Shivratri,महाशिवरात्रि , Mahashivratri

Shivratri,महाशिवरात्रि , Mahashivratri

हर साल महाशिवरात्रि का पावन पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि का यह पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन मंदिरों में सुबह से ही श्रध्दालुओं की भीड़ उमड़ती है। लोग अपने आराध्य के दर्शन के लिए लंबी कतारों में लग कर अपनी बारी का इंतजार करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन भोले बाबा के मंदिरों को भी रंग बिरंगे लाइट और फूल मालाओं से सजाया जाता है। साथ ही भोले बाबा और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखे जातें हैं। साथ ही भगवान शंकर के पंसद के भोग लगाए जाते हैं। इस दिन बेलपत्र, भांग, धतूरा, मदार पुष्प, सफेद चंदन, सफेद फूल, गंगाजल और गाय के दूध से भोले शंकर की पूजा की जाती है। वैसे तो शिवलिंग पर मात्र एक लोटा जल और बेलपत्र अर्पित करने से ही महादेव प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे प्रसाद और भोग भी हैं जिन्हें शिव जी को अर्पित करने से महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

 (Mahashivratri 2024 )शिवरात्रि पूजन शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि - 8 मार्च 2024 दिन शुक्रवार
पहले पहर की पूजा का समय - 8 मार्च 2024 को शाम 6 बजकर 25 मिनट से लेकर 9 बजकर 28 मिनट तक।
दूसरे पहर की पूजा का समय - 8 मार्च 2024 को रात्रि 9 बजकर 28 मिनट से 

महाशिवरात्रि शुभ योग

शिव योग- यह योग 8 मार्च 2024 को सुबह 4 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा और 9 मार्च 2024 को देर रात्रि 12 बजकर 46 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। शिव से जुड़ा यह योग शिवरात्रि के पर्व पर बन रहा है जो महादेव की कृपा पाने कि लिए बेहद शुभ है। मान्यता है कि इस योग में शिव आराधना करने से महादेव जल्दी प्रार्थना स्वीकार कर लेते हैं। यह योग भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • सिद्ध योग- यह योग 9 मार्च 2024 की देर रात्रि 12 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा और शाम 8 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। यह योग सिद्धि प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है। इसी के साथ यह योग निशिता काल मुहूर्त में पड़ रहा है। इस दौरान शिव आराधना करने से आपकी पूजा सिद्ध मानी जाएगी। जिस पूजा पद्धति के माध्यम से आप भोलेनाथ की पूजा इस योग में करते हैं वह सिद्धी को प्राप्त होगी।
सर्वार्थ सिद्धि योग- यह योग 8 मार्च 2024 को सुबह 6:38 बजे से शुरू होगा और 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। यह योग कार्यों को सिद्ध करने और उसमें सफलता प्रदान करने वाला होता है। ऐसे में शिवरात्रि वाले दिन महादेव की उपासना करने से आपको हर कार्य में प्रसिद्धि मिलेगी।

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महाशिवरात्रि की सरल पूजा विधि

  1. सबसे पहले शिव पूजा का संकल्प लें। यदि आप सुबह पूजा कर रहे हैं तो स्नान कर पूजा करें और अगर शाम को पूजा करेंगे तो शाम के समय स्नान कर महादेव की पूजा संकल्प लें।
  2. इसके बाद एक लोटा जल मंदिर में जाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इसके बाद रोली, सिन्दूर, चावल, फल, फूल, जनेऊ, वस्त्र, धूप, दीप, सप्त धान्य, बेलपत्र, धतूरे के फूल, आंकड़े के फूल आदि सामग्री को एकत्रित कर लें और उसके बाद पंचामृत बनाकर रख लें।
  3. फिर विधि विधान पूजा करें। 108 बार ‘ॐ नमः शिवाय’ कहकर सभी सामग्री भगवान शिव को अर्पित करें।
  4. इस दिन शिव मंत्रों का जाप जरूर करें। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन रुद्राष्टक,
  5. शिवाष्टक और शिव स्तुति का पाठ जरूर करें।
  6. महाशिवरात्रि के पर्व पर बहुत से लोग चारों पहर की पूजा करते हैं। तो जो लोग भगवान शिव की चारों पहर की पूजा करना चाहते हैं उन्हें रात्रि के पहले पहर में दूध, दूसरे में दही, तीसरे पहर में घी और चौथे पहर में शहद से पूजन करना चाहिए। ध्यान रखें कि हर पहर में जल का प्रयोग अवश्य करें। ऐसा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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🙏नमस्ते दोस्तों आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग पर और हमारे ब्लॉग पोस्ट पर हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं से सम्बंधित है और मुझे खुशी है कि मेरा जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ और मुझे अपने देवी-देवताओं के बारे में पढ़ने की रुचि बहुत है और दोस्तों मुझे लगता है कि मैं अपने हिंदू भाइयों और बहनों के लिए हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं से सम्बंधि ब्लॉग पोस्ट करूंगा और हिन्दू धर्म में देवताओं का ज्ञान एक महत्वपूर्ण और उच्चतम स्तर का ज्ञान है। हिन्दू धर्म में अनंत संख्या में देवी-देवताओं की पूजा और आराधना की जाती है, जो सभी विभिन्न गुणों, शक्तियों, और प्रतिष्ठाओं के साथ सम्मानित हैं। विभिन्न पुराणों, ग्रंथों, और धार्मिक ग्रंथों के माध्यम से, हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं के गुण, विशेषताएं, और महत्व का अध्ययन किया जाता है अगर आपको हमारा ब्लॉग पोस्ट पसंद आया हो तो आप इसे सोशल मीडिया फेसबुक व्हाट्सएप आदि पर जरूर शेयर करें। और कृपया हमें कमेंट करके बताएं कि आपको हमारे ब्लॉग पोस्ट की जान कारी कैसे लगी ! "सनातन अमर था अमर हे अमर रहेगा" !!सनातन_धर्म_ही_सर्वश्रेष्ठ_है!!

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