होलिका दहन क्यों किया जाता है? जानिए इसका पौराणिक महत्व | holika dahan kyon kiya jaata hai? jaanie isaka pauraanik mahatv

होलिका दहन क्यों किया जाता है? जानिए इसका पौराणिक महत्व

क्यों किया जाता है होलिका दहन

धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्राचीन समय में हिरण्यकशिपु नाम का राक्षसों का राजा था। वह भगवान विष्णु का परम शत्रु था और साधु-संतों को भी विष्णुजी की पूजा करने से रोकता था और उन्हें दंड भी देता था। हिरण्यकशिपु के चार पुत्र थे, इनमें से सबसे बड़े पुत्र का नाम प्रह्लाद था।

प्रह्लाद जन्म से ही भगवान विष्णु का परम भक्त था। यह बात हिरण्यकशिपु को पसंद नहीं थी। उसने अपने पुत्र प्रह्लाद को विष्णुजी की भक्ति करने से कई बार मना किया, लेकिन वह नहीं माना। तब हिरण्यकशिपु ने अपने पुत्र प्रह्लाद का वध करने का कठोर निर्णय लिया।

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से लेकर पूर्णिमा तिथि तक हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को कई यातनाएं दीं और उसे मारने का प्रयास भी किया, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सकुशल और जीवित रहा। तब हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका को याद किया।

होलिका को भगवान ब्रह्मा से वरदान प्राप्त था कि उसे अग्नि जला नहीं सकती। तब हिरण्यकशिपु के कहने पर होलिका प्रह्लाद को साथ लेकर अग्नि में बैठ गई। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद को अग्नि जला न सकी और स्वयं होलिका उस अग्नि में जल गई।

उस दिन फाल्गुन पूर्णिमा तिथि थी। तभी से इस तिथि पर हर साल होलिका दहन करने की परंपरा शुरू हुई। इस दिन होलिका और प्रह्लाद की पूजा भी की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है।


होलिका दहन का पौराणिक महत्व

  • बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक: होलिका दहन हमें सिखाता है कि सत्य और धर्म की हमेशा विजय होती है।

  • सही और गलत के बीच शाश्वत संघर्ष की याद दिलाना: यह घटना हमें जीवन में नैतिकता और सच्चाई का महत्व समझाती है।

  • आत्मा की शुद्धि और मन की पवित्रता का प्रतिनिधित्व करना: होलिका दहन के माध्यम से नकारात्मकता और बुरी आदतों को जलाकर शुद्ध जीवन की ओर बढ़ने का संकेत मिलता है।

  • कृषि चक्र से जुड़ा होना: यह त्योहार फसल कटाई के समय आता है, जिससे कृषि और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।

  • देवताओं को भरपूर फ़सल के लिए प्रतीकात्मक अर्पण: यह मान्यता है कि होलिका दहन से वातावरण शुद्ध होता है और देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

  • आने वाले साल में समृद्धि और प्रचुरता के लिए उनका आशीर्वाद मांगना: होलिका दहन के साथ लोग अपने घरों में समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हैं।

  • नकारात्मक ऊर्जाओं का विनाश और वातावरण की शुद्धि: यह प्रक्रिया वातावरण से नकारात्मक शक्तियों को समाप्त करने का कार्य करती है।

  • बुरी आत्माओं को दूर भगाना: होलिका दहन की अग्नि में बुरी शक्तियों का नाश होता है, जिससे समाज और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।


निष्कर्ष

होलिका दहन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि यह एक संदेश भी है कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, सत्य और अच्छाई की हमेशा जीत होती है। यह पर्व हमें अपने भीतर की नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मकता अपनाने का अवसर प्रदान करता है।

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