मासिक दुर्गा अष्टमी: क्यों रखा जाता है यह पावन व्रत | maasik durga ashtamee: kyon rakha jaata hai yah paavan vrat
मासिक दुर्गाष्टमी: क्यों रखा जाता है यह पावन व्रत?
मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए रखा जाता है। यह व्रत प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत और पूजा का महत्व
इस दिन मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
इस दिन की गई पूजा और अर्पण से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इस दिन की गई पूजा से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
इस दिन की गई पूजा से भक्तों को आध्यात्मिक बल मिलता है।
इस दिन की गई पूजा से नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव खत्म होता है।
इस दिन की गई पूजा से जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।
मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा विधि
प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीपक जलाएं।
मां दुर्गा को घी का हलवा, सफ़ेद मिठाई और केले का भोग अर्पित करें।
मां दुर्गा को लाल रंग के वस्त्र पहनाएं।
मां दुर्गा को एक चांदी का सिक्का अर्पित करें।
दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
माता की आरती करें और अपने परिवार के सुख-समृद्धि की कामना करें।
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत के लाभ
यह व्रत करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
जीवन की समस्याएं और कष्ट दूर होते हैं।
पारिवारिक सुख-शांति बनी रहती है।
आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत का पालन करने से मां दुर्गा अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। इस व्रत को पूरी श्रद्धा और विधिपूर्वक करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भक्त को आत्मबल प्राप्त होता है।
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