Maa Sri Durga Everything / श्रीदुर्गा

Maa Sri Durga Everything /  श्रीदुर्गा

श्रीदुर्गा-परिचय

दुर्गा'-पद कितना सुन्दर है, कैसा स्फूर्ति-दायक है। इसके ज्ञान मात्र से निखिल विश्व सुन्दर हो जाता है। इस दो अक्षरवाले नाम का उच्चारण भर करने से हमारी सोई शक्ति में स्फुरता आ जाती है। हमारे अन्तस्तल में शान्ति-भाव स्वतः उदय हो जाता है। इसके श्रवण से हमारे आसुरी भाव काँप कर भागने को प्रस्तुत होने लगते हैं। इसके मनन से समस्त असुर मृत-प्राय हो जाते हैं। इसके निदिध्यास से सम्पूर्ण आसुरी सर्गों का निर्मूलन हो जाता है।
  1. सुन्दर एवं स्फूर्ति-दायक 'दुर्गा' नाम का अर्थ 
  2. 'श्रीदुर्गा'-नाम-माहात्म्य

भगवती दुर्गा के तीन विलक्षण स्वरूप 

हिन्दुओं के समस्त देवताओं के हाथों में नाना प्रकार के अस्त्र-शस्त्र व वराभय आदि मुद्राएँ देखी जाती हैं। हमें अपने इष्ट देवता की उसी के रूप के ध्यानानुगत भाव से चिन्ता करनी होती है। इष्ट-देव के कर में स्थित आयुध आदि हमारे पूर्व-जन्मार्जित आसुरी वृत्तियों का विनाश कर हमारे चित्त को दैवी-सम्पद् की ओर अग्रसर करा देते हैं।
  1. चतुर्भुजी दुर्गा (जय दुर्गा).
  2. अष्ट-भुजी दुर्गा.
  3. दश-भुजी दुर्गा

भगवती दुर्गा के चार अन्य रूप

  1. अपराजिता दुर्गा.
  2. 'चण्डी'
  3. महा-माया
  4. मूल प्रकृति-रूपा दुर्गा.

  • श्रीदुर्गा-तत्त्व
  • श्रीदुर्गा-मन्त्र-तत्त्व
  • श्रीदुर्गा-यन्त्र-तत्त्व

श्रीदुर्गा-आराधना-तत्त्व



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