चैत्र नवरात्रि में देवी के कौन से स्वरूप को कौन सा भोग लगाएं | Chaitra Navratri mein devee ke kaun se svaroop ko kaun sa bhog lagaen

चैत्र नवरात्रि में देवी के कौन से स्वरूप को कौन सा भोग लगाएं ?

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है और प्रत्येक दिन मां के प्रिय भोग अर्पित करने का विशेष महत्व होता है। इस नियम से किए गए भोग से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं। आइए जानते हैं कि किस दिन किस देवी को कौन सा भोग लगाना शुभ माना जाता है।

चैत्र नवरात्रि में नौ देवियों को प्रिय भोग:

  • पहला दिन - मां शैलपुत्रीप्रिय भोग: गाय के घी से बनी मिठाई, खीर, पूड़ी और फलों का भोग।
महत्व: यह भोग स्वास्थ्य और शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है।

  • दूसरा दिन - मां ब्रह्मचारिणीप्रिय भोग: पंचामृत, शक्कर और मिश्री।
महत्व: यह भोग संयम, तपस्या और शक्ति का प्रतीक है।
  • तीसरा दिन - मां चंद्रघंटाप्रिय भोग: दूध से बनी मिठाई, खीर।
महत्व: इससे मन की शांति और शत्रु बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
  • चौथा दिन - मां कूष्मांडाप्रिय भोग: मालपुआ।
महत्व: इससे बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है।
  • पांचवां दिन - मां स्कंदमाताप्रिय भोग: केला और चीनी।
महत्व: यह भोग संतान सुख और पारिवारिक समृद्धि प्रदान करता है।
  • छठा दिन - मां कात्यायनीप्रिय भोग: मीठे पान, शहद, लौकी की मिठाई।
महत्व: इससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
  • सातवां दिन - मां कालरात्रिप्रिय भोग: गुड़ से बनी मिठाई।
महत्व: इससे भय, बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा होती है।
  • आठवां दिन - मां महागौरीप्रिय भोग: नारियल, नारियल से बनी मिठाई।
महत्व: इससे इच्छित फल की प्राप्ति होती है और मन की शुद्धि होती है।
  • नौवां दिन - मां सिद्धिदात्रीप्रिय भोग: हलवा, खीर, पूड़ी, चना मसाला।
महत्व: यह भोग जीवन में सफलता, सिद्धि और समृद्धि प्रदान करता है।

नवरात्रि में भोग का महत्व

नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को भोग लगाकर पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। श्रद्धा और समर्पण के साथ किया गया यह अनुष्ठान घर में सुख-समृद्धि और शांति का संचार करता है। इसलिए, हर दिन माता के स्वरूप के अनुसार उचित भोग अर्पित करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

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