होलिका दहन की पौराणिक कथा और इससे मिलने वाली सीख | holika dahan kee pauraanik katha aur isase milane vaalee seekh

होलिका दहन की पौराणिक कथा और इससे मिलने वाली सीख

होलिका दहन की पौराणिक कथा

हिंदू पुराणों के अनुसार, हिरण्यकशिपु नामक असुर राजा अमर होने की इच्छा रखता था। इसके लिए उसने ब्रह्मा जी को प्रसन्न करने हेतु कठोर तपस्या की। ब्रह्मा जी ने प्रसन्न होकर उसे यह वरदान दिया कि:

  • वह ब्रह्मा द्वारा बनाए गए किसी भी प्राणी के हाथों नहीं मरेगा।

  • न दिन में मरेगा, न रात में।

  • किसी भी हथियार से उसका वध नहीं होगा।

  • न पृथ्वी पर मरेगा, न आकाश में।

  • न मनुष्य द्वारा, न जानवर द्वारा, न देवताओं द्वारा, न ही असुरों द्वारा उसका वध होगा।

इस वरदान के कारण हिरण्यकशिपु ने स्वयं को अजेय समझ लिया और वह अपनी शक्ति के मद में चूर होकर अन्याय करने लगा। उसने सभी को अपने को देवता मानकर पूजने का आदेश दिया। लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था और उसने अपने पिता के आदेश को मानने से इनकार कर दिया। यह देख हिरण्यकशिपु क्रोधित हो उठा और उसने अपने पुत्र को मारने के कई प्रयास किए, लेकिन हर बार भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच जाता था।

अंततः हिरण्यकशिपु की बहन होलिका, जिसे अग्नि में न जलने का वरदान प्राप्त था, प्रह्लाद को मारने के लिए आगे आई। वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई, लेकिन विष्णु जी की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहा और होलिका जलकर भस्म हो गई। इस घटना के उपलक्ष्य में हर वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

होलिका दहन से मिलने वाली सीखें

  1. बुराई पर अच्छाई की जीत – होलिका दहन यह संदेश देता है कि कोई भी शक्ति अधर्म पर अधिक समय तक टिक नहीं सकती। अंततः सत्य और धर्म की जीत होती है।

  2. नकारात्मकता से मुक्ति – इस दिन नई फसल की बालियां जलाकर नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मकता को आमंत्रित करने की प्रार्थना की जाती है।

  3. शत्रु बाधा से मुक्ति – होलिका दहन के समय भगवान से प्रार्थना करने से शत्रु बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

  4. पारिवारिक क्लेश से मुक्ति – यह माना जाता है कि होलिका दहन की अग्नि में आहुति देने से परिवार में शांति बनी रहती है।

  5. नज़र दोष से छुटकारा – घर के सदस्यों पर बुरी नजर का असर दूर करने के लिए होलिका की अग्नि में नारियल, कपूर और हरी इलायची डालने की परंपरा है।

  6. विवाह में बाधा दूर करना – विवाह में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए नारियल के गोले को कलावे से बांधकर सिर पर सात बार घुमाकर होलिका की अग्नि में डालने का विशेष महत्व है।

  7. स्वास्थ्य लाभ – होलिका दहन की अग्नि में कपूर और हरी इलायची डालने से बीमारियों से मुक्ति मिलने की मान्यता है।

निष्कर्ष

होलिका दहन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन में धर्म, सत्य, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा को अपनाने का संदेश देता है। यह पर्व हमें सिखाता है कि अधर्म और अन्याय का अंत निश्चित है और सच्चे विश्वास और भक्ति से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।

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