Holashtak 2025: जानिए कब से शुरू होगा होलाष्टक और क्यों माने जाते हैं ये दिन अशुभ | holashtak 2025: jaanie kab se shuroo hoga holaashtak aur kyon maane jaate hain ye din ashubh

Holashtak 2025: जानिए कब से शुरू होगा होलाष्टक और क्यों माने जाते हैं ये दिन अशुभ ?

होली का त्योहार पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। लेकिन, होली से आठ दिन पहले होलाष्टक की शुरुआत हो जाती है, जिसे अशुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। उज्जैन के प्रसिद्ध आचार्य आनंद भारद्वाज से जानते हैं कि आखिर होलाष्टक के दौरान मांगलिक कार्य क्यों नहीं किए जाते हैं।

होलाष्टक 2025 कब से शुरू होगा ?

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष होलाष्टक की शुरुआत 07 मार्च 2025 से हो रही है। इसका समापन 13 मार्च 2025 को होगा, जो होलिका दहन से एक दिन पहले है। इसके अगले दिन, यानी 14 मार्च 2025, को पूरे देश में रंगों का त्योहार होली मनाई जाएगी।

होली कब मनाई जाएगी ?

वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है। इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च 2025 को सुबह 10:35 बजे शुरू होकर 14 मार्च 2025 को दोपहर 12:23 बजे तक रहेगी

ऐसे में 13 मार्च की रात्रि में होलिका दहन किया जाएगा और 14 मार्च 2025 को रंगों की होली पूरे देशभर में मनाई जाएगी। हालांकि, इस वर्ष होली पर भद्रा का प्रभाव भी बताया जा रहा है, जिससे कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होगा।

होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य क्यों वर्जित हैं?

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, होलाष्टक के दौरान ग्रहों की स्थिति अशुभ मानी जाती है। इस समय ग्रहों का प्रभाव मांगलिक कार्यों के लिए अनुकूल नहीं होता। मान्यता है कि इन दिनों किए गए शुभ कार्यों में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे परेशानियां बढ़ सकती हैं। इसी कारण, इन आठ दिनों में किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है।

होलाष्टक के दौरान कौन-कौन से कार्य वर्जित होते हैं?

होलाष्टक के दौरान निम्नलिखित कार्यों को करने से बचना चाहिए:

  1. शादी-विवाह – इस दौरान विवाह करने से वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं।

  2. मुंडन संस्कार – बच्चों के मुंडन संस्कार को होलाष्टक के बाद करना चाहिए।

  3. गृह प्रवेश – नए घर में प्रवेश करने के लिए यह समय उपयुक्त नहीं माना जाता।

  4. नामकरण संस्कार – नवजात शिशु के नामकरण की प्रक्रिया होलाष्टक समाप्त होने के बाद करनी चाहिए।

  5. नए व्यापार या कार्य की शुरुआत – होलाष्टक के दौरान कोई नया व्यवसाय या कार्य शुरू करना अशुभ माना जाता है।

  6. संपत्ति, वाहन या आभूषण खरीदना – सोना-चांदी, वाहन, मकान आदि की खरीदारी भी टालनी चाहिए।

क्या करें होलाष्टक के दौरान?

हालांकि, होलाष्टक के दौरान मांगलिक कार्यों पर रोक होती है, लेकिन इन दिनों में कुछ धार्मिक कार्य किए जा सकते हैं:

  • भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा करें।

  • हनुमान चालीसा और श्रीरामचरितमानस का पाठ करें।

  • जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा दें और पुण्य अर्जित करें।

  • मंत्र जाप, हवन और ध्यान करें, जिससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।

निष्कर्ष

होलाष्टक एक धार्मिक मान्यता है, जिसके दौरान शुभ कार्यों को वर्जित माना जाता है। इस दौरान विशेष रूप से ग्रहों की अशुभ दशा के कारण शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण और नए कार्यों की शुरुआत से बचने की सलाह दी जाती है। हालांकि, पूजा-पाठ और धार्मिक कार्य इस समय किए जा सकते हैं।

इस बार होलाष्टक 07 मार्च 2025 से 13 मार्च 2025 तक रहेगा, और 14 मार्च को होली का पर्व पूरे देशभर में मनाया जाएगा। अतः इन धार्मिक मान्यताओं का पालन कर आप अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सकते हैं।

टिप्पणियाँ