शिव शायरी दो लाइन ! shiv shayari two lines
Shiv Shayari Two Lines |
शिव शायरी दो लाइन - shiv shayari two lines
किसी से रखा नही अब मैने कोई वास्ता,
शिव ही मेरी मंजिल, अब शिव ही मेरा रास्ता।
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मस्तक पर धारण है तेरे चंद्रमा
तेरी पत्नी आदिशक्ती है उमा
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ना गिन कर देता है ना तोल कर देता है
जब भी मेरा भुला देता है दिल खोल कर देता है।।
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वो समंदर ही क्या जिसका कोई किनारा न हो,
वो इबादत ही क्या जिसमे महाकाल नाम तेरा न हो।
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भांग और चिल्लम के नशे में हम खोते चले गए,
धीरे धीरे हम भी शिव के भक्ति में मगन होते गए !
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वो नहाते है इस पुरे ब्रम्हांड के भस्म से,
तभी तो लोग उन्हें महाकाल के नाम से जानते है !
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ख़ाक मजा है जीने में,
जब तक शिव न बसे हो अपने सीने में।
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माया को चाहने वाला बिखर जाता है,
और शिव को चाहने वाला निखर जाता है।
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जो समय की चाल हैं, अपने भक्तों की ढाल हैं,
पल में बदल दे सृष्टि को, वो महाकाल हैं..!!
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जो सुकून नहीं पूरे संसार में,
वह सुकून है मेरे महादेव के दरबार में।
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मुश्किल तो मेरे भी हालात बडे थे,
मैं जीत गयी क्योंकि साथ मे महाकाल खडे थे।
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बदलता तो हर जीव है,
और जो ना बदले वाही तो शिव है।
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तुम्हारे दर पर आकर जो भक्त होते हैं,
उनकी हर मनोकामना पूरी होती है तुमसेमिलकर हमेशा।
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जिंदगी रूठती रही,
मैं महादेव से सब्र माँगता रहा..!
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हद से ज्यादा भरोषा है आप पर “महादेव”
मेरा सही वक्त आपको ही लाना है।
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ना जीने की खुशी ना मौत का गम !!
जब तक है दम महाकाल के भक्त रहेंगे हम !!
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शिव के दर्शन से हर दुःख मिट जाता है,
उनकी भक्ति से हमें सबकुछ मिल जाता है।
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बस एक इच्छा मेरी भी पूरी हो,
शिव शक्ति के जैसी अपनी भी जोड़ी हो।
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एक आप ही हो महादेव जिसको दिल का हाल बताने के लिए,
लफ़्ज़ों की जरूरत नहीं पड़ती..!
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