बहुत कम लोग यह जानते हैं
कि भगवान राम की एक बहन भी थी जानिए एक कथा के अनुसार
कथा के अनुसार
एक कथा के अनुसार रानी कौशल्या की बहन रानी वर्षिणी संतानहीन थी और इस बात से वह हमेशा दुखी रहती थी। एक बार रानी वर्षिणी और उनके पति रोमपद जो अंगदेश के राजा थे अयोध्या आएं। राजा दशरथ और रानी कौशल्या से वर्षिणी और रोमपद का दुःख देखा न गया और उन्होंने निर्णय लिया कि वह शांता को उन्हें गोद दे देंगे। दशरथ के इस फैसले से रोमपद और वर्षिणी की प्रसन्नता का ठिकाना न रहा। कहते हैं उन्होंने शांता की देखभाल बहुत अच्छे तरीके से की और अपनी संतान से भी ज़्यादा स्नेह और मान दिया। इस प्रकार शांता अंगदेश की राजकुमारी बन गयी।
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ऋष्यशृंग ऋषि से हुआ देवी शांता का विवाह -इस संकट की समस्या के लिए राजा रोमपद ऋष्यशृंग ऋषि के पास गए और उनसे उपाय पूछा. तब ऋषि ने बताया कि, उन्हें इन्द्रदेव को प्रसन्न करने के लिए यज्ञ कराना चाहिए-आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें- देवी शांता का विवाह
लोककथा अनुसार
दक्षिणी रामायणों के अनुसार भगवान राम की एक बहन भी थीं, जो उनसे बड़ी थी. उनका नाम शांता था, जो चारों भाइयों से बड़ी थीं. लोककथा अनुसार शांता राजा दशरथ और कौशल्या की पुत्री थीं. शांता जब पैदा हुई, तब अयोध्या में 12 वर्षों तक अकाल पड़ा. चिंतित राजा दशरथ को सलाह दी गई कि उनकी पुत्री शांता ही अकाल का कारण है. राजा दशरथ ने अकाल दूर करने हेतु अपनी पुत्री शांता को अपनी साली वर्षिणी जो कि अंगदेश के राजा रोमपद कि पत्नी थीं उन्हें दान कर दिया. शांता का पालन-पोषण राजा रोमपद और उनकी पत्नी वर्षिणी ने किया, जो महारानी कौशल्या की बहन अर्थात श्री राम की मौसी थीं. दशरथ शांता को अयोध्या बुलाने से डरते थे इसलिए कि कहीं फिर से अकाल नहीं पड़ जाए. रोमपद और उनकी पत्नी वर्षिणी ने शांता का विवाह महर्षि विभाण्डक के पुत्र श्रृंगी ऋषि से कर दिया
जानिए रामायण से जुड़े अनसुने रहस्य
भगवान राम के तीन भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न थे. लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि भगवान राम की एक बहन भी थी, जिसका नाम शांता था. चारों भाईयों में शांता सबसे बड़ी थी.
रामायण महाकाव्य की मूल रचना ऋषि वाल्मीकि द्वारा की गई है. लेकिन अन्य संत, वेद और पंडितों जैसे तुलसीदास, संत एकनाथ आदि द्वारा भी इसके अन्य संस्करणों की रचना की गई. ऐसे में प्रत्येक संस्करणों में अलग-अलग तरीके से रामायण की कहानी का वर्णन मिलता है.
रामायण से जुड़े प्रचलित किस्सों से सभी लोग परिचित हैं और रामायण के मूल चरित्रों के बारे में भी सभी लोग जानते हैं. भगवान श्रीराम से जुड़े हर किस्से को भी लोग जानते हैं. जैसे कि भगवान राम राजा दशरथ और देवी कौशल्या के पुत्र थे. भगवान राम के तीन भाई थे, जिनका नाम लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न था. लेकिन इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि, श्रीराम जी की एक बहन भी थी, जिसका नाम शांता था और शांता सभी भाईयों में सबसे बड़ी थी.
क्यों शांता के माता-पिता नहीं बने दशरथ और कौशल्या,जानिए-देवी शांता को लेकर अलग-अलग मान्यताएं और कथाएं प्रचलित है. लेकिन एक मान्यता के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि, एक बार अंगदेश के राजा रोमपद अपनी पत्नी रानी वर्षिणी के साथअयोध्या आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें- शांता के माता-पिता नहीं बने दशरथ और कौशल्या,जानिए
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