कुछ खास बातें भगवान शिव के बारे में

 कुछ खास बातें भगवान शिव के बारे में "Some special things about Lord Shiva "

भगवान शिव के बारे में  कुछ खास बातें 

शिव भगवान हिन्दू धर्म में त्रिमूर्ति में से एक माने जाते हैं। वे नरेश्वर, शंकर, महादेव, रुद्र, नीलकंठ, भोलेनाथ आदि नामों से पुकारे जाते हैं। उन्हें सृष्टि का स्थायी नायक और सम्हारक कहा जाता है। 
भगवान शिव का ध्यान धरने वाले व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति, शांति और संतोष की प्राप्ति होती है। उन्हें ध्यान में धारण करने से मानव जीवन की समस्याओं का समाधान मिलता है।
शिव के विभिन्न रूप और गुणों की बात करें तो, वे आदि और अनंत हैं, जिन्हें न कोई जन्म न कोई मृत्यु का अनुभव होता है। वे तपस्वी होते हैं, और उनकी ध्यान में रहने से मानव जीवन में सामंजस्य, शांति और सफलता मिलती है। 
उनकी पत्नी हैं पार्वती, जोकि शक्ति का प्रतीक हैं। उनके दो पुत्र हैं गणेश और कार्तिकेय। शिव के लिए गंगा, भस्म, त्रिशूल और नाग भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। उनकी त्रिशूल को तीनों लोकों को प्रकट करने वाला सिंहासन माना जाता है। उनके बाल हैंगुलों में गंगा जी का पानी बहता है, जो उनकी शीतलता का प्रतीक है।
शिव की पूजा में भोलेनाथ की भावना और श्रद्धा जताने पर मान्यता है कि उनकी कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शिवरात्रि जैसे त्योहार पर भक्त उनकी पूजा-अर्चना करते हैं और उनका व्रत रखते हैं।

  1. भगवान शिव की अद्वैत शक्ति का अन्वेषण की कथा
  2. कैलाश की यात्रा: भगवान शिव के राज्य के अंदर की खोज
  3. शिव तत्व के बारे में कुछ जानकारी
  4. भगवान शिव के स्वरूप

भगवान शिव की कई महत्त्वपूर्ण कथाएं

भगवान शिव की कई महत्त्वपूर्ण कथाएं हैं, जो उनके महानता और उनके भक्तों को सिखाने वाले संदेशों से भरी हुई हैं। ये कथाएं भगवान शिव के विविध रूपों और उनके लीलाओं पर आधारित होती हैं। यहां कुछ खास कथाएं हैं:
  1. सती और शिव की कहानी (Sati and Shiva): इस कथा में, सती नामक एक राजकुमारी हैं जो भगवान शिव की पत्नी बनती हैं। उनके पिता राजा दक्ष ने शिव को अपमानित किया, जिससे सती ने अपने शरीर को धारण कर लिया और प्रेम में जल चढ़ा दिया। यह कथा प्रेम, त्याग और पतिव्रता का प्रतीक है।
  2. हलाहल विष (The Poison Halahala): देवताओं और असुरों के मिलकर समुद्र मंथन के समय, अमृत प्राप्ति के लिए हलाहल विष उत्पन्न हुआ था। इस विष को समुद्र मंथन के बाद निकालने के लिए भगवान शिव ने उसे पी लिया था, जिससे उनका गला नीला हो गया था। इससे उन्हें 'नीलकंठ' कहा जाता है। यह कथा शिव की अपनी ताकत और शक्ति को प्रकट करती है।
  3. भस्मासुर (Bhasmasura):भस्मासुर नामक असुर ने शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा की थी। उन्हें शिव ने एक वर दिया था, जिससे वह किसी को छूते ही भस्म बन जाता। फिर भस्मासुर ने शिव पर उसी वर का प्रयोग किया, लेकिन पार्वती माता की चाल में शिव ने उसे मोह लिया और खुद को भस्म कर दिया। यह कथा ब्रह्माण्डीय बुद्धि की महत्ता को दर्शाती है।
ये केवल कुछ कथाएं हैं जो भगवान शिव की महिमा और उनके शक्तिशाली रूप को दर्शाती हैं। ये कथाएं भक्तों को धार्मिक और नैतिक सिखाने का कार्य करती हैं।

 कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य हैं भगवान शिव के बारे में

  • त्रिशूल धारी: भगवान शिव को त्रिशूल धारी माना जाता है, जो तीनों लोकों को प्रतिष्ठित करता है।
  • ध्यान का प्रतीक: शिव का ध्यान करने से मानव जीवन में समाधान और त्राण मिलता है।
  • अर्धनारीश्वर रूप: शिव का अर्धनारीश्वर रूप, जिसमें उनका एक आधा हिस्सा आदि और एक हिस्सा पार्वती माता का होता है, सृष्टि की एकता को प्रकट करता है।
  • गंगा धारा: उनके बालों में गंगा नदी बहने का दृश्य एक प्रसिद्ध चित्रण है, जो शिव की शांति और त्राण का प्रतीक है।
  • अन्धकार नाशक: उनका त्रिशूल अंधकार को नष्ट करता है और जीवन में प्रकाश लाता है।
  • ध्यान में समाधान: शिव की ध्यान में रहने से मानव जीवन में सामंजस्य, शांति और सफलता मिलती है।
  • नगर नाथ: वे काशीपुराधीश, भोलेनाथ, जगदीश, नगेंद्रनाथ आदि नामों से पुकारे जाते हैं।
  • रुद्र रूप: उन्हें रुद्र रूप में भी पुकारा जाता है, जो उनके क्रोध और न्याय को प्रतिष्ठित करता है।
  • अशुतोष: उन्हें आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है, और उन्हें भोलेनाथ कहा जाता है।
  • महादेव: वे सर्वोच्च देवता हैं और त्रिमूर्ति में एक माने जाते हैं।
ये थे कुछ खास तथ्य भगवान शिव के बारे में, जो उनके महत्त्व और उनके विविध रूपों को प्रकट करते हैं।

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