भगवान शिव शंकर की कहानी / story of lord shiv shankar

 भगवान शिव शंकर की कहानी

भगवान शिव की कहानी अत्यंत महत्वपूर्ण और रोचक है। भगवान शिव हिंदू धर्म के मुख्य देवता माने जाते हैं और वे ही त्रिमूर्ति का एक रूप माने जाते हैं। उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है, क्योंकि वे अत्यंत सरल और शुद्ध हृदय के मालिक हैं।एक प्राचीन कथा के अनुसार, शिव भगवान एक बार वैष्णो देवी की तपस्या को अनदेखा करते हुए गुहाराज में बिता रहे थे। उन्होंने वहां पूर्वी में दक्ष नामक एक यज्ञ का आयोजन किया देखा और तत्काल वहां पहुंच गए।जब शिव वहां पहुंचे, तो वहां उनका स्वागत नहीं किया गया और उन्हें उनकी पत्नी सती का नाम लेकर
अपमानित किया गया। यह देखकर सती बहुत दुःखी हुई और उनके माता-पिता के यहां गई और खुद को आग में समाप्त कर लिया।

जब शिव यह जानकर विद्युत् नंदनी नामक भद्रकाली द्वारा भोलेनाथ और सती के गर्भस्थ रूप की हत्या का समाचार सुना, तो उनका क्रोध उबल आया। उन्होंने अपने जटा में से अपने जटाभार से उत्पन्न वीरभद्र नामक पुत्र को उत्पन्न किया, जो माता सती के मन की अभिप्रेत रूप थे।वीरभद्र ने अपनी माता के बदले दक्ष नामक राजा की हत्या की और यज्ञ का प्रयोजन नष्ट कर दिया। शिव भगवान ने बाल गणेश को भी वीरभद्र के रूप में उत्पन्न किया, जिन्होंने अपने माता-पिता की अधिकारिता बताते हुए यज्ञ की प्राप्ति की।

शिव और पार्वती का विवाह की कहानी 

हिमालय के राजा हिमवंत और उनकी पत्नी मेनादेवी शिव जी के भक्त थे। उनकी इच्छा एक ऐसी पुत्री पाने की थी जिसका विवाह में शिव जी के साथ कर सके। मेनादेवी ने शिवजी की पत्नी गौरीदेवी को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या शुरू कर दी। कई दिनों तक वह बिना खाए पिए तप करती रही। गौरीदेवी ने प्रसन्न होकर मेनादेवी की बेटी के रूप में जन्म लेने का वचन दे दिया।गौरीदेवी ने आग में कूदकर अपनी जान दे दी। इसके बाद उन्होंने मेनादेवी की बेटी के रूप में जन्म लिया, जिसका नाम पार्वती रखा गया। पार्वती ने जब बोलना शुरू किया तो उनके मुंह में पहला शब्द शिव ही निकला। बड़ी होकर वह बहुत सुंदर युवती बनी। इस बीच शिवजी ने अपनी पत्नी की मृत्यु से दुखी होकर लंबा ध्यान शुरू कर दिया था। हिमवंत को आशंका हो रही थी की शायद शिवजी गहन ध्यान मैं होने के कारण पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार ना करें। उन्होंने समस्या के समाधान के लिए नारद को बुलाया। नारद ने उनसे कहा कि पार्वती तपस्या के जरिए शिव जी का हृदय जीत सकती थी। हिमवंत ने पार्वती को शिव जी के पास ही भेज दिया। पार्वती ने दिन-रात उनकी पूजा और सेवा की।
शिवजी पार्वती की भक्ति से बहुत प्रसन्न हुए, लेकिन उन्होंने उनकी परीक्षा लेने का निश्चय किया। उन्होंने युवा ब्राह्मण का रूप धारण किया और पार्वती के पास जाकर कहने लगे कि भिकारी की तरह रहने वाले शिवजी से विवाह करना सही नहीं होगा। पार्वती यह सुनकर बहुत क्रोधित हुई। उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि वे शिव को छोड़कर और किसी के साथ विवाह नहीं करेंगी। उनके उत्तर से संतुष्ट होकर शिव अपने असली रूप में आ गए और पार्वती से विवाह करने को तैयार हो गए। हिमवंत ने धूमधाम से दोनों का विवाह कर दिया। इस कहानी से स्पष्ट होता है कि भगवान शिव की महानता उनकी क्रियाओं में नहीं होती है, बल्कि उनके भक्तों के प्रति प्रेम और करुणा में होती है। उनकी कथाएं हमें यह सिखाती हैं कि भक्ति, समर्पण और आत्म-निर्भरता से जीवन की समस्याओं को पार किया जा सकता है।

भगवान शिव की रोचक और महत्वपूर्ण 25 तथ्यों

  1. भगवान शिव को त्रिमूर्ति के तीनों अवतारों का संयोजन माना जाता है: ब्रह्मा (सृष्टि), विष्णु (पालन) और महेश्वर (संहार)।
  2. भगवान शिव का वाहन नंदी (भैरव) गौरीपुत्र नंदी है, जिसे उनकी भक्ति का प्रतीक माना जाता है।
  3. शिव पूर्णतः अव्यक्त हैं और उन्हें निराकार और निर्गुण भी माना जाता हैं।
  4. भगवान शिव को नीलकंठ (नीला गले वाले) के नाम से भी जाना जाता है, जो उनके गले के कारण हैं।
  5. शिव भगवान को भूतों और प्रेतों का स्वामी माना जाता है और उन्हें अन्तिम संस्कार देने की शक्ति है।
  6. मान्यता के अनुसार, शिव भगवान के दस मुख होते हैं, जिनके प्रत्येक मुख का अपना महत्व होता है।
  7. भगवान शिव का वाहन नंदी के अलावा कई अन्य वाहन भी हैं, जैसे कि भैरव कुत्ता, सिंह, हंस, बाघ, उष्ट्र (ऊंट) आदि।
  8. शिव के चिह्नके रूप में शिवलिंग बहुत महत्वपूर्ण है, जो प्राकृतिक पत्थर से बना होता है और उनकी अद्वितीयता को प्रतिष्ठित करता है।
  9. नंदी राशि में जन्मे लोगों को शिव भक्त और मार्गदर्शक माना जाता है, क्योंकि वहां उनका नंदी का प्रभाव अधिक होता है।
  10. शिव भगवान को भूत प्रेत भगाने और शिवालय में पूजा करने की शक्ति होती है।
  11. भगवान शिव को मृत्युंजय (मृत्यु का जितने वाले) के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उनकी कृपा से मृत्यु की आपदा से मुक्ति मिलती है।
  12. शिव परिवार में उनकी पत्नी पार्वती (उमा) और उनके द्वारा उत्पन्न हुए दो पुत्र कार्तिकेय (स्कंद) और गणेश भी शामिल हैं।
  13. शिव और पार्वती का विवाह जलंधर और वृंदा की पुत्री हेमावती के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने शिव की आज्ञा के बिना इस विवाह को नष्ट करने की कोशिश की थी।
  14.  शिव की अर्धनारीश्वर (पुरुष और स्त्री का युगल रूप) स्वरूप का वर्णन उनकी पत्नी पार्वती के साथ देखा जाता है, जो सृष्टि की सामरिक और पुरुष-स्त्री संगठन की प्रतिष्ठा को दर्शाता है।
  15. महाशिवरात्रि शिवरात्रि भगवान शिव के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है।
  16. भगवान शिव को गंगा की जटाएं धारण करते हुए दिखाया जाता है, जब माता गंगा उनके शिरोमणि से नीचे बहती है। इसलिए उन्हें गंगाधारी भी कहा जाता है।
  17. भगवान शिव का ध्यान करने के लिए मन्त्र "ॐ नमः शिवाय" का उपयोग किया जाता है, जो शिव की प्रतिष्ठा और आदर्शता को दर्शाता है।
  18. कैलाश पर्वत भगवान शिव की निवास स्थान माना जाता है, जहां पर्वतारोहण के लिए उनकी आदेश की जाती है और वहां पर्वतारोही और तपस्वी ऋषियों का आवास है।
  19. नंदीश्वर गुफा को भगवान शिव का आवास स्थान माना जाता है, जहां पर वे तपस्या और ध्यान करते हैं। यह गुफा काशी (वाराणसी) में स्थित है।
  20. शिव को शंभु, भोलेनाथ, रुद्र, नीलकंठ, महादेव, शंकर, त्रिलोचन, पशुपति, महेश, जटाधारी, आदिदेव आदि नामों से भी जाना जाता है।
  21. भगवान शिव की पूजा में धतूरा, बेल पत्र, काले तिल, बर्फ, बिल्व पत्र, रुद्राक्ष, चन्दन, कपूर और जल का उपयोग किया जाता है।
  22. शिवरात्रि के दिन शिव की पूजा करने से मान्यता है कि भगवान शिव पूरे वर्ष उपवास करने के बराबर फल प्रदान करते हैं।
  23. भगवान शिव की त्रिशूल उनकी महत्वपूर्ण पहचान है और यह ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर का प्रतीक है, जो सृष्टि, पालन और संहार के लिए उपयोग किया जाता है।
  24. शिव रात्रि की रात को जागरण करते हैं और शिव की भक्ति, कीर्तन और भजन के माध्यम से उनकी महिमा का गान करते हैं।
  25. शिवरात्रि के दिन शिव मंदिरों पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है और उन्हें जल, धूप, दीपक, फूल और भक्ति भेंट की जाती है। शिवरात्रि की रात्रि में ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने का विशेष महत्व होता है।
ये कुछ रोचक और महत्वपूर्ण तथ्य भगवान शिव के बारे में हैं। आशा करता हूँ कि आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी!

टिप्पणियाँ