दुर्गा अष्टमी पर कैसे करें मां दुर्गा की विशेष पूजा | durga ashtamee par kaise karen maan durga kee vishesh pooja
दुर्गा अष्टमी पर कैसे करें मां दुर्गा की विशेष पूजा?
दुर्गाष्टमी का दिन माँ दुर्गा की विशेष पूजा और भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन माँ दुर्गा की आराधना करने से भक्तों को शक्ति, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। यहाँ बताया गया है कि दुर्गाष्टमी के दिन माँ दुर्गा की विशेष पूजा कैसे करें।
दुर्गाष्टमी पूजा विधि:
स्नान और शुद्धता:
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई करें।
माँ दुर्गा की स्थापना:
माँ दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर को लाल रंग के वस्त्र से सजाएं।
पूजा के स्थान पर गंगाजल का छिड़काव करें।
पूजन सामग्री तैयार करें:
माँ दुर्गा को लाल चुनरी, लाल फूल, चंदन, रोली, सिंदूर, अक्षत (चावल) अर्पित करें।
दीपक जलाएं और धूप-दीप से माँ का पूजन करें।
माँ दुर्गा को भोग अर्पित करें जिसमें फल, मिठाई, पंचामृत और नारियल सम्मिलित हो।
मंत्र जाप और पाठ करें:
दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा और सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें।
विशेष मंत्रों का जाप करें:
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे"
"ॐ दुं दुर्गायै नमः"
आरती करें:
माँ दुर्गा की आरती करें और घंटे-शंख बजाकर माहौल को भक्तिमय बनाएं।
आरती के पश्चात प्रसाद का वितरण करें।
कन्या पूजन एवं दान:
नौ कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा एवं वस्त्र प्रदान करें।
ब्राह्मणों को भोजन कराकर आशीर्वाद लें।
व्रत एवं जागरण:
दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखें और सात्विक भोजन ग्रहण करें।
रात को माँ दुर्गा के भजन-कीर्तन करें और जागरण करें।
दुर्गाष्टमी की मान्यता:
शास्त्रों के अनुसार, दुर्गाष्टमी के दिन माँ दुर्गा की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। इस दिन उपवास और पूजन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं। माँ दुर्गा की कृपा से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
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