भगवान गणेश जी के वाहन के रूप में मूषक /Mouse as the vehicle of Lord Ganesha

भगवान गणेश जी के वाहन के रूप में मूषक

 (चूहा) का चयन करने के पीछे कई कारण हैं। यह भारतीय पौराणिक कथाओं और संस्कृति के अनुसार विवरणित किया गया है। कुछ मुख्य कारणों को निम्नलिखित रूप से समझाया जा सकता है:
1. बुद्धिमानता और गणेश का स्वभाव: मूषक चूहे के रूप में बुद्धिमान और चतुर होते हैं। गणेश जी को संस्कृति में विज्ञान, बुद्धि, और विवेक के प्रतीक के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। मूषक को उनके वाहन के रूप में चयन करके इस गुण को प्रतिष्ठित किया गया है।
2. संयम: मूषक एक छोटा और निम्न-स्थायी प्राणी होता है, लेकिन गणेश जी के वाहन के रूप में उसे चयन करके दिखाया गया है कि भगवान गणेश संयमी हैं और अपने भक्तों को भी संयम बनाए रखने का संदेश देते हैं।
3. आध्यात्मिक अर्थ: गणेश जी को सभी विघ्नों का नाश करने वाले और समस्त शुभ कार्यों के प्रमुख प्रयासी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। मूषक उसके वाहन के रूप में चयन करने से गणेश का आध्यात्मिक अर्थ प्रकट होता है कि भगवान गणेश भक्तों के विघ्नों को नष्ट करने और उन्हें सफलता की प्राप्ति के लिए मदद करने के लिए सदैव तैयार हैं।यह रूप से गणेश जी के वाहन के रूप में मूषक का चयन एक पौराणिक कथा है, जो की संस्कृति में विशिष्ट महत्व रखती है। भगवान गणेश की पूजा विधान में उनके वाहन मूषक को भी ध्यान में रखकर उन्हें प्रसन्न करना महत्वपूर्ण है।

कथाओं और पौराणिक लेखों के अनुसार, मूषक (चूहा) के रूप में गणेश जी के वाहन होने की एक प्रसिद्ध कथा है। यह कथा कहती है कि कैसे मूषक ने गणेश जी के वाहन के रूप में अपनी स्थानीय चतुरता और वचनबद्धता के कारण अपने चयन को प्राप्त किया।


कथा कुछ इस प्रकार है:

एक बार, देवी पार्वती और भगवान शिव अपने दिव्य आलय में विराजमान थे। पार्वती जी को एक विशेष शौक था कि वह अपने शरीर के मलामल वस्त्रों से जल्दी से धकेलकर स्नान कर सके। इसके लिए उन्हें एक दास की आवश्यकता होती थी।शिव जी ने युवा और हुंकारी गण गणेश को दास बनाने का विचार किया। पार्वती जी ने इस विचार को समर्थन किया और गणेश को दास बनाने का फैसला किया।इसके बाद, शिव जी ने गणेश से कहा, "बेटा, तुम्हें मेरे आभूषण और शरीर के मलामल वस्त्रों को स्नान कराने का काम करना होगा। तुम्हारी यह सेवा मुझे अत्यंत प्रिय होगी।"
गणेश जी ने आशीर्वाद प्राप्त करके वचनबद्धता से कहा, "आपकी सेवा करना मेरे लिए एक आनंददायक कार्य होगा। मैं इसे खुशी-खुशी करूँगा।"इसके बाद, गणेश जी ने अपने विशेष वाहन का चयन करने के लिए एक विचार किया। उन्होंने अपनी वाहन पर चिंतन और विवेक को ध्यान में रखकर मूषक को चुना।गणेश जी ने कहा, "मूषक छोटा, चतुर, और बुद्धिमान प्राणी होता है। वह भविष्य में आने वाली कठिनाइयों को भी पहचान लेता है और उन्हें दूर करने का तरीका भी जानता है। इसलिए, उसे मेरे वाहन के रूप में चयन करने से मैं अपने भक्तों की मुश्किलों को भी दूर कर पाऊंगा।"
इस प्रकार, मूषक गणेश जी के वाहन के रूप में बन गया, और से दिन भगवान गणेश की सेवा करने के लिए उपस्थित रहता है। इस कथा से हमें यह संदेश मिलता है कि भगवान गणेश अपने भक्तों की समस्याओं को नष्ट करने और उन्हें सफलता की प्राप्ति करने में सदैव तैयार रहते हैं।

गणेश जी के वाहन के रूप में मूषक (चूहा) का चयन पौराणिक पाँच तथ्य 

1. बुद्धि और विवेक के प्रतीक: मूषक चूहे के रूप में बुद्धिमान और चतुर होते हैं। गणेश जी को संस्कृति में विज्ञान, बुद्धि, और विवेक के प्रतीक के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। मूषक को उनके वाहन के रूप में चयन करके इस गुण को प्रतिष्ठित किया गया है।
2. संयम: मूषक एक छोटा और निम्न-स्थायी प्राणी होता है, लेकिन गणेश जी के वाहन के रूप में उसे चयन करके दिखाया गया है कि भगवान गणेश संयमी हैं और अपने भक्तों को भी संयम बनाए रखने का संदेश देते हैं।
3. आध्यात्मिक अर्थ: गणेश जी को सभी विघ्नों का नाश करने वाले और समस्त शुभ कार्यों के प्रमुख प्रयासी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। मूषक उसके वाहन के रूप में चयन करने से गणेश का आध्यात्मिक अर्थ प्रकट होता है कि भगवान गणेश भक्तों के विघ्नों को नष्ट करने और उन्हें सफलता की प्राप्ति के लिए मदद करने के लिए सदैव तैयार हैं।
4. परिवारिक जुड़ाव: मूषक और गणेश जी दोनों को हिंदू परंपरा में परिवारिक जुड़ाव के रूप में देखा जाता है। कई पौराणिक कथाओं में दिखाया गया है कि गणेश जी को उनके माता-पिता, देवी पार्वती और भगवान शिव के साथ बैठे हुए हैं और मूषक उनके साथ उत्तराधिकारी या परिवारीय सम्बन्धी के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है।
5. प्राकृतिक वाहन: भगवान गणेश को सभी देवताओं के अधिपति और प्राकृतिक रूप से भी संबोधित किया जाता है। मूषक को भी प्राकृतिक वाहन के रूप में चुनने से गणेश जी का प्राकृतिक संबंध और प्रकृति के साथ गहरा संबंध दर्शाया जाता है।ये थे कुछ तथ्य जो मूषक को गणेश जी के वाहन के रूप में चुनने के पीछे हो सकते हैं। हालांकि, फिर भी कृपया ध्यान दें कि ये सभी पौराणिक कथाएं हैं और धार्मिक तथ्यों के लिए भक्तिभावना से प्रयोग की जाती हैं।

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