मां चन्द्रघण्टा का अर्थ और मंत्र,आरती,कथा और पूजा के फ़ायदे,Maa Chandraghanta Ka Arth,Mantr,Aarti,story Aur Pooja Ke Faayade
मां चन्द्रघण्टा का अर्थ और मंत्र,आरती,कथा और पूजा के फ़ायदे
हिंदू धर्म में, मां चंद्रघंटा देवी महादेवी का तीसरा नवदुर्गा स्वरूप हैं. इनका नाम चंद्र - घंटा है, जिसका अर्थ है "वह जिसके पास घंटी के आकार का आधा चंद्रमा है". इनके माथे पर घंटे के आकार में अर्द्ध चंद्र विराजमान है, इसी वजह से इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है
जाने कौन हैं माता चन्द्रघण्टा
मां चंद्रघंटा, दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं. इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी वजह से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है. इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है. इनके दस हाथ हैं. इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं. इनका वाहन सिंह है. इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है
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आराधना मंत्र मां चन्द्रघण्टा की
ध्यान मंत्र- वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। सिंहारूढा चन्द्रघण्टा यशस्विनीम्॥
- ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥
- सरल मंत्र: ॐ एं ह्रीं क्लीं
- उपासना मंत्र: पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता
- महामंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नसस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
- बीज मंत्र: ऐं श्रीं शक्तयै नम:
चन्द्रघण्टा माता की आरती
ॐ जय चंद्रघंटा माँ,मैया जय चंद्रघंटा माँसर्वजगत की स्वामिनी,सर्वजगत की स्वामिनी
कृपा सदा करना,ॐ जय चंद्रघंटा माँ
अर्ध-चंद्रमा माथे पर,रूप अति सुन्दर
मैया रूप अति सुन्दर,गृह गृह तुम्हारी पूजा
गृह गृह तुम्हारी पूजा,पूजत नारी नर
ॐ जय चंद्रघंटा माँ,तृतीय नव रातों में
माँ का ध्यान करो,मैया माँ का ध्यान करो
माँ से ममता पाओ,माँ से ममता पाओ
जय जयकारा करो,ॐ जय चंद्रघंटा माँ
दस भुज धारिणी मैया,असुरों का नाश करे
मैया असुरों का नाश करे,मोक्ष भक्त को दे माँ
मोक्ष भक्त को दे माँ,विपदा नित माँ हरे
ॐ जय चंद्रघंटा माँ,खड्ग खप्पर धारिणी
जगजननी है माँ,जगजननी है माँ
दिव्य करे साधक को,दिव्य करे साधक को
देती माँ करुणा,ॐ जय चंद्रघंटा माँ
कल्याणकारिणी मैया,दुखों का नाश करे
मैया दुखों का नाश करे,मंगल मंगल नित हो
मंगल मंगल नित हो,माँ की जो पूजा करे
ॐ जय चंद्रघंटा माँ,अनुपम रूप माँ
धर्म सदा ही बढे,मैया धर्म सदा ही बढे
काज सफल करो माता,काज सफल करो माता
द्वारे तेरे खड़े,ॐ जय चंद्रघंटा माँ
श्रद्धा पुष्प माता को,नित अर्पण करो
मैया नित अर्पण करो,माँ के ध्यान में रमकर
माँ के ध्यान में रमकर,जीवन सफल करो
ॐ जय चंद्रघंटा माँ,चंद्रघंटा माता की
आरती नित गाओ,आरती नित गाओ
कामना पूरी होगी,कामना पूरी होगी
माँ की शरण आओ,ॐ जय चंद्रघंटा माँ
ॐ जय चंद्रघंटा माँ,मैया जय चंद्रघंटा माँ
सर्वजगत की स्वामिनी,सर्वजगत की स्वामिनी
कृपा सदा करना,ॐ जय चंद्रघंटा माँ
ॐ जय चंद्रघंटा माँ,मैया जय चंद्रघंटा माँ
सर्वजगत की स्वामिनी,सर्वजगत की स्वामिनी
कृपा सदा करना,ॐ जय चंद्रघंटा माँ
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मां चन्द्रघण्टा की कथा
पौराणिक कथा ये है कि एक बार महिषासुर नाम के एक राक्षस ने स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया। उसने देवराज इंद्र को युद्ध में हराकर स्वर्गलोक पर विजय प्राप्त कर ली और स्वर्गलोक पर राज करने लगा। युद्ध में हारने के बाद सभी देवता इस समस्या के निदान के लिए त्रिदेवों के पास गए। देवताओं ने भगवान विष्णु, महादेव और ब्रहमा जी को बताया कि महिषासुर ने इंद्र, चंद्र, सूर्य, वायु और अन्य देवताओं के सभी अधिकार छीन लिए हैं और उन्हे बंदी बनाकर स्वर्ग लोक पर कब्जा कर लिया है। महिषासुर के अत्याचार के कारण देवताओं को धरती पर निवास करना पड़ रहा है। देवताओं की बात सुनकर त्रिदेवों को अत्यधिक क्रोध आ गया और उनके मुख से ऊर्जा उत्पन्न होने लगी। इसके बाद यह ऊर्जा दसों दिशाओं में जाकर फैल गई। उसी समय वहां पर देवी चंद्रघंटा ने अवतार लिया। भगवान शिव ने देवी को त्रिशूल, विष्णु जी ने चक्र दिया। इसी तरह अन्य देवताओं ने भी मां चंद्रघंटा को अस्त्र शस्त्र प्रदान किए। इंद्र ने मां को अपना वज्र और घंटा प्रदान किया। भगवान सूर्य ने मां को तेज और तलवार दिए। इसके बाद मां चंद्रघंटा को सवारी के लिए शेर भी दिया गया। मां अपने अस्त्र शस्त्र लेकर महिषासुर से युद्ध करने के लिए निकल पड़ीं। मां चंद्रघंटा का रूप इतना विशालकाय था कि उनके इस स्वरूप को देखकर महिषासुर अत्यंत डर गया। महिषासुर ने अपने असुरों को मां चंद्रघंटा पर आक्रमण करने के लिए कहा। सभी राक्षस से युद्ध करने के लिए मैदान में उतर गए। मां चंद्रघंटा ने सभी राक्षसों का संहार कर दिया। मां चंद्रघंटा ने महिषासुर के सभी बड़े राक्षसों को मार दिया और अंत में महिषासुर का भी अंत कर दिया।
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मां चन्द्रघण्टा की पूजा करने से ये फ़ायदे मिलते हैं
मां चंद्रघंटा की पूजा करते समय सुनहरे या पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना गया है. मान्यता है कि मां चंद्रघंटा को सफ़ेद कमल और पीले गुलाब की माला अर्पित करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं
मां चन्द्रघण्टा की पूजा के फ़ायदे
- मां चंद्रघंटा की आराधना से वीरता और निर्भयता आती है.
- इनकी पूजा करने से सौभाग्य, शांति, और वैभव की प्राप्ति होती है.
- मां चंद्रघंटा की पूजा से अहंकार नष्ट होता है.
- मान्यता है कि मां चंद्रघंटा अपने भक्तों के दुखों को दूर करती हैं.
- मां चंद्रघंटा की पूजा से जातक को साहसी और पराक्रमी बनने का वरदान मिलता है.
- मां चंद्रघंटा की पूजा से जातक के शरीर को तेज प्राप्त होता है.
- मां चंद्रघंटा की पूजा करने से जातक को आरोग्य, चिरायु और सुखी-संपन्न होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
- मां चंद्रघंटा की पूजा से व्यक्ति अनिद्रा और चिंता से निर्मुक्त होकर आनंद, ज्ञान, बौद्धिकता, साफ़गोई और अपने सटीक फ़ैसले से जग जीत लेता है.
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