मासिक दुर्गा अष्टमी: इस विधि से करें मां दुर्गा का अभिषेक | maasik durga ashtamee: is vidhi se karen maan durga ka abhishek |

मासिक दुर्गाष्टमी: इस विधि से करें माँ दुर्गा का अभिषेक

मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह दिन माँ दुर्गा की उपासना और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का शुभ अवसर होता है। इस दिन भक्तगण उपवास रखते हैं और विधिपूर्वक माँ दुर्गा का अभिषेक व पूजन करते हैं।

मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व

मासिक दुर्गाष्टमी हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को आती है। इस दिन माँ दुर्गा की आराधना करने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को रखने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य का संचार होता है।

मासिक दुर्गाष्टमी अभिषेक विधि

माँ दुर्गा का अभिषेक करने से साधक की सभी परेशानियाँ दूर होती हैं और जीवन में शुभता आती है। अभिषेक करने की विधि इस प्रकार है:

  1. स्नान एवं शुद्धिकरण: व्रती को प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए।

  2. मंदिर की सफाई: पूजा स्थल और देवी माँ की प्रतिमा को स्वच्छ करें।

  3. अभिषेक के लिए जल तैयार करें:

    • गाय का दूध

    • गंगाजल

    • शहद

    • दही

    • घी

    • पवित्र जल

  4. अभिषेक प्रक्रिया:

    • सबसे पहले माँ दुर्गा की प्रतिमा को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल) से स्नान कराएँ।

    • फिर शुद्ध जल से अभिषेक करें।

    • माँ दुर्गा को लाल रंग के वस्त्र पहनाएँ।

    • माँ को लाल फूल, अक्षत, कुमकुम, और सिन्दूर अर्पित करें।

    • माँ को मीठे प्रसाद, खासकर फल और मिश्री का भोग लगाएँ।

    • धूप-दीप जलाकर दुर्गा चालीसा, सप्तशती पाठ, और दुर्गा मंत्रों का जाप करें।

दुर्गाष्टमी व्रत के नियम

  • व्रत रखने वाले को इस दिन सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए।

  • माँ दुर्गा के भक्तों को इस दिन क्रोध, अहंकार, नकारात्मक विचारों से बचना चाहिए।

  • माता के मंदिर में जाकर दर्शन करना और भजन-कीर्तन करना शुभ होता है।

  • गरीबों को भोजन कराना और जरूरतमंदों की मदद करना पुण्यकारी माना जाता है।

दुर्गाष्टमी के विशेष मंत्र

माँ दुर्गा की कृपा पाने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:

1. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

2. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

दुर्गाष्टमी के लाभ

  • यह व्रत परिवार में सुख-शांति लाता है।

  • इससे मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है।

  • नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

  • भक्तों को माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।

निष्कर्ष

मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत एक अत्यंत पुण्यदायी व्रत है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति भाव से माँ दुर्गा का पूजन और अभिषेक करने से समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। अतः, भक्तों को इस पावन दिन पर माँ की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए और उनके आशीर्वाद से जीवन को सफल बनाना चाहिए।

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