दुर्गा अष्टमी पर विशेष हवन विधि और इसके लाभ | durga ashtamee par vishesh havan vidhi aur isake laabh
दुर्गा अष्टमी पर विशेष हवन विधि और इसके लाभ
हिन्दू धर्म में दुर्गाष्टमी का विशेष महत्व है। इस दिन माँ दुर्गा की पूजा और हवन करने से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि यह जीवन में सुख-समृद्धि और शांति भी प्रदान करता है। दुर्गाष्टमी पर हवन करने से वातावरण पवित्र होता है और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है। आइए जानते हैं दुर्गाष्टमी पर हवन करने की विशेष विधि और इसके लाभ।
दुर्गाष्टमी हवन विधि
- स्नान और शुद्धिकरण – प्रातःकाल स्नान कर साफ़ वस्त्र धारण करें और हवन के लिए स्थान को शुद्ध करें।
- हवन कुंड की स्थापना – पूजा स्थल पर हवन कुंड बनाएं और उसके चारों ओर स्वास्तिक बनाएं।
- लकड़ी और सामग्री की व्यवस्था – हवन कुंड में आम की लकड़ी रखें और कपूर जलाकर अग्नि प्रज्वलित करें।
- आहुति प्रारंभ करें –
- हवन के दौरान देवी दुर्गा के मंत्रों का उच्चारण करें।
- प्रत्येक मंत्रोच्चारण के बाद घी व हवन सामग्री की आहुति दें।
- दुर्गा सप्तशती पाठ – हवन के दौरान दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा या सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें।
- आरती और प्रसाद वितरण – हवन के पूर्ण होने पर गणेश जी और माँ दुर्गा की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
- कन्या पूजन एवं दान – कन्याओं को भोजन कराएं और जरूरतमंदों को दान दें।
- समापन प्रार्थना – अंत में माता दुर्गा से परिवार की सुख-समृद्धि और कष्टों के निवारण की प्रार्थना करें।
दुर्गाष्टमी पर हवन करने के लाभ
- माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
- जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
- वातावरण शुद्ध होता है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
- शत्रु बाधा, बुरी नजर और दुष्ट शक्तियों से रक्षा होती है।
- स्वास्थ्य, धन, ऐश्वर्य और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- रोग, महामारी, प्राकृतिक आपदाओं और अन्य संकटों से मुक्ति मिलती है।
- मोक्ष और आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग प्रशस्त होते हैं।
हवन के लिए आवश्यक सामग्री
- आम की लकड़ी
- काले तिल
- कुमकुम और अक्षत
- जौ और धूप
- पंचमेवा और सूखा नारियल
- शुद्ध घी और लोबान
- माँ दुर्गा के पूजन हेतु लाल पुष्प
निष्कर्ष
दुर्गाष्टमी पर हवन करना एक शुभ कर्म है जो देवी माँ का आशीर्वाद पाने का सरल उपाय है। हवन से वातावरण शुद्ध होता है और जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है। माँ दुर्गा की आराधना और उनके मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के सभी दुख-दर्द समाप्त हो जाते हैं और उसे सफलता तथा शांति का वरदान मिलता है। अतः हर भक्त को दुर्गाष्टमी पर माँ दुर्गा के हवन और पूजन का आयोजन अवश्य करना चाहिए
टिप्पणियाँ