होलिका दहन पर क्यों लगाई जाती है सात परिक्रमा | holika dahan par kyon lagaee jaatee hai saat parikrama

होलिका दहन पर क्यों लगाई जाती है सात परिक्रमा?

जानें होलिका दहन की कितनी बार करनी चाहिए परिक्रमा

सनातन धर्म में किसी भी देवी-देवता की पूजा के बाद उनकी परिक्रमा करने का विधान है। इसी प्रकार, होलिका दहन के बाद भी उसकी परिक्रमा अवश्य की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन के समय उसकी सात परिक्रमा करने से व्यक्ति को जीवन के सातों सुखों की प्राप्ति होती है

होलिका दहन पर सात परिक्रमा करने की मान्यता

सात का अंक शुभ माना जाता है, इसलिए सनातन परंपरा में इसे विशेष स्थान दिया गया है। जैसे:

  • सप्ताह में सात दिन होते हैं।
  • विवाह में सात फेरे लिए जाते हैं।
  • होलिका दहन की अग्नि में सात गेहूं की बालियां अर्पित की जाती हैं।

मान्यता है कि जो व्यक्ति होलिका दहन के समय सात परिक्रमा करता है, उसके सभी कष्ट समाप्त होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है

होलिका दहन पर सात परिक्रमा करने के पीछे धार्मिक और आध्यात्मिक कारण

  1. सात परिक्रमा से नकारात्मक ऊर्जा का नाश – होलिका दहन में सात बार परिक्रमा करने से जीवन की सभी नकारात्मक ऊर्जाएं समाप्त हो जाती हैं।
  2. मनोकामनाओं की पूर्ति – अगर कोई कार्य बनते-बनते बिगड़ रहा हो, तो होलिका दहन की सात परिक्रमा करने से कार्य सिद्ध हो सकता है
  3. परिवार में प्रेम और मेलजोल बढ़ता है – होलिका दहन की परिक्रमा पूरे परिवार को एक साथ करनी चाहिए, जिससे परिवार में आपसी प्रेम और एकता बनी रहती है।
  4. सात सुखों की प्राप्ति – सात परिक्रमा करने से जीवन के सात सुखों (धन, धान्य, संतान, आयु, स्वास्थ्य, यश और वैभव) की प्राप्ति होती है।

होलिका दहन की परंपरा और पूजा विधि

होलिका दहन की परंपरा भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद से जुड़ी है। पौराणिक कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यप ने भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए होलिका की गोद में बैठाकर अग्नि में प्रवेश करने को कहा, लेकिन भगवान की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका भस्म हो गई। इसीलिए होलिका दहन को अहंकार और बुराई के अंत का प्रतीक माना जाता है

होलिका दहन की पूजा सामग्री और प्रक्रिया

  • होलिका दहन के समय विशेष पूजा सामग्री चढ़ाई जाती है, जैसे –
    • 11 उपलों की माला
    • पान, सुपारी, नारियल, अक्षत
    • चना और मीठे भोग का अर्पण
    • सात गेहूं की बालियां
  • पूजा के बाद सात परिक्रमा की जाती है और फिर होलिका की राख को घर में सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है।

निष्कर्ष

होलिका दहन पर सात परिक्रमा करने से व्यक्ति को जीवन के सातों सुख प्राप्त होते हैं और सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती हैं। यह परंपरा न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण भी जुड़े हुए हैं। इसलिए होलिका दहन के दिन पूरे परिवार के साथ मिलकर इस पवित्र परंपरा का पालन करना चाहिए।

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