो।

नोट:

गजानन स्तोत्र का पाठ करते समय हमेशा शांति बनाए रखें और किसी भी प्रकार के विघ्न से दूर रहें। इस स्तोत्र का जाप एकाग्र मन से और नियमित रूप से करें, ताकि भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त हो सके।

श्री गजानन स्तोत्र पाठ के नियम

श्री गजानन स्तोत्र का पाठ करने से पहले कुछ खास नियमों का पालन करना चाहिए, ताकि इसका अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके। ये नियम पाठ के प्रभाव को बढ़ाते हैं और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने में सहायक होते हैं। निम्नलिखित नियमों का पालन करें:

1. शुद्धता (Purity):

  • स्वच्छता का पालन: पाठ शुरू करने से पहले शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखें। स्नान करके शुद्ध होकर पूजा स्थल पर जाएं।
  • स्थल की शुद्धता: पूजा स्थल को स्वच्छ रखें और वहां पर कोई अशुद्ध वस्तु न हो। इसके साथ ही पूजा के दौरान साफ आसन पर बैठें।

2. समय का चुनाव (Time Selection):

  • सर्वोत्तम समय: गजानन स्तोत्र का पाठ सुबह या संध्याकाल के समय करना उत्तम माना जाता है। विशेष रूप से बुधवार के दिन इसका विशेष महत्व है।
  • नियमितता: इसका पाठ रोजाना 21 बार, 21 दिन तक करें। अगर रोज़ नहीं कर सकते तो कम से कम हर बुधवार को 21 बार गजानन स्तोत्र का जाप करें।

3. ध्यान और एकाग्रता (Concentration and Meditation):

  • एकाग्र मन से पाठ करें: पाठ करते समय मन को एकाग्र करके भगवान गणेश के चित्र या मूर्ति का ध्यान करें।
  • ध्यान की अवस्था: स्तोत्र का पाठ करते समय भगवान गणेश के रूप में ध्यान लगाएं और उनके गुणों का स्मरण करें।

4. उच्चारण का सही तरीका (Correct Pronunciation):

  • सही उच्चारण: स्तोत्र के हर श्लोक का उच्चारण ठीक से करें। सही उच्चारण से मंत्र का प्रभाव बढ़ता है।
  • ध्यानपूर्वक पाठ: एक-एक शब्द और मंत्र को समझकर और सावधानी से पढ़ें। किसी भी शब्द का गलत उच्चारण ना करें।

5. पूजा सामग्री (Puja Offerings):

  • सिंदूर, अक्षत, दूर्वा: भगवान गणेश को सिंदूर, अक्षत, दूर्वा (घास), फूल, और नैवेद्य अर्पित करें।
  • दीपक: घी का दीपक लगाकर भगवान गणेश का पूजन करें।
  • प्रसाद: पूजा के बाद भगवान को अर्पित प्रसाद को अपने परिवारजनों में वितरित करें।

6. पूजा विधि (Puja Procedure):

  • गणेश वंदना: सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करें और उनका आह्वान करें।
  • गजानन स्तोत्र का पाठ: फिर गजानन स्तोत्र का पाठ 21 बार करें। इसे 21 दिन तक नियमित रूप से करें।
  • आशीर्वाद प्राप्ति: पाठ के बाद भगवान गणेश को प्रणाम करें और अपनी इच्छाओं के बारे में उन्हें बताएं।
  • आरती: पाठ के बाद भगवान गणेश की आरती करें।

7. संकल्प (Resolution):

  • सच्चे मन से संकल्प लें: पाठ करते समय भगवान गणेश से अपनी इच्छाओं और जीवन के उद्देश्य को पूरा करने की प्रार्थना करें।
  • धैर्य और श्रद्धा: संकल्प करते समय धैर्य रखें और श्रद्धा पूर्वक पाठ करें, क्योंकि भगवान गणेश की कृपा श्रद्धा और विश्वास से ही प्राप्त होती है।

8. समापन (Conclusion):

  • संतुष्टि के साथ पाठ का समापन करें: पाठ के अंत में भगवान गणेश को धन्यवाद करें और अपने कार्यों में सफलता की प्रार्थना करें।
  • प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद का वितरण करें और अपनी मनोकामनाओं के लिए आशीर्वाद प्राप्त करें।

विशेष टिप्स:

  • सकारात्मक सोच रखें: स्तोत्र का पाठ करते समय सकारात्मक विचार रखें और किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से दूर रहें।
  • समय की नियमितता बनाए रखें: अगर संभव हो तो पाठ की शुरुआत बुधवार के दिन करें, क्योंकि यह दिन विशेष रूप से गणेश पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
  • ध्यान और मनन करें: पाठ के दौरान भगवान गणेश की भक्ति में मनन करें, जिससे आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होगा।

इन नियमों का पालन करने से श्री गजानन स्तोत्र का पाठ अधिक प्रभावी और लाभकारी सिद्ध होगा।

श्री गजानन स्तोत्र के लाभ

श्री गजानन स्तोत्र का पाठ करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है और इसके अनेक आध्यात्मिक, मानसिक और भौतिक लाभ होते हैं। यह स्तोत्र विशेष रूप से जीवन की कठिनाइयों को दूर करने और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली है। निम्नलिखित हैं श्री गजानन स्तोत्र के प्रमुख लाभ:

1. मनोकामनाओं की पूर्ति (Fulfillment of Desires):

  • इच्छाओं की पूर्ति: श्री गजानन स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसे नियमित रूप से पाठ करने से हर तरह की मनोकामनाओं में सफलता मिलती है, चाहे वह व्यक्तिगत जीवन से संबंधित हों या व्यवसाय से।

2. शांति और मानसिक संतुलन (Peace and Mental Stability):

  • मानसिक शांति: गजानन स्तोत्र का जाप करने से मानसिक शांति मिलती है। यह मानसिक तनाव और चिंता को दूर करने में सहायक है, जिससे व्यक्ति शांत और स्थिर रहता है।
  • मन की एकाग्रता: यह स्तोत्र मानसिक एकाग्रता को बढ़ाता है और मन को स्थिर करता है, जिससे जीवन में बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है।

3. बुराईयों का नाश (Destruction of Evil and Obstacles):

  • विघ्नों का नाश: भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं। इस स्तोत्र का जाप करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं और विघ्न दूर हो जाते हैं। यह व्यक्ति को किसी भी प्रकार की नकारात्मकता और बुराई से बचाता है।
  • कठिनाइयों में सफलता: यह स्तोत्र कठिनाइयों और समस्याओं को पार करने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति किसी भी समस्या को आसानी से हल कर सकता है।

4. स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits):

  • स्वास्थ्य में सुधार: नियमित रूप से गजानन स्तोत्र का पाठ करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह शरीर को ऊर्जा और ताजगी प्रदान करता है।
  • रोगों से छुटकारा: यह स्तोत्र स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने और रोगों से मुक्ति प्राप्त करने में सहायक है।

5. धन-धान्य की वृद्धि (Increase in Wealth and Prosperity):

  • धन और संपत्ति में वृद्धि: श्री गजानन स्तोत्र का जाप व्यक्ति को धन और संपत्ति में वृद्धि दिलाने में सहायक है। यह व्यक्ति के जीवन में आर्थिक समृद्धि और सफलता लाता है।
  • धन के मार्ग का खुलना: यह स्तोत्र व्यक्ति के लिए धन के रास्ते खोलता है और किसी भी वित्तीय संकट से बाहर निकलने में मदद करता है।

6. पारिवारिक सुख (Family Happiness):

  • परिवार में सुख और शांति: गजानन स्तोत्र का पाठ परिवार में सुख, शांति और सौहार्द बढ़ाता है। यह पारिवारिक विवादों को दूर करता है और घर में खुशी का वातावरण बनाता है।
  • संतान सुख: जो लोग संतान सुख के लिए परेशान हैं, वे इस स्तोत्र का जाप करके संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं।

7. धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति (Spiritual and Religious Progress):

  • धार्मिक अनुष्ठान में सफलता: यह स्तोत्र भगवान गणेश की कृपा से किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: गजानन स्तोत्र का जाप मानसिक शांति और शुद्धता प्राप्त करने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति अपनी आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में बढ़ सकता है।

8. जीवन में समृद्धि (Prosperity in Life):

  • सभी क्षेत्रों में समृद्धि: गजानन स्तोत्र जीवन के हर क्षेत्र—व्यक्तिगत, व्यवसायिक, सामाजिक और आध्यात्मिक—में समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रभावी है। यह व्यक्ति को सभी क्षेत्रों में सफलता और संपन्नता दिलाता है।

9. सफलता और विजय (Success and Victory):

  • युद्धों और प्रतिस्पर्धाओं में सफलता: यह स्तोत्र व्यक्ति को प्रतिस्पर्धाओं और जीवन के किसी भी संघर्ष में सफलता दिलाता है।
  • यात्राओं में सफलता: यात्रा करने से पहले इस स्तोत्र का पाठ करने से यात्रा सफल होती है और कोई भी संकट नहीं आता।

10. ब्रह्मज्ञान और मोक्ष (Brahmajnana and Liberation):

  • आध्यात्मिक ज्ञान: गजानन स्तोत्र व्यक्ति को ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति और आत्म-ज्ञान की ओर मार्गदर्शन करता है।
  • मोक्ष प्राप्ति: यह स्तोत्र व्यक्ति को आत्मज्ञान प्राप्त करने के साथ मोक्ष की दिशा में भी मार्गदर्शन करता है।

गजानन स्तोत्र शङ्करादिकृत ! Gajanan Stotram Shankaradhikrit

देवा ऊचुः

गजाननाय पूर्णाय सांख्यरूपमयाय ते। 
विदेहेन च सर्वत्र संस्थिताय नमो नमः ॥१॥

अमेयाय च हेरम्ब परशुधारकाय ते।
मूषकवाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः ॥२॥

अनन्तविभवायैव परेशां पररूपिणे ।
शिवपुत्राय देवाय गुहाग्रजाय ते नमः ॥३॥

पार्वतीनन्दनायैव देवानां पालकाय  ते। 
सर्वेषां पूज्यदेहाय गणेशाय नमो नमः ॥४॥

स्वानन्दवासिने तुभ्यं शिवस्य कुलदैवत । 
विष्ण्वादीनां विशेषेण कुलदेवाय ते नमः ॥५॥

योगाकाराय सर्वेषां योगशान्तिप्रदाय च । 
ब्रह्मेशाय नमस्तुभ्यं ब्रह्मभूतप्रदाय ते ॥६॥

सिद्धि-बुद्धिपते नाथ ! सिद्धि-बुद्धिप्रदायिने । 
मायिने मायिकेभ्यश्च मोहदाय नमो नमः ॥७॥

लम्बोदराय वै तुभ्यं सर्वोदरगताय च। 
अमायिने च मायाया आधाराय नमो नमः ॥८॥

गजः सर्वस्य बीजं यत्तेन चिह्नेन विघ्नप । 
योनिस्त्वां प्रजानन्ति तदाकारा भवन्ति ते ॥९॥

 तेन त्वं गजवक्त्रश्च किं स्तुमस्त्वां गजानन । 
वेदादयो विकुण्ठाश्च शङ्क‌राद्याश्च देवपाः ॥१०॥

शुक्रादयश्च शेषाद्याः स्तोतुं शक्ता भवन्ति न। 
तथापि संस्तुतोऽसि त्वं स्फूर्त्या त्वद्दर्शनात्मना ॥११॥

एवमुक्त्वा प्रणेमुस्तं गजानन शिवादयः । 
स तानुवाच प्रीतात्मा भक्तिभावेन तोषितः ॥१२॥

गजानन उवाच

भवत्कृतमिदं स्तोत्रं मदीयं सर्वदं भवेत् । 
पठते शृण्वते चैव ब्रह्मभूत-प्रदायकम् ॥१३॥

इति मौद्गलोक्त गजाननस्तोत्रं समाप्तम् ॥

निष्कर्ष (Conclusion):

श्री गजानन स्तोत्र का पाठ न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है, बल्कि यह जीवन में हर प्रकार की समृद्धि, सफलता, शांति और धन की वृद्धि के लिए अत्यंत प्रभावशाली है। इसका नियमित जाप व्यक्ति को भगवान गणेश की कृपा का पात्र बनाता है और उसे हर तरह के विघ्नों और कठिनाइयों से मुक्ति दिलाता है।

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