सावन 2025: भगवान शिव का प्रिय महीना – महत्व, व्रत, कथा और पूजा विधि

🌿 सावन 2025: भगवान शिव का प्रिय महीना – महत्व, व्रत, कथा और पूजा विधि

सावन, जिसे श्रावण मास भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का सबसे पावन महीना माना जाता है। यह महीना विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति से शिव पूजा करते हैं। सावन का महीना हर साल जुलाई-अगस्त के बीच आता है।

🌙 सावन 2025 की शुरुआत कब से?

सावन 2025 की शुरुआत 11 जुलाई 2025, शुक्रवार से हो रही है और यह 10 अगस्त 2025 तक रहेगा। इस दौरान चार सोमवार और चार मंगलवार विशेष रूप से पूजनीय माने जाएंगे।

🕉️ सावन का धार्मिक महत्व

1. भगवान शिव का प्रिय मास – पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब हलाहल विष निकला था, तब भगवान शिव ने उसे पीकर संसार की रक्षा की थी। यह घटना श्रावण मास में हुई थी।

2. कांवड़ यात्रा – इस माह में शिवभक्त गंगाजल लाकर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं।

3. सोमवार व्रत – शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का व्रत रखा जाता है।

4. कन्याओं के लिए शुभ – अविवाहित कन्याएं अच्छा वर पाने के लिए इस माह सोमवार व्रत करती हैं।

🙏 सावन सोमवार व्रत विधि

1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।

2. साफ वस्त्र पहनकर शिव मंदिर जाएं या घर में शिवलिंग की स्थापना करें।

3. शिवलिंग को जल, दूध, शहद, दही, घी, गंगाजल से अभिषेक करें।

4. बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि अर्पित करें।

5. “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।

6. दिनभर फलाहार या निर्जल उपवास रखें और शाम को पूजा के बाद भोजन करें।

📿 सावन में किए जाने वाले प्रमुख व्रत

दिन व्रत का नाम

सोमवार सावन सोमवार व्रत

मंगलवार मंगला गौरी व्रत

गुरुवार बृहस्पति व्रत

शनिवार शनि व्रत

📖 सावन में सुनने योग्य पौराणिक कथाएं

1. समुद्र मंथन कथा

2. शिव पार्वती विवाह कथा

3. शिव द्वारा कामदेव को भस्म करना

4. मंगला गौरी व्रत कथा

💐 सावन में क्या करें – क्या न करें

✅ करें:

भगवान शिव का रुद्राभिषेक

बेलपत्र अर्पण

उपवास और नियम पालन

शिव मंत्रों का जाप

❌ न करें:

तामसिक भोजन (मांस, मदिरा)

अधिक गुस्सा

झूठ बोलना या छल-कपट

🌼 निष्कर्ष

सावन का महीना न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धि के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह महीना हमें संयम, श्रद्धा और भक्ति का मार्ग दिखाता है। 

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