जानिए तुलसी के 20 चमत्कारी गुण-लाभ
हिंदू मान्यताओं के अनुसार-तुलसी जी को हर रोज जल देना चाहिए। कभी भी बिना स्नान किए तुलसी के पत्तों को स्पर्श न करें। वहीं, रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में भूलकर भी जल न चढ़ाएं। एकादशी और रविवार के दिन माना जाता है कि तुलसी माता प्रभु श्री हरि विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
तुलसी के चमत्कारी गुण-लाभ
तुलसी के फायदे, उपयोग व औषधीय गुण
- सर्दी-खांसी में
- मुँह की दुर्गंध
- सिर की जूं लीख में
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये
- कान दर्द और सूजन में राहत
- तनाव से मुक्ति
- दस्त में आराम
- चोट लगने पर
Know 20 miraculous properties and benefits of Tulsi |
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तुलसी के चमत्कारी गुण
जब से संसार में सभ्यता का उदय हुआ है, मनुष्य रोग और औषधि इन दोनों शब्दों को सुनते आए हैं। जब हम किसी शारीरिक कष्ट का अनुभव करते हैं तभी हमको 'औषधि' की याद आ जाती है, पर आजकल औषधि को हम जिस प्रकार 'टेबलेट', 'मिक्चर', 'इंजेक्शन', 'कैप्सूल' आदि नए-नए रूपों में देखते हैं, वैसी बात पुराने समय में न थी। उस समय सामान्य वनस्पतियाँ और कुछ जड़ी-बूटियाँ ही स्वाभाविक रूप में औषधि का काम देती थीं और उन्हीं से बड़े-बड़े रोग शीघ्र निर्मूल हो जाते थे, तुलसी भी उसी प्रकार की औषधियों में से एक थी।
जब तुलसी के निरंतर प्रयोग से ऋषियों ने यह अनुभव किया कि यह वनस्पति एक नहीं सैकड़ों छोटे-बड़े रोगों में लाभ पहुँचाती है और इसके द्वारा आसपास का वातावरण भी शुद्ध और स्वास्थ्यप्रद रहता है तो उन्होंने विभिन्न प्रकार से इसके प्रचार का प्रयत्न किया। उन्होंने प्रत्येक घर में तुलसी का कम से कम एक पौधा लगाना और अच्छी तरह से देखभाल करते रहना धर्म कर्त्तव्य बतलाया। खास-खास धार्मिक स्थानों पर 'तुलसी कानन' बनाने की भी उन्होंने सलाह दी, जिसका प्रभाव दूर तक के वातावरण पर पड़े।
धीरे-धीरे तुलसी के स्वास्थ्य प्रदायक गुणों और सात्विक प्रभाव के कारण उसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि लोग उसे भक्ति भाव की दृष्टि से देखने लगे, उसे पूज्य माना जाने लगा। इस प्रकार तुलसी की उपयोगिता और भी अधिक बढ़ गई, क्योंकि जिस वस्तु का प्रयोग श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाता है, उसका प्रभाव बहुत शीघ्र और अधिक दिखलाई पड़ता है। हमारे यहाँ के वैद्यक ग्रंथों में कई स्थानों पर चिकित्सा कार्य के लिए जड़ी-बूटियाँ संग्रह करते समय उनकी स्तुति-प्रार्थना करने का विधान बतलाया गया है और यह भी लिखा है कि उनको अमुक तिथियों या नक्षत्रों में तोड़कर या काटकर लाया जाए। इसका कारण यही है कि इस प्रकार की मानसिक भावना के साथ ग्रहण की हुई औषधियाँ लापरवाही से बनाई गई दवाओं की अपेक्षा कहीं अधिक लाभप्रद होती हैं।
कुछ लोगों ने यह अनुभव किया कि तुलसी केवल शारीरिक व्याधियों को ही दूर नहीं करती, वरन मनुष्य के आंतरिक भावों और विचारों पर भी उसका कल्याणकारी प्रभाव पड़ता है। हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार किसी भी पदार्थ की परीक्षा केवल उसके प्रत्यक्ष गुणों से ही नहीं की जानी चाहिए, वरन उसके सूक्ष्म और कारण प्रभाव को भी ध्यान में रखना आवश्यक है। तुलसी के प्रयोग से ज्वर, खाँसी, जुकाम आदि जैसी अनेक बीमारियों में तो लाभ पहुँचता ही है, उससे मन में पवित्रता, शुद्धता और भक्ति की भावनाएँ भी बढ़ती हैं। इसी तथ्य को लोगों की समझ में बैठाने के लिए शास्त्रों में कहा गया है-
त्रिकाल बिनता पुत्र प्रयाश तुलसी यदि ।
विशिष्यते कायशुद्धिश्चान्द्रायण शतं बिना ॥
तुलसी गन्धमादाय यत्र गच्छन्ति मारुतः ।
दिशो दशश्च पूतास्तुर्भूत ग्रामश्चतुर्विधः ॥
अर्थात-
यदि सुबह, दोपहर और शाम को तुलसी का सेवन किया जाए तो उससे शरीर इतना शुद्ध हो जाता है, जितना अनेक चांद्रायण व्रत के बाद भी नहीं होता। तुलसी की गंध जितनी दूर तक जाती है, वहाँ तक का वातारण और निवास करने वाले जीव निरोगी और पवित्र हो जाते हैं।
तुलसी के 20 चमत्कारी गुण
- तुलसी एक प्राकृतिक इम्यूनिटी बूस्टर है.
- तुलसी सर्दी-खांसी और जुकाम को कम करती है.
- तुलसी में कैंसर रोधी गुण होते हैं.
- तुलसी त्वचा और बालों के लिए अच्छी होती है.
- तुलसी ओरल हेल्थ के लिए बेहतरीन है.
- तुलसी तनाव और थकान को कम करती है.
- तुलसी किडनी स्टोन में इस्तेमाल की जा सकती है.
- तुलसी दिल के लिए फ़ायदेमंद है.
- तुलसी पाचन के लिए फ़ायदेमंद है.
- तुलसी त्वचा में निखार लाने में कारगर है.
- तुलसी कान दर्द और सूजन में राहत देती है.
- तुलसी दस्त में आराम देती है.
- तुलसी चोट लगने पर फ़ायदेमंद है.
- तुलसी का इस्तेमाल हृदय रोग और बुखार के इलाज के लिए भी किया जाता है.
- तुलसी का इस्तेमाल श्वसन संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए भी किया जाता है.
- तुलसी का इस्तेमाल बुखार, सामान्य सर्दी और गले में खराश, सिरदर्द और गुर्दे की पथरी को ठीक करने के लिए किया जाता है.
- तुलसी अस्थमा के इलाज में मदद करती है.
- रोज़ाना खाली पेट तुलसी के पत्ते चबाने से एसिडिटी और पेट में जलन की समस्या दूर होती है.
- तुलसी के पत्तों का काढ़ा पीने से जुकाम, सिर दर्द, बुखार आदि रोगों से लाभ मिलता है.
- तुलसी के पत्ते चबाकर ऊपर से पानी पीने से कैंसर से लाभ मिलता है.
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