महाशिवरात्रि व्रत के नियम, विधि और व्रत खोलने का सही समय | mahaashivaraatri vrat ke niyam, vidhi aur vrat kholane ka sahee samay
महाशिवरात्रि व्रत के नियम, विधि और व्रत खोलने का सही समय
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख पर्व है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और शिवजी की आराधना करते हैं। महाशिवरात्रि व्रत करने से व्यक्ति को आत्मिक शुद्धि और ईश्वरीय कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि व्रत के नियम, विधि और व्रत खोलने का सही समय:
महाशिवरात्रि व्रत के नियम
शुद्धता का पालन करें – महाशिवरात्रि व्रत के दिन शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखना आवश्यक है।
ब्रह्मचर्य का पालन करें – इस दिन संयम और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
सात्विक भोजन ग्रहण करें – यदि निर्जल व्रत संभव न हो तो केवल फलाहार और सात्विक भोजन लें। प्याज, लहसुन और तामसिक भोजन से बचें।
शिव मंदिर जाएं – इस दिन भगवान शिव के मंदिर जाकर जलाभिषेक और पूजा करें।
शिव मंत्रों का जाप करें – पूरे दिन "ॐ नमः शिवाय" और "महामृत्युंजय मंत्र" का जाप करें।
रात्रि जागरण करें – इस दिन पूरी रात भगवान शिव की भक्ति में जागरण करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
क्रोध और नकारात्मकता से बचें – इस दिन शांत रहें और किसी भी प्रकार के झगड़े से बचें।
दान-पुण्य करें – व्रत समाप्त करने के बाद गरीबों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा का दान करें।
महाशिवरात्रि व्रत की विधि
- व्रत का संकल्प लें
महाशिवरात्रि के दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। भगवान शिव का ध्यान करें और पूरे दिन विधिपूर्वक उपवास करने का संकल्प लें।
पूजा के लिए आवश्यक सामग्रीदूध, दही, घी, शहद, गंगाजल और पंचामृत
बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल और अक्षत
धूप, दीप, कपूर और अगरबत्ती
फल, मिष्ठान्न और प्रसाद
शिवलिंग का अभिषेक दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल और पंचामृत से करें। प्रत्येक सामग्री चढ़ाते समय "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
- बेलपत्र और धतूरा चढ़ाएं
शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, भांग और सफेद फूल अर्पित करें। मान्यता है कि इससे शिवजी शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
- धूप-दीप जलाएं और आरती करें
शिव मंदिर में जाकर धूप, दीप और अगरबत्ती जलाकर भगवान शिव की पूजा करें। शिव चालीसा और आरती का पाठ करें।
- महामृत्युंजय मंत्र और ओम नमः शिवाय का जाप करें
पूजा के दौरान "ॐ नमः शिवाय" या "महामृत्युंजय मंत्र" का जाप करें। इस दिन इन मंत्रों का जाप विशेष फलदायी माना जाता है।
- शिव कथा का पाठ करें
महाशिवरात्रि व्रत कथा का श्रवण या पाठ करें। इससे व्रत का पूर्ण लाभ मिलता है और व्रत की महिमा बढ़ती है।
- रात्रि जागरण करें
शिवरात्रि की रात जागरण करें और शिव भजन-कीर्तन करें। यह अत्यंत शुभ माना जाता है और इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
- फलाहार ग्रहण करें
व्रत के दौरान फलाहार लें। कुछ भक्त निर्जल व्रत भी रखते हैं। व्रत तोड़ने के बाद सात्विक भोजन ग्रहण करें।
- ब्राह्मणों को दान करें
व्रत पूर्ण होने के बाद ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा का दान करें। इससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
महाशिवरात्रि का व्रत कब खोला जाता है?
महाशिवरात्रि का व्रत दूसरे दिन प्रातः पारण (व्रत खोलने) के शुभ मुहूर्त में किया जाता है। व्रत खोलने के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन करें:
व्रत खोलने का सही समय – महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण करने के बाद, अगले दिन सूर्योदय के बाद और चतुर्दशी तिथि समाप्त होने से पहले व्रत खोलना उचित होता है।
सात्विक भोजन ग्रहण करें – व्रत खोलने के बाद हल्का और सात्विक भोजन करें। ज्यादा तला-भुना और गरिष्ठ भोजन न लें।
भगवान शिव का पुनः स्मरण करें – व्रत खोलने से पहले भगवान शिव का ध्यान करें और उनकी आरती करें।
गरीबों को दान दें – व्रत खोलने के बाद अन्न, वस्त्र और दक्षिणा का दान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।
व्रत के लाभ
भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
पापों से मुक्ति मिलती है।
आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
महाशिवरात्रि का व्रत अत्यंत पुण्यदायी और फलदायी होता है। इस दिन विधिपूर्वक व्रत करने से शिवजी की असीम कृपा प्राप्त होती है।
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