सिद्ध हनुमान यज्ञ या श्री हनुमान यज्ञ उपासना विधि ,Siddha Hanuman Yagya or Shri Hanuman Yagya is a mythological worship method
सिद्ध हनुमान यज्ञ या श्री हनुमान यज्ञ उपासना विधि
सिद्ध हनुमान यज्ञ
प्राचीन काल से ही सिद्ध हनुमान यज्ञ को सभी तरह की पीड़ा से मुक्ति दिलाने वाला और अपार धन-संपत्ति और विजय-प्रसिद्धि दिलाने वाला चमत्कारिक उपाय माना जाता रहा है. हनुमान यज्ञ के लिए मंगलवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है
हनुमान यज्ञ के लिए सामग्री:
- लाल फूल
- हवन कुंड
- हवन की लकड़ियां
- रोली
- कलावा
- गंगाजल
- एक जल लोटा
- पांच प्रकार के फल
- पंचामृत
- लाल लंगोट
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हनुमान यज्ञ करने के लिए विधि
विधिवत हनुमान जी का आवाहन और पूजन करके, इस मंत्र का पांच हज़ार बार स्फटिक की माला से जाप करें
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्
मंत्र जप पूरा होने के बाद, उसी मंत्र का उच्चारण करते हुए पांच सौ मंत्रों से हवन कुंड में गाय के घी की आहुति दें
हनुमान जी को बुलाने के लिए कई मंत्र हैं. इनमें से सबसे प्रभावशाली मंत्र है - "श्री हनुमते नमः". इसके अलावा, "बजरंग बली हनुमान जी को बुलाने का मंत्र" भी होता है - "ॐ हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् स्वाहा"
श्री हनुमान यज्ञ उपासना
धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ भगवान हनुमान की उपासना करने से व्यक्ति को भगवान के आशीर्वाद मिलते हैं जैसे पीड़ा से मुक्ति, अपार धन, आरोग्य, शांति, और सफलता। हनुमान जी के उपासना के लिए विशेष संदर्भों में भगवान हनुमान के कथा-काव्य और पौराणिक ग्रंथों का पाठ भी उपयुक्त माना जाता है।
कृपया ध्यान दें कि ये सभी विधियाँ और उपासना विधान प्रत्येक पंथ और संप्रदाय के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकते हैं और वे विशिष्ट संस्कृति और धार्मिक अनुष्ठान के अनुरूप होते हैं। इसलिए, यदि आपको सिद्ध हनुमान यज्ञ या किसी भी धार्मिक क्रिया को करना हो, तो आपको अपने आस-पास के प्रामाणिक पंडित या धार्मिक गुरु से सलाह लेनी चाहिए।
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श्री हनुमान यज्ञ उपासना विधि
हनुमान यज्ञ करने के लिए, इन चरणों का पालन करें:-
- ऊँ हनुमते नम: ध्यानार्थे पुष्पाणि सर्मपयामि मंत्र पढ़कर, हाथ में लिए चावल और फूल हनुमान जी को अर्पित करें.
- ऊँ हनुमते नम:, पाद्यं समर्पयामि मंत्र का जाप करते हुए, हनुमान जी के सामने किसी बर्तन या ज़मीन पर तीन बार जल छोड़ें.
- इसके बाद, हनुमान जी को गंध, सिंदूर, कुंकुम, चावल, फूल, और हार अर्पित करें.
- 'हनुमान चालीसा' का कम से कम पांच बार जाप करें.
- मंत्र जप पूरा होने के बाद, उसी मंत्र का उच्चारण करते हुए, पांच सौ मंत्रों से हवन कुंड में गाय के घी की आहुति दें.
- हवन पूरा होने पर, हनुमान यंत्र को हवन के ऊपर से 21 बार घुमाकर, पूजा स्थल पर रख दें.
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हनुमान जी की पूजा करने के लिए, ये तरीके अपनाए जा सकते हैं
- मंगलवार के दिन हनुमान जी की मूर्ति पर चमेली का तेल और सिन्दूर चढ़ाएं।
- इस दिन तामसिक भोजन और शराब का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
- मंगलवार के दिन भगवान राम के नाम का जाप करें, इससे आपको हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
- हनुमान जी की पूजा में तुलसी के पत्तों का प्रयोग शुभ माना जाता है।
- हनुमान जी की पूजा करने के लिए, ये तरीके अपनाए जा सकते हैं:
- हनुमान जी की उपासना के लिए, मंगलवार और शनिवार का दिन शुभ माना जाता है. हनुमान जी की पूजा में लाल रंग के फूल, शुद्ध देसी घी या तिल के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए. हनुमान जी की पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल शुभ माना जाता है.
- हनुमान जी की पूजा करने से पहले, उनकी उपस्थिति का आह्वान करें. उन्हें आमंत्रित करने के लिए आप हनुमान चालीसा या हनुमान मंत्रों का जाप कर सकते हैं
- मंगलवार के दिन ब्रह्म बेला में उठकर हनुमान जी को प्रणाम करें.
- नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें.
- हनुमान जी की मूर्ति पर चमेली का तेल और सिंदूर चढ़ाएं.
- हनुमान जी को लाल रंग की मिठाई प्रसाद के रूप में चढ़ाएं.
- हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें.
- हनुमान जी की आरती करें.
- हनुमान जी को घी का दीपक जलाएं.
- हनुमान जी को अनामिका अंगुली से तिलक लगाएं.
- हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करें.
- हनुमान जी को गंध, चंदन आदि लगाएं.
- हनुमान जी को हार और फूल चढ़ाएं.
- अगर मूर्ति का अभिषेक करना चाहते हैं, तो कच्चा दूध, दही, घी और शहद यानी पंचामृत से उनका अभिषेक करें.
हनुमान यज्ञ के लिए ज़रूरी सामग्री:
दूर्वा घास की माला
गोमय (गाय के गोबर) और कन्द (बकरी के गोबर)
लकड़ी की अग्नि को जलाने के लिए घी और कपूर
हनुमान जी का रुद्र मंत्र है - 'ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्'. शत्रु, भय, अनिद्रा, जनहानि के डर से छुटकारा पाने के लिए इस मंत्र का प्रयोग करना उत्तम फलदायी माना गया है.
हनुमान उपासना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- हनुमान जी को संकटों से उबारने वाला देवता माना जाता है.
- हनुमान जी की पूजा लाल रंग के फूल, फल, धूप, दीप, सिंदूर आदि से करनी चाहिए.
- हनुमान जी की पूजा के समय हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए.
- हनुमान जी की पूजा के समय "श्री हनुमते नमः" मंत्र का उच्चारण करना चाहिए.
- हनुमान जी का पुत्र मकरध्वज था.
- हनुमान जी ने महाभारत के युद्ध में भी हिस्सा लिया था.
- हनुमान जी का जन्म कपि नामक वानर जाति में हुआ था.
- हिंदू शास्त्रों के मुताबिक, हनुमान जी आठ चिरंजीवियों में से एक हैं.
- हनुमान जी को केसरिया रंग प्रिय है.
- हनुमान जी ने भी रामायण लिखी है.
- हनुमान जी के पांच भाई थे.
- हनुमान जी को भगवान सूर्य से आठ सिद्धियां और नव निधियां मिली थीं.
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