माता त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी देवी के एक प्रमुख शक्तिपीठ /Mata Tripura – A major Shaktipeeth of Tripura Sundari Devi

माता त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी देवी के एक प्रमुख शक्तिपीठ 

माता त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी देवी के शक्तिपीठ में उनके दायां पैर गिरा था। यह देवी का एक प्रमुख शक्तिपीठ है, जो भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य त्रिपुरा के उज्जयन्तपुर नगर निगम क्षेत्र में स्थित है। इस पीठ को माता त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी की नाभि शक्तिपीठ के रूप में भी जाना जाता है।
धर्मिक कथाओं के अनुसार, त्रिपुरा सुंदरी ने भगवान शिव के प्रेरणा से दैत्य राजा बन को नष्ट करने के लिए उनके दायां पैर से त्रिपुर नगर को गिरा दिया था। इसके बाद उन्होंने अपने शक्तिपीठ के रूप में उस स्थान को स्थापित किया, जो आज त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है।
यह त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ भारतीय धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है और यहां दर्शनार्थी श्रद्धालु भगवती त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी की पूजा अर्चना करते हैं।
यह जानकारी आपके द्वारा प्रस्तुत किये गए सवाल के अनुसार है। यदि आपके पास अधिक जानकारी चाहिए तो आप अधिकृत स्रोतों से सत्यापित कर सकते हैं।

शक्तिपीठ त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी माता का दायां पैर गिरने की कथा

 हिंदू मिथकों और पौराणिक कथाओं में प्रसिद्ध है। यह कथा भारतीय महाभारत के विभिन्न ग्रंथों, विष्णु पुराण, वामन पुराण और अन्य पौराणिक स्रोतों में विभिन्न रूपों में उपलब्ध है। निम्नलिखित एक संक्षेपित रूप में त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी का दायां पैर गिरने का विवरण है:
कथा के अनुसार, त्रिपुरा सुंदरी एक प्रमुख शक्तिपीठ के रूप में पूजी जाने वाली माता थीं। दैत्य राजा बन नामक विकराल राक्षस राजा ने अपनी विशाल सैन्य सहित भगवान शिव के विरुद्ध युद्ध की योजना बनाई। उन्होंने त्रिपुर नगर शक्ति से भरा था और मनुष्यों को शोकाकुल किया था। उनकी ताक़त इतनी अधिक थी कि उन्हें ब्रह्मा द्वारा भी विजय प्राप्त नहीं किया जा सकता था।
दैत्य राजा बन का अत्याचार और क्रूरता देखकर देवता और मनुष्य समुदाय बहुत परेशान थे। इस अवसर पर भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण किया और भूमंडलीय स्थान पर प्रकट होकर बन के खिलाफ लड़ने का संकेत दिया।
दैत्य राजा बन ने वामन रूपी भगवान से कहा कि वह कितने ही भूमिगत जगहों पर कदम रख सकते हैं, जिससे वह कृपा रूपी भूमंडलीय जगह पर कदम रखेंगे और दैत्य राजा बन को उससे वरदान मांगने का अवसर मिल जाएगा।
त्रिपुरा सुंदरी की दया भगवान वामन की ओर आकर्षित हो गई और वह उनके दायां पैर पर आकर विकराल दैत्य राजा बन को विनाश कर दिया। इस प्रकार, माता त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी का दायां पैर गिरने से दैत्य राजा बन का विनाश हो गया और उन्होंने अपने शक्तिपीठ के रूप में उस स्थान को स्थापित किया, जिसे त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है।
यह कथा भारतीय पौराणिक साहित्य में विभिन्न रूपों में प्रसिद्ध है और त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी माता के मंदिर में प्रतिवर्ष बड़े उत्सव और श्रद्धा के साथ मनाए जाते हैं।
कृपया ध्यान दें कि यह कथा पौराणिक कथा है और इसमें धार्मिक संदेह और प्रतिक्रिया के अवसरों पर अलग-अलग स्रोतों में भिन्न-भिन्न विवरण हो सकता है। धार्मिक जानकारी के लिए अधिकृत स्रोतों से सत्यापित करना सुनिश्चित करें।

 त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी माता के शक्तिपीठ कुछ  महत्वपूर्ण तथ्य 

1. त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य त्रिपुरा के उज्जयन्तपुर नगर निगम क्षेत्र में स्थित है।
2. माता त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी की नाभि शक्तिपीठ के रूप में भी जाना जाता है। इस पीठ को भारतीय महाभारत में वर्णित किया गया है।
3. त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी देवी को विष्णु पुराण, वामन पुराण और अन्य पौराणिक ग्रंथों में वर्णित किया गया है।
4. त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी माता के मंदिर में प्रतिवर्ष बड़े उत्सव और श्रद्धा के साथ मनाए जाते हैं।
5. यह त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ भारतीय धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है।
6. त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी का दायां पैर गिरने का विवरण हिंदू मिथकों में विभिन्न रूपों में प्रसिद्ध है।
7. माता त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी की पूजा और आराधना भक्तों के बीच विशेष श्रद्धा और भक्ति के साथ की जाती है।
8. इस पीठ पर वर्षभर में लाखों श्रद्धालु भगवती त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी के दर्शन करने आते हैं।



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