दुर्गाष्टमी के दिन इन 5 नियमों का पालन करना है शुभ | durgaashtamee ke din in 5 niyamon ka paalan karana hai shubh
दुर्गाष्टमी के दिन इन 5 नियमों का पालन करना है शुभ
दुर्गाष्टमी का व्रत और पूजा शक्ति की आराधना का पर्व है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और कष्ट दूर होते हैं। यह दिन साधना, आत्मिक शुद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी विशेष माना जाता है।
दुर्गाष्टमी के दिन इन नियमों का पालन करना शुभ माना जाता है:
सुबह उठकर स्नान करना चाहिए।
सात्विक भोजन करना चाहिए।
झूठ नहीं बोलना चाहिए और न ही किसी के लिए बुरा सोचना चाहिए।
बड़े-बुज़ुर्गों और महिलाओं का अनादर नहीं करना चाहिए।
गरीबों और ज़रूरतमंदों को दान करना चाहिए।
मांसाहार और शराब से परहेज़ करना चाहिए।
पूजा के समय और दिनभर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
पूजा विधि में लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
क्रोध और अशुद्ध वाणी से बचना चाहिए।
किसी भी प्रकार की हिंसा से बचना चाहिए।
दुर्गाष्टमी के दिन ये काम भी किए जा सकते हैं:
मां दुर्गा को फूल, चंदन, रोली, सिंदूर आदि अर्पित करना चाहिए।
देवी मां के मंदिर में जाकर उनके निमित्त वस्त्र भेंट करने चाहिए।
कच्चे नारियल की गिरी का भोग लगाना चाहिए।
देवी दुर्गा के मंत्र का जप करना चाहिए।
किसी छोटी कन्या में मां दुर्गा का ध्यान करते हुए आशीर्वाद लेना चाहिए और उसको भेंट स्वरूप कुछ न कुछ देना चाहिए।
दुर्गाष्टमी व्रत के लाभ:
इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से भय, कष्ट, और नकारात्मकता का नाश होता है।
भौतिक सुख-समृद्धि मिलती है।
आध्यात्मिक शांति मिलती है।
जीवन की समस्याओं से राहत मिलती है।
घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
मां दुर्गा अपने भक्तों की हर संकट से रक्षा करती हैं।
सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों को जीवन में तरक्की मिलती है।
दुर्गाष्टमी व्रत के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए:
चावल, गेहूं आदि अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए।
दालें भी नहीं खानी चाहिए।
मांस, मछली और अंडे का सेवन वर्जित है।
प्याज और लहसुन का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
तेल और घी में बने हुए भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
दुर्गाष्टमी व्रत शक्ति की साधना और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का पावन अवसर है। इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
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