नवरात्रि के दूसरे मां ब्रह्मचारिणी की पूजा,Navratri Ke Second Mata Brahmacharini Kee Pooja

नवरात्रि के दूसरे मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी को तपस्या के लिए जाना जाता है. माना जाता है कि वह अपने भक्तों को शक्ति, बुद्धि, और ज्ञान का आशीर्वाद देती हैं. 

नवरात्रि के दूसरे दिन का शुभ रंग

सफ़ेद मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए आज के दिन मां दुर्गा को सफ़ेद रंग के पुष्प अर्पित करने चाहिएमां ब्रह्मचारिणी को चीनी और मिश्री प्रिय है. अतः भोग में उन्हें लाल रंग के फल, चीनी और मिश्री अर्पित करें. पूजा के अंत में आरती-अर्चना कर सुख, समृद्धि और आय वृद्धि की कामना !

Navratri Ke Second Mata Brahmacharini Kee Pooja

मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए उनके बीज मंत्र

'ह्रीं श्री अम्बिकायै नमः' का 108 बार जाप किया जा सकता है. इसके अलावा 'या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।' मंत्र का जाप करना भी बेहद शुभ माना जाता है

नवरात्रि के दूसरे दिन की पूजा विधि:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
  • पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें.
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
  • मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें.
  • मां को अर्घ्य दें.
  • मां को अक्षत, सिन्दूर, और लाल पुष्प अर्पित करें.
  • प्रसाद के रूप में फल और मिठाइयाँ चढ़ाएं.
  • धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें.
  • फिर मां की आरती करें.
  • मां को भोग भी लगाएं.
  • इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ़ सात्विक चीज़ों का भोग लगाया जाता है

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से जुड़े कुछ लाभ

  • व्यक्ति के सभी काम पूरे होते हैं.
  • विजय की प्राप्ति होती है.
  • हर तरह की परेशानियां खत्म होती हैं.
  • तन-मन के सभी दोष दूर होते हैं.
  • कार्यों में आ रही रुकावटें, बाधाएं दूर हो जाती हैं.
  • परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है.
  • जीवन में संयम, बल, सात्विक, आत्मविश्वास की वृद्धि होती है.
  • जीवन में उत्साह व उमंग के साथ-साथ धैर्य व साहस का समावेश होता है.
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व:
  • इनकी पूजा से भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं.
  • इनकी पूजा से यम, नियम के बंधन से मुक्ति मिलती है.
  • इनकी पूजा से व्यक्ति में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है.
  • इनकी पूजा से कार्यों में आ रही रुकावटें, बाधाएं दूर हो जाती हैं और विजय की प्राप्ति होती है.
  • इनकी पूजा से हर तरह की परेशानियां भी खत्म होती हैं.
  • इनकी पूजा से व्यक्ति में दृढ़निश्चय के साथ अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहने की शक्ति आती है.
  • इनकी पूजा से व्यक्ति की संकल्प शक्ति मज़बूत होती है.
  • इनकी पूजा से व्यक्ति को त्याग, ब्रह्मचर्य, वैराग्य, तप जैसे गुणों की प्राप्ति होती है.
  • इनकी पूजा से व्यक्ति के सभी काम पूरे होते हैं

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