राम नवमी का क्या है महत्व कौन से पक्ष मनाई जाती

राम नवमी का क्या है महत्व कौन से पक्ष मनाई जाती What is the importance of Ram Navami and which side is it celebrated

राम नवमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो भगवान राम के जन्म के अवसर पर मनाया जाता है। यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है, जो हिन्दू पंचांग के अनुसार मार्च या अप्रैल महीने में होता है। इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था।
राम नवमी का महत्व उस विशेष प्रकरण को याद करने के लिए है जब भगवान राम ने मानव अवतार लेकर धरती पर अपनी प्रतिष्ठा स्थापित की थी। उनका जन्म धर्म और सच्चाई के प्रतीक के रूप में माना जाता है।
रामायण में भगवान राम के जीवन का कथा प्रस्तुत है, जिसमें उनकी पत्नी सीता का अपहरण, रावण के साथ युद्ध, और उनके धर्म के प्रति समर्पण की कहानी है।
राम नवमी पर हिन्दू लोग भजन, कीर्तन, पूजा, और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। इस दिन को बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है, भगवान राम की पूजा और स्मरण का एक अवसर होता है, जिससे उन्हें आध्यात्मिक उन्नति मिलती है और उनका जीवन सुख-शांति से भर जाता है। लोग मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं और अपने घरों में भी भगवान राम की मूर्तियों को सजाकर पूजा करते हैं।
राम नवमी के दिन विशेष रूप से रामायण कथा के पाठ, हवन, व्रत और भजन-कीर्तन किये जाते हैं। इस दिन को मनाने से लोग मानवता, धर्म, सच्चाई, और न्याय के मूल्यों को याद करते हैं और अच्छे कामों की ओर बढ़ने का संकल्प लेते हैं।

राम नवमी कौन से पक्ष 

रामनवमी हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है। यह हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है और इस दिन भगवान राम की जन्मोत्सव की धूमधाम से मनाई जाती है। रामनवमी का त्योहार हर साल चैत्र माह के अलग-अलग तिथियों पर मनाया जा सकता है, यह तिथि पंचांगिक परंपराओं और क्षेत्रीय धार्मिक आदतों के अनुसार भिन्न-भिन्न दिनों पर होती है।

राम नवमी के दिन मान्यता है कि पांच अति दुर्लभ योग

राम नवमी के दिन मान्यता है कि पांच अति दुर्लभ योग होते हैं, जिन्हें 'पंच दुर्लभ योग' भी कहा जाता है। ये पांच योग होते हैं:
  1. अमलकी योग: इस योग में, सूर्य और चंद्रमा दोनों आस्त होते हैं। इस योग का माना गया है कि यह बहुत ही शुभ होता है और किसी भी कार्य के लिए अनुकूल माना जाता है।
  2. व्यतिपात योग: इस योग में, सूर्य और चंद्रमा दोनों पूर्व या पश्चिम दिशा में होते हैं। इसे भी शुभ माना जाता है और यात्रा, शादी या नए कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है।
  3. केशव योग: इस योग में, चंद्रमा और शुक्र ग्रह दोनों एक ही राशि में होते हैं। यह भी शुभ माना जाता है और नये कार्यों के लिए अनुकूल होता है।
  4. ब्रह्म योग: इस योग में, सूर्य, चंद्रमा, और बृहस्पति ग्रह तीनों एक ही राशि में होते हैं। यह भी शुभ माना जाता है और नए शुभ कार्यों के लिए अनुकूल होता है।
  5. इन्द्र योग: इस योग में, सूर्य, चंद्रमा, और मंगल ग्रह तीनों एक ही राशि में होते हैं। यह भी शुभ माना जाता है और किसी भी शुभ कार्य के लिए अनुकूल होता है।
ये योग व्यक्तिगत और पारंपरिक मान्यताओं पर आधारित होते हैं और इन्हें ज्योतिष और वैदिक ग्रंथों में उल्लेख किया गया है।

त्योहार धार्मिक रामनवमी का जश्न मनाते

रामनवमी को विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है, लेकिन यह त्योहार धार्मिक और सामाजिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख तरीके हैं जिनसे लोग रामनवमी का जश्न मनाते हैं:
  1. मंदिरों में पूजा और भजन: रामनवमी पर मंदिरों में भगवान राम की मूर्ति को सजाया जाता है। पूजा, अर्चना, और आरती की जाती है और भक्त भजन गाते हैं।
  2. रामायण पाठ: इस दिन लोग रामायण के पाठ करते हैं, जिसमें भगवान राम की कथाएं होती हैं।
  3. संत समागम: कई स्थानों पर संत समागम और साधु-संतों के सत्संग आयोजित किए जाते हैं, जहां धार्मिक विचारों का आदान-प्रदान होता है।
  4. रामलीला: कुछ स्थानों पर रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान राम की कहानी को नाटक या रामलीला के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
  5. विशेष भोजन: कुछ लोग अपने घरों में विशेष प्रकार के प्रसाद तैयार करते हैं, जैसे मिठाईयाँ और पाक के आहार।
  6. सामाजिक कार्यक्रम: सामाजिक समूहों या समुदायों में भी रामनवमी के उत्सव का आयोजन किया जाता है, जहां समुदाय के सदस्यों को एकत्रित किया जाता है।
ये सभी तरीके हैं जिनसे लोग रामनवमी को मनाते हैं। यह त्योहार भगवान राम के जन्म के उत्सव के रूप में माना जाता है और लोग इसे धार्मिक और सामाजिक जीवन में उत्सव के रूप में आनंदित होकर मनाते हैं।


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