अङ्गारक स्तोत्र ( मंगल स्तोत्र )
मंगल देवता का अंगारक नाम क्यों पड़ा ?
मंगल ने काशीपुरी में जाकर अपने नाम से एक शिवलिंग (अंगारकेश्वर) स्थापित किया और वहां तब तक तपस्या करते रहे, जब तक कि उनके शरीर से जलते हुए अंगार के समान तेज नहीं निकला । अंगार के समान तेज प्रकट होने से वह संसार में ‘अंगारक’ नाम से प्रसिद्ध हुए । भगवान शिव ने इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें ग्रह का पद प्रदान किया ।
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Angaraka stotra (Mangal Stotra) |
स्कन्दपुराण में मंगल देवता की प्रसन्नता के लिए ‘मंगल स्तोत्र’ या ‘अंगारक स्तोत्र’ का वर्णन है; जो इस प्रकार है
अङ्गारक स्तोत्र ( मंगल स्तोत्र ) - Angaraka stotra (Mangal Stotra)
अङ्गारकः शक्तिधरो लोहिताङ्गो धरासुतः ।
कुमारो मङ्गलो भौमो महाकायो धनप्रदः ॥ 1 ॥
ऋणहर्ता दृष्टिकर्ता रोगकृद्रोगनाशनः ।
विद्युत्प्रभो व्रणकरः कामदो धनहृत् कुजः ॥ 2 ॥
सामगानप्रियो रक्तवस्त्रो रक्तायतेक्षणः ।
लोहितो रक्तवर्णश्च सर्वकर्मावबोधकः ॥ 3 ॥
रक्तमाल्यधरो हेमकुण्डली ग्रहनायकः ।
नामान्येतानि भौमस्य यः पठेत्सततं नरः ॥ 4 ॥
ऋणं तस्य च दौर्भाग्यं दारिद्र्यं च विनश्यति ।
धनं प्राप्नोति विपुलं स्त्रियं चैव मनोरमाम् ॥ 5 ॥
वंशोद्द्योतकरं पुत्रं लभते नात्र संशयः ।
योऽर्चयेदह्नि भौमस्य मङ्गलं बहुपुष्पकैः ॥ 6 ॥
सर्वा नश्यति पीडा च तस्य ग्रहकृता ध्रुवम् ॥ 7 ॥
इति श्री मंगल स्तोत्रम् पूर्ण !!
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मंगल देव से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर - Mangal Dev Se Sambandhit Mahatvapoorn Prashn Uttar
मंगल के दान की सामग्री
मंगल दोष की शान्ति के लिए मंगलवार को इन चीजों का दान करे - मसूर की दाल, गेहूँ, मूंगा, रक्त चंदन, लाल वस्त्र, लाल पुष्प, तांबा, सोना, केसर, कस्तूरी और सामर्थ्यानुसार दक्षिणा । दान में श्रद्धा और सामर्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है । अत: जितनी चीजों का दान बन पड़े, श्रद्धा-भाव से करने पर उससे ही सभी देवता-ग्रह-नक्षत्र प्रसन्न हो जाते हैं ।
मंगल देवता (ग्रह) को अनुकूल (प्रसन्न) करने के उपाय
- हनुमानजी की आराधना (हनुमान चालीसा, सुंदरकाण्ड का पाठ और हनुमानजी को चोला चढ़ाने) से मंगल देवता संतुष्ट हो जाते हैं और अशुभ फल नहीं प्रदान करते हैं ।
- रुद्राभिषेक से मंगल ग्रह के विपरीत प्रभाव की शांति होती है ।
- मंगल देवता के नामों का पाठ करने से ऋण से मुक्ति मिलती है ।
- तांबे के भौम-यन्त्र को हनुमानजी की मूर्ति या चित्र के सामने रख कर उसकी लाल पुष्प और लाल चंदन से पूजा करने से शीघ्र ही मंगल ग्रह की अशुभता दूर होने लगती है ।
मंगल ग्रह के मंत्र-
मंगलवार को हनुमान जी को लाल वस्त्र और लाल सिंदूर जरूर चढ़ाएं। पुराने कर्जों से मुक्ति मिलेगी और मंगल दोष समाप्त होगा... 'ॐ धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभम। कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम।।
मंगल को खुश कैसे रखें?
सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और "ओम गं गणपतये नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। यदि संभव हो तो मंगलवार को रक्तदान करें। किसी विश्वसनीय स्रोत से मंगल यंत्र खरीदें और इसे वेदी पर रखें। मंगल देव को प्रसन्न करने के लिए आप यंत्र की पूजा, आराधना और प्रसाद चढ़ा सकते हैं।
कमजोर मंगल को मजबूत कैसे करें?
कमजोर मंगल के लिए सबसे प्रभावी ज्योतिषीय उपाय। यदि आपकी कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ या कमजोर है, तो आप निम्नलिखित उपायों का उपयोग करके इसे मजबूत कर सकते हैं: जब भी आप तनावग्रस्त या उदास हों तो "ओम भो भोमाय नमः" मंत्र का जाप करें। मंत्र आपको बेहतर महसूस कराएगा और साथ ही मंगल के नकारात्मक प्रभावों को भी कम करेगा।
मंगल को कैसे संतुष्ट करें?
मंगल ग्रह को प्रभावित करने के लिए दान करें । आप दान कर सकते हैं: लाल मसूर की दाल, मूंग, सौंफ, मूंग, गेहूं, लाल कनेर के फूल, तांबे के बर्तन और गुड़ आदि। अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए मंगल यंत्र का उपयोग करें। मंगल ग्रह की कृपा के लिए जो रुद्राक्ष पहने जा सकते हैं वे हैं: 6 मुखी रुद्राक्ष और 11 मुखी रुद्राक्ष।
मंगल पीड़ित है तो कैसे पता चलेगा?
निम्न ऊर्जा स्तर : कुछ मामलों में, पीड़ित मंगल निम्न ऊर्जा स्तर और प्रेरणा की कमी में योगदान कर सकता है। व्यक्ति को गतिविधियों को शुरू करने और बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है। रिश्ते की चुनौतियाँ: मंगल रिश्तों को भी नियंत्रित करता है, खासकर रोमांटिक रिश्तों को।
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