होली 2025: रंगों के त्योहार का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि | Holi 2025: rangon ke tyohaar ka shubh muhoort, mahatv aur poojan vidhi
होली 2025: रंगों के त्योहार का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि
2025 में होली का मुहूर्त कब है?
होलिका दहन 2025 शुभ मुहूर्त (Holika Dahan 2025 Shubh Muhurat) ज्योतिषियों के अनुसार, 13 मार्च को होलिका दहन का शुभ मुहूर्त देर रात 11:26 मिनट से 12:30 मिनट तक रहेगा। इस दौरान होलिका दहन किया जा सकता है।
होली का धार्मिक महत्व
होली का धार्मिक महत्व अत्यंत गहरा है। यह त्योहार भगवान विष्णु भक्त प्रह्लाद और उसकी राक्षसी बुआ होलिका की कथा से जुड़ा हुआ है। कथा के अनुसार, भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए होलिका उसे आग में लेकर बैठी थी, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित बच गया और स्वयं होलिका जलकर भस्म हो गई। इस घटना की याद में होलिका दहन की परंपरा चली आ रही है।
रंगों से खेलने की परंपरा का संबंध भगवान श्रीकृष्ण और राधा से जुड़ा हुआ है। भगवान कृष्ण ने अपनी माता यशोदा से शिकायत की थी कि राधा और गोपियों का रंग गोरा है जबकि वे स्वयं सांवले हैं। तब माता यशोदा ने उन्हें रंग लगाने की सलाह दी और तभी से रंगों से खेलने की परंपरा आरंभ हुई। मथुरा, वृंदावन और बरसाना में यह त्योहार विशेष धूमधाम से मनाया जाता है।
होली पूजा विधि (Holi Puja Vidhi)
होलिका दहन के दिन सही विधि से पूजा करने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और सुख-समृद्धि आती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, होलिका दहन से पहले उसकी पूजा अवश्य करनी चाहिए। सही समय पर होलिका दहन न करने से दुर्भाग्य का सामना करना पड़ सकता है।
पूजन प्रक्रिया:
पूजा स्थल को साफ करके वहाँ होलिका की प्रतिमा स्थापित करें।
गोबर से बने होलिका और प्रह्लाद की मूर्तियां रखें।
जल, रोली, अक्षत, फूल, कच्चा सूत, हल्दी, मूंग, बताशा, नारियल आदि चढ़ाएं।
गेंहू और चने की बालियां भी अग्नि में समर्पित करें।
पूजा के बाद होलिका के चारों ओर तीन या सात बार परिक्रमा करें।
फिर होलिका दहन करें और सुख-समृद्धि की कामना करें।
पूजा सामग्री (Holi Puja Samagri)
होली पूजन के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
एक कटोरी पानी
गाय के गोबर से बनी माला
रोली, चावल (अक्षत)
अगरबत्ती और धूप
फूल
कच्चा सूती धागा
हल्दी की गांठ
मूंग दाल (साबुत)
बताशा
गुलाल पाउडर
नारियल
गेहूं और चने की हरी बालियां
निष्कर्ष
होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह केवल रंगों का त्योहार ही नहीं बल्कि सौहार्द्र, प्रेम और उत्साह का पर्व भी है। इस दिन सभी लोग आपसी बैर-भाव भुलाकर प्रेमपूर्वक एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और होली की खुशियों में सराबोर हो जाते हैं। आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं!
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