आइए जानें, नौ तिथि और नौ देवियों को किस दिन क्या भोग चढ़ाएं... /Let's know, what bhog to offer to the nine dates and nine goddesses on which day...

नौ देवियाँ है :-

  1. शैलपुत्री - इसका अर्थ- पहाड़ों की पुत्री होता है।
  2. ब्रह्मचारिणी - इसका अर्थ- ब्रह्मचारीणी।
  3. चंद्रघंटा - इसका अर्थ- चाँद की तरह चमकने वाली।
  4. कूष्माण्डा - इसका अर्थ- पूरा जगत उनके पैर में है।
  5. स्कंदमाता - इसका अर्थ- कार्तिक स्वामी की माता।
  6. कात्यायनी - इसका अर्थ- कात्यायन आश्रम में जन्मि।
  7. कालरात्रि - इसका अर्थ- काल का नाश करने वली।
  8. महागौरी - इसका अर्थ- सफेद रंग वाली मां।
  9. सिद्धिदात्री - इसका अर्थ- सर्व सिद्धि देने वाली।

शक्ति की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नौ तिथि, नौ नक्षत्र, नौ शक्तियों की नवधा भक्ति के साथ सनातन काल से मनाया जा रहा है। सर्वप्रथम श्रीरामचंद्रजी ने इस शारदीय नवरात्रि पूजा का प्रारंभ समुद्र तट पर किया था और उसके बाद दसवें दिन लंका विजय के लिए प्रस्थान किया और विजय प्राप्त की। तब से असत्य, अधर्म पर सत्य, धर्म की जीत का पर्व दशहरा मनाया जाने लगा। आदिशक्ति के हर रूप की नवरात्र के नौ दिनों में क्रमशः अलग-अलग पूजा की जाती है। माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है। ये सभी प्रकार की सिद्धियाँ देने वाली हैं। इनका वाहन सिंह है और कमल पुष्प पर ही आसीन होती हैं। नवरात्रि के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है।

नवदुर्गा और दस महाविद्याओं में काली ही प्रथम प्रमुख हैं। भगवान शिव की शक्तियों में उग्र और सौम्य, दो रूपों में अनेक रूप धारण करने वाली दशमहाविद्या अनंत सिद्धियाँ प्रदान करने में समर्थ हैं। दसवें स्थान पर कमला वैष्णवी शक्ति हैं, जो प्राकृतिक संपत्तियों की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी हैं। देवता, मानव, दानव सभी इनकी कृपा के बिना पंगु हैं, इसलिए आगम-निगम दोनों में इनकी उपासना समान रूप से वर्णित है। सभी देवता, राक्षस, मनुष्य, गंधर्व इनकी कृपा-प्रसाद के लिए लालायित रहते हैं।

आपको सबको नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं, अपनी अभीष्ट देवी की उपासना करके अभीष्ट फल प्राप्त करें ।


मां को पसंद हैं ये 9 भोग, जानें नवरात्रि के किस दिन क्या चढ़ाएं.

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नवरात्रि पर देवी पूजन और नौ दिन के व्रत का बहुत महत्व है. मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पावन पर्व शुरू हो चुका है. इन नौ दिनों में व्रत रखने वालों के लिए कुछ नियम होते हैं साथ ही इन नौ दिनों में मां दुर्गा  के नौ स्वरूपों को उनका पसंदीदा भोग चढ़ाकर मां का आशीर्वाद भी पाया जासकता है.

आइए जानें, नौ तिथि और नौ देवियों को किस दिन क्या भोग चढ़ाएं...

15 अक्टूबर 2023 - मां शैलपुत्री (पहला दिन) प्रतिपदा तिथि

16 अक्टूबर 2023 - मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन) द्वितीया तिथि

17 अक्टूबर 2023 - मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन) तृतीया तिथि

18 अक्टूबर 2023 - मां कुष्मांडा (चौथा दिन) चतुर्थी तिथि

19 अक्टूबर 2023 - मां स्कंदमाता (पांचवा दिन) पंचमी तिथि

20 अक्टूबर 2023 - मां कात्यायनी (छठा दिन) षष्ठी तिथि

21 अक्टूबर 2023 - मां कालरात्रि (सातवां दिन) सप्तमी तिथि

22 अक्टूबर 2023 - मां महागौरी (आठवां दिन) दुर्गा अष्टमी         

23 अक्टूबर 2023 - महानवमी, (नौवां दिन) शरद नवरात्र व्रत पारण

24 अक्टूबर 2023 - मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, दशमी तिथि (दशहरा)

1. मां शैलपुत्री

मां शैलपुत्री को सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है और अगर यह गाय के घी में बनी हों तो व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है और हर तरह की बीमारी दूर होती है.

2. मां ब्रह्मचारिणी

मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री, चीनी और पंचामृत का भेग लगाया जाता है. इन्हीं चीजों का दान करने से लंबी आयु का सौभाग्य भी पाया जा सकता है.

3. मां चंद्रघंटा

मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लगाएं और और इसी का दान भी करें. ऐसा करने से मां खुश होती हैं और सभी दुखों का नाश करती हैं.

4. मां कुष्मांडा

मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाएं. इसके बाद प्रसाद को किसीब्राह्मण को दान कर दें और खुद भी खाएं. इससे बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय क्षमता भी अच्छी हो जाएगी.

5. मां स्कंदमाता

पंचमी तिथि के दिन पूजा करके भगवती दुर्गा को केले का भोग लगाना चाहिए और यह प्रसाद ब्राह्मण को दे देना चाहिए. ऐसा करने से मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है.

 

6. मां कात्यायनी

षष्ठी तिथि के दिन देवी के पूजन में मधु का महत्व बताया गया है. इस दिन प्रसाद में मधु यानि शहद का प्रयोग करना चाहिए. इसके प्रभाव से साधक सुंदर रूप प्राप्त करता है.

7. मां कालरात्रि

सप्तमी तिथि के दिन भगवती की पूजा में गुड़ का नैवेद्य अर्पित करके ब्राह्मण को दे देना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति शोकमुक्त होता है.

8. मां महागौरी

अष्टमी के दिन मां को नारियल का भोग लगाएं. नारियल को सिर से घुमाकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें. मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी.

9. मां सिद्धिदात्री

नवमी तिथि पर मां को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं जैसे- हलवा, चना-पूरी, खीर और पुए और फिर उसे गरीबों को दान करें. इससे जीवन में हर सुख-शांति मिलती है.

* नवरात्रि के बारे में जानने योग्य बाते *

 

नवरात्रि एक हिंदू पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'नौ रातें'। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। पौष, चैत्र,आषाढ,अश्विन प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ रातों में तीन देवियों - महालक्ष्मी, महासरस्वती या सरस्वती और माँ काली या दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा होती है जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दुर्गा का मतलब जीवन के दुख कॊ हटानेवाली होता है। नवरात्रि एक महत्वपूर्ण प्रमुख त्योहार है जिसे पूरे भारत में महान उत्साह के साथ मनाया जाता है।

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