दुर्गाष्टमी व्रत 2025: माँ दुर्गा की कृपा पाने का उत्तम दिन | durgaashtamee vrat 2025: maan durga kee krpa paane ka uttam din
दुर्गाष्टमी व्रत 2025: माँ दुर्गा की कृपा पाने का उत्तम दिन
हिंदू धर्म में दुर्गाष्टमी का विशेष महत्व होता है। यह दिन माँ दुर्गा को समर्पित होता है और इस दिन उनका विधि-विधान से पूजन किया जाता है। 2025 में दुर्गाष्टमी व्रत कब रखा जाएगा, इसकी पूजा विधि क्या है और इसका धार्मिक महत्व क्या है, आइए जानते हैं।
दुर्गाष्टमी व्रत 2025 की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 6 मार्च 2025 को सुबह 10:06 बजे शुरू होगी और 7 मार्च 2025 को सुबह 9:18 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, इस बार दुर्गाष्टमी व्रत 7 मार्च 2025 को रखा जाएगा।
दुर्गाष्टमी व्रत का महत्व
माँ दुर्गा शक्ति और साहस की देवी मानी जाती हैं। दुर्गाष्टमी के दिन उनका व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी संकट दूर होते हैं। यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं द्वारा संतान सुख, सौभाग्य और घर में शांति के लिए रखा जाता है।
दुर्गाष्टमी व्रत की पूजा विधि
प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
घर के पूजा स्थल को साफ करें और माँ दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
माँ दुर्गा को लाल रंग के वस्त्र, पुष्प और अक्षत अर्पित करें।
धूप, दीप जलाकर माँ दुर्गा की स्तुति करें।
माँ दुर्गा को भोग में फल, मिठाई और पंचामृत अर्पित करें।
दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और माँ दुर्गा की आरती करें।
दिनभर व्रत रखें और शाम को जरूरतमंदों को भोजन कराएं।
अगले दिन व्रत का पारण करें।
दुर्गाष्टमी व्रत के नियम
इस दिन सात्विक भोजन ग्रहण करें।
मांसाहार और नशे से दूर रहें।
माँ दुर्गा के मंत्रों का जाप करें।
जरूरतमंदों को दान करें।
लाल वस्त्र पहनकर पूजा करना शुभ माना जाता है।
दुर्गाष्टमी व्रत के लाभ
- यह व्रत व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
- रोग, शोक और आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है।
- संतान सुख, वैवाहिक जीवन की समस्याओं और घर की अशांति दूर होती है।
- माँ दुर्गा की कृपा से जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
दुर्गाष्टमी व्रत के लिए विशेष मंत्र
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
इस व्रत को विधिपूर्वक करने से माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है।
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