चैत्र नवरात्रि 2025: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत नियम | Chaitra Navratri 2025: Auspicious time, worship method and fasting rules
चैत्र नवरात्रि 2025: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत नियम
चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है। इस बार नवरात्रि केवल 8 दिनों की होगी क्योंकि अष्टमी और नवमी एक ही दिन पड़ रही हैं। भक्तजन इस दौरान मां दुर्गा की आराधना करते हैं और पूरे विधि-विधान से कलश स्थापना करते हैं।
कलश स्थापना मुहूर्त 2025
प्रथम मुहूर्त: सुबह 06:13 मिनट से सुबह 10:22 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:01 मिनट से 12:50 मिनट तक
घटस्थापना विधि (कलश स्थापना)
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
घर और पूजा स्थल की सफाई करें।
मिट्टी के पात्र में जौ बोएं और उसके पास तांबे, मिट्टी, या पीतल का कलश स्थापित करें।
कलश में गंगाजल, सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें।
आम के पत्तों से कलश को सजाएं और उसके ऊपर नारियल रखें।
माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित कर पूजा प्रारंभ करें।
दीप जलाएं, दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
चैत्र नवरात्रि पूजा विधि
प्रतिदिन स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थल की सफाई कर वहां माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें।
घी या तेल का दीपक जलाएं और धूप-दीप अर्पित करें।
माता को लाल फूल, चुनरी, श्रृंगार सामग्री और आभूषण अर्पित करें।
दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करें और विभिन्न प्रकार के भोग अर्पित करें।
कन्या पूजन करें और जरूरतमंदों की सहायता करें।
चैत्र नवरात्रि के नियम
ब्रह्मचर्य का पालन करें।
प्रतिदिन सुबह स्नान कर घर की सफाई करें।
सात्विक भोजन ग्रहण करें, लहसुन और प्याज से बचें।
नौ दिनों तक उपवास करें या फलाहार ग्रहण करें।
अखंड ज्योति जलाएं और मां दुर्गा का ध्यान करें।
नवरात्रि के दौरान नाखून और बाल काटने से बचें।
नंगे पैर रहना शुभ माना जाता है।
निष्कर्ष
चैत्र नवरात्रि हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इन दिनों में माँ दुर्गा की पूजा करने से सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। भक्तजन इन दिनों कठोर नियमों का पालन करते हुए देवी की कृपा प्राप्त करते हैं। इस वर्ष केवल 8 दिनों की नवरात्रि होने के कारण भक्तों को अधिक श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजा करनी चाहिए।
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