पहले दिन माँ शैलपुत्री को कौन सा भोग लगाएं? जानिए सही विधि | Pahale din Maa Shailputri ko kaun sa bhog lagaen? jaanie sahee vidh
पहले दिन माँ शैलपुत्री को कौन सा भोग लगाएं? जानिए सही विधि
नवरात्रि के पहले दिन माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है। माँ शैलपुत्री को गाय के दूध से बने पदार्थ विशेष रूप से प्रिय होते हैं। इसलिए इस दिन उन्हें खीर, दूध की बर्फी, रबड़ी, मावा के लड्डू या घी से बना हलवा अर्पित करने से देवी की कृपा प्राप्त होती है।
माँ शैलपुत्री को भोग लगाने की विधि
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खीर
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दूध की बर्फी
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रबड़ी
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मावा के लड्डू
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घी से बना हलवा
माँ शैलपुत्री को सफेद रंग अत्यधिक प्रिय है। इसलिए उन्हें सफेद वस्त्र, सफेद फूल, सफेद मिठाइयाँ और सफेद रंग के अन्य पदार्थ चढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
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नारियल का पानी और नारियल बुरादा
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रसगुल्ले और दूध से बनी मिठाइयाँ
माँ शैलपुत्री की पूजा विधि
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प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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माँ शैलपुत्री की पूजा का संकल्प लें।
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गंगाजल से शुद्ध स्थान पर मिट्टी या तांबे के कलश की स्थापना करें।
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कलश में जल भरकर आम के पत्ते लगाएं और उसके ऊपर नारियल रखें।
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माँ शैलपुत्री के चित्र या मूर्ति को कलश के पास स्थापित करें।
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माँ को सफेद वस्त्र अर्पित करें।
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माँ शैलपुत्री को कुमकुम, अक्षत (चावल), फल, फूल, सुगंधित द्रव्य अर्पित करें।
माँ शैलपुत्री के ध्यान और मंत्रों का जाप करें:
- वंदे वांछितलाभाय चंदार्धकृतशेखराम्।
- वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्री यशस्विनीम्।।
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उपरोक्त बताए गए गाय के दूध से बने भोग और सफेद रंग की मिठाइयाँ माँ को अर्पित करें।
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धूप, दीप और कपूर जलाकर माता की आरती करें।
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सभी परिवारजन आरती में सम्मिलित हों।
माँ शैलपुत्री की कृपा के लाभ
- सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
- मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
- सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।
- योग साधना में सहायक मूलाधार चक्र जाग्रत होता है।
जय माँ शैलपुत्री
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