चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना का सही तरीका और शुभ मुहूर्त | Chaitra Navratri mein ghatasthaapana ka sahee tareeka aur shubh muhoort
चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना का सही तरीका और शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि 2025, 30 मार्च को शुरू होगी और 7 अप्रैल, 2025 को समाप्त होगी। उत्सव पहले दिन घटस्थापना के साथ शुरू होगा। चैत्र नवरात्रि के दौरान, 48 मिनट की अभिजीत मुहूर्त की अवधि होती है, जिसे विशेष रूप से शुभ माना जाता है। नवरात्रि का पहला दिन हिंदू नव वर्ष की शुरुआत और गुड़ी पड़वा के उत्सव का भी प्रतीक है। कहा जाता है कि इस शुभ समय में कलश स्थापना करने से व्रत और पूजा का महत्वपूर्ण लाभ मिलता है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त:
- प्रतिपदा तिथि आरंभ: 29 मार्च 2025, शाम 4:27 बजे
- प्रतिपदा तिथि समाप्त: 30 मार्च 2025, दोपहर 12:49 बजे
- कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त: सुबह 6:13 बजे से 10:22 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:01 बजे से 12:50 बजे तक
घटस्थापना के अनुष्ठान
- अपने दिन की शुरुआत स्नान के साथ करें।
- कलश और आसपास के क्षेत्र के साथ-साथ मां दुर्गा की मूर्ति को भी अच्छी तरह से साफ करें।
- लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और भगवान गणेश का आह्वान करने के लिए मंत्रों का जाप करें। लाल कपड़े पर एक मुट्ठी कच्चे चावल रखें।
- कलश को जल से भरें और उस पर रोली से स्वस्तिक बनाएं। कलश के चारों ओर मौली बांध लें।
- इसके बाद कलश में आम के पत्ते, सुपारी और सिक्के डालें।
- नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर मौली से बांध लें और देवी का आह्वान करते हुए कलश के ऊपर रखें।
- देवताओं को फूल चढ़ाएं और सच्चे मन से उनका सम्मान करें।
Chaitra Navratri 2025 का महत्व व दुर्गा माँ की सवारी
2025 में चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर प्रवेश करेंगी। यह आगमन वर्षा और समृद्धि की शुरुआत का प्रतीक है, जिसे हिंदू परंपरा में सकारात्मक रूप से देखा जाता है। इससे कृषि पर महत्वपूर्ण प्रभाव देखने को मिलता है। हाथी पर माता का आगमन अत्यंत शुभ माना जाता है, जो अच्छे वर्षा चक्र, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है। इस पूरे समय के दौरान, भक्त उपवास करते हैं, मंदिरों में जाते हैं और सुख, समृद्धि और सुरक्षा के लिए मां दुर्गा का आशीर्वाद मांगते हैं। 9 दिवसीय उत्सव का समापन भगवान राम के जन्म के उपलक्ष्य में रामनवमी उत्सव के साथ होता है।
चैत्र नवरात्रि 2025 के लिए अनुष्ठान
- नवरात्रि के पहले दिन, पूजा क्षेत्र में, घर के एक कोने में एक पवित्र कलश रखें।
- पूजा शुरू करने के लिए एक अखंड ज्योति जलाएं।
- अपने अनुष्ठानों में जौ के बीज बोने को शामिल करने पर विचार करें, जो वसंत की पहली फसल का प्रतीक है।
- पूजा की शुरुआत ध्यान और आह्वान के साथ मंत्रों का उच्चारण करते हुए करें।
- अर्घ्य समर्पण करें, फिर मां दुर्गा की मूर्ति के पैर धोकर चौकी पर रखें। मूर्ति को शुद्ध करें, उसके बाद नए कपड़े चढ़ाएं।
- मूर्ति को काजल, चंदन, रोली और अन्य आभूषणों से सजाएं।
- फल, नारियल, पान के पत्ते और धूप जैसी खाद्य सामग्री के साथ फूल और बिल्वपत्र चढ़ाएं।
- नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
- कन्या पूजा दिव्य मां के सम्मान का एक महत्वपूर्ण पहलू है। कन्याओं को हलवा, पूड़ी और काले चने खिलाएं और उन्हें उपहार और पैसे भेंट करें।
Chaitra Navratri 2025 के व्रत नियम:
- व्रत के दौरान प्रातः जल्दी उठना बहुत आवश्यक है।
- इस समय शराब, तंबाकू और मांसाहारी भोजन का सेवन न करें।
- व्रत में साधारण नमक के स्थान पर सेंधा नमक का उपयोग करें।
- नौ दिनों तक नाखून काटने, बाल कटवाने या दाढ़ी बनाने से बचें।
- अपने घर में सुखद और सकारात्मक वातावरण बनाए रखें।
- देवी के मंत्रों का नियमित जाप करें।
चैत्र नवरात्रि 2025 का यह शुभ समय आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए। माता रानी सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करें। जय माता दी!
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