दुर्गाष्टमी के दिन व्रत करने वाले भक्तों को इन चीजों का पालन करना चाहिए | durgaashtamee ke din vrat karane vaale bhakton ko in cheejon ka paalan karana chaahie
दुर्गाष्टमी के दिन व्रत करने वाले भक्तों को इन चीजों का पालन करना चाहिए
दुर्गाष्टमी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह व्रत मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए रखा जाता है। इस दिन भक्तों को विशेष नियमों का पालन करना चाहिए ताकि व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके। आइए जानते हैं कि दुर्गाष्टमी के दिन व्रत करने वाले भक्तों को क्या करना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए।
दुर्गाष्टमी व्रत में क्या खाना चाहिए?
दुर्गाष्टमी के दिन भक्तों को सात्विक और हल्का भोजन करना चाहिए। व्रत के दौरान इन चीजों का सेवन किया जा सकता है:
- फल: दिन भर में सेब, केला, पपीता, अनार आदि फल खा सकते हैं।
- उबली या भाप में पकी हुई सब्ज़ियां: बिना मसाले की हल्की सब्ज़ियां खानी चाहिए।
- दूध और दही: शरीर को ऊर्जा देने के लिए दूध और दही का सेवन किया जा सकता है।
- सूखे मेवे: बादाम, काजू, किशमिश, अखरोट आदि खा सकते हैं।
- व्रत अनाज: कुट्टू के आटे से बनी पूड़ी, खिचड़ी या रोटी खा सकते हैं।
- मिठाइयां: सेंवई का हलवा या खीर बनाकर खा सकते हैं।
दुर्गाष्टमी व्रत में पूजा कैसे करें?
व्रत के दौरान भक्तों को मां दुर्गा की विशेष पूजा करनी चाहिए। पूजा विधि इस प्रकार है:
- मां दुर्गा का पूजन: गंगाजल से मूर्ति का अभिषेक करें और फूल, धूप, दीप अर्पित करें।
- पाठ करें: दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- आरती करें: पूजन के बाद मां दुर्गा की आरती करें और श्रद्धा के साथ भक्ति गीत गाएं।
- भोग लगाएं: मां को फल, मिठाई और नैवेद्य अर्पित करें और बाद में इसे प्रसाद के रूप में वितरित करें।
- मंत्र जाप करें: मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें और ध्यान करें।
- कथा श्रवण करें: दुर्गा सप्तशती की कथा सुनें या दूसरों को सुनाएं।
- जागरण करें: रात में भजन-कीर्तन और जागरण करें।
दुर्गाष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
- गुटका, पान, तंबाकू, शराब और मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
- मसालेदार, तली-भुनी चीजें और प्याज-लहसुन का सेवन वर्जित है।
- व्रत के दौरान बार-बार पानी नहीं पीना चाहिए, बल्कि संयम बनाए रखना चाहिए।
- व्रत को बीच में ही अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए।
- क्रोध, लोभ, ईर्ष्या और नकारात्मक विचारों से बचना चाहिए।
- झूठ बोलने और बुरी संगति से दूर रहना चाहिए।
निष्कर्ष
दुर्गाष्टमी व्रत रखने से मन की शुद्धि, आत्मिक शांति और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। जो भक्त इस दिन नियमों का पालन करते हुए व्रत और पूजन करते हैं, उन्हें जीवन में सफलता और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। इस दिन सात्विकता और भक्ति भाव बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
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