Skanda Sashti Vrat 2025: आज है स्कंद षष्ठी व्रत, यहां जानिए पूजा मुहूर्त और विधि | Skanda Sashti Vrat 2025: aaj hai skand shashthi vrat, yaham jania puja muhurt aura vidhi

Skanda Sashti Vrat 2025: आज है स्कंद षष्ठी व्रत, यहां जानिए पूजा मुहूर्त और विधि |

Skanda Shashthi 2025: हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी व्रत रखा जाता है। यह दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। इस व्रत को कुमार षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघी स्कंद षष्ठी व्रत रखने और विधि-विधान से भगवान स्कंद की पूजा करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। आइए जानते हैं स्कंद षष्ठी व्रत पूजा मुहूर्त और विधि।


स्कंद षष्ठी व्रत 2025 - Skanda Shashthi Fast 2025

दृक पंचांग के अनुसार, माघ मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 3 फरवरी, सोमवार को सुबह 6 बजकर 52 मिनट से प्रारंभ होगी और 4 फरवरी, मंगलवार को शाम 4 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन रवि योग और साध्य योग का शुभ संयोग बन रहा है।

  • रवि योग: 3 फरवरी को सुबह 7:08 बजे से रात 11:16 बजे तक रहेगा।

  • साध्य योग: 4 फरवरी तक सुबह 3:03 बजे तक रहेगा।


स्कंद षष्ठी पूजा विधि - Skanda Shashthi Puja Vidhi

  1. साधक सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  2. घर के मंदिर की साफ-सफाई करें।

  3. भगवान मुरुगन (कार्तिकेय जी) का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।

  4. पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान स्कंद की प्रतिमा स्थापित करें।

  5. पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल) से भगवान का अभिषेक करें।

  6. भगवान कार्तिकेय को चंदन व हल्दी का तिलक लगाएं।

  7. घी का दीपक जलाकर भगवान को फूलों की माला अर्पित करें।

  8. भगवान को फल, मिठाई और पंचामृत का भोग लगाएं।

  9. भगवान कार्तिकेय की आरती करें और वैदिक मंत्रों का जाप करें।

  10. पूजा समाप्त करने के बाद शंखनाद जरूर करें, जिससे वातावरण शुद्ध होता है।

  11. अगले दिन प्रसाद ग्रहण करके व्रत का पारण करें।

  12. इस दिन जरूरतमंदों को भोजन कराएं और दान करें।


स्कंद षष्ठी मंत्र - Skanda Shashthi Mantra

  1. सामान्य मंत्र: ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात:

  2. भगवान कार्तिकेय की स्तुति मंत्र: देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥

  3. शत्रु नाश के लिए मंत्र: ॐ शारवाना-भावाया नमः

  4. ज्ञान प्राप्ति के लिए मंत्र: ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।


स्कंद षष्ठी व्रत का महत्व

भगवान कार्तिकेय को शक्ति और ज्ञान का देवता माना जाता है। मान्यता है कि स्कंद षष्ठी व्रत करने से व्यक्ति के जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और उसे सफलता प्राप्त होती है। विशेष रूप से यह व्रत संतान प्राप्ति, शत्रु नाश, और मानसिक शांति के लिए रखा जाता है।


उपसंहार: स्कंद षष्ठी व्रत भगवान कार्तिकेय के आशीर्वाद को प्राप्त करने का श्रेष्ठ उपाय है। इस दिन व्रत और पूजा विधि का पालन करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध होते हैं।

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